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शुरू नहीं हुआ बसों का संचालन, बस मालिक कर रहे नियमों में छूट देने की मांग

आगर मालवा में सरकार के आदेश के बाद भी बस सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं. बस संचालकों का कहना है कि बसों में 50 प्रतिशत सवारी बैठाने और टैक्स में छूट नहीं मिलने के कारण हमें काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.

Buses did not operate in Agar Malwa
शुरू नहीं हुआ बसों का संचालन
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Published : Jun 22, 2020, 1:00 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 7:50 PM IST

आगर मालवा। अनलॉक-1 में परिवहन शुरू करने के लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. इसके बाद भी सुसनेर बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है. सरकार के नए नियमों के चलते बस मालिकों ने बस संचालन शुरू करने से मना कर दिया है. बस संचालकों का कहना है कि, बसों में 50 प्रतिशत सवारी बैठाने और टैक्स में छूट नहीं देने के कारण हमें काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. इसी के चलते बसों का संचालन बन्द कर रखा है, बस मालिकों ने सरकार से नियमों में छूट दिए जाने की मांग की है.

शुरू नहीं हुआ बसों का संचालन

सुसनेर के नवीन बस स्टैंड से करीब 50 से अधिक बसों का संचालन होता है. यहां से इंदौर, कोटा, उज्जैन, झालावाड़, पिडावा, आगर, नलखेडा, सांरगपुर, डग, जीरापुर, खिलचीपुर, राजगढ-ब्यावरा व भोपाल तक लोग सफर करते हैं. इन बसों पर करीब 150 से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं, जो पिछले 3 महीने में लाॅकडाउन के समय से ही बेरोजगार बैठे हैं. इनमें से अधिकांश लोगों ने तो अब अपना मजदूरी का काम ही बदल दिया है. घर चलाने के लिए कोई हम्माल बन गया है, तो कोई सब्जी बेचने लग गया है. बसों पर काम करने वाले कर्मचारियों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर कलेक्टर तक गुहार लगाई गई, लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिली.

बता दें कि सरकार ने देश में अनलॉक तो कर दिया, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में बिगड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कदम नहीं उठाए. इसमें परिवहन से जुड़ा यह मसला भी आता है कि बसों पर काम करने वाले लोगों का अब क्या होगा. क्योंकि अनलॉक में भी बसें बंद हैं. ऐसे में सैकडों लोग आज भी बेरोजगार घुम रहे हैं, तो वहीं सैकडों किलोमीटर का सफर करने के लिए मध्यमवर्गीय परिवार आज भी बसों की राह ताक रहे हैं.

आगर मालवा। अनलॉक-1 में परिवहन शुरू करने के लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. इसके बाद भी सुसनेर बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है. सरकार के नए नियमों के चलते बस मालिकों ने बस संचालन शुरू करने से मना कर दिया है. बस संचालकों का कहना है कि, बसों में 50 प्रतिशत सवारी बैठाने और टैक्स में छूट नहीं देने के कारण हमें काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. इसी के चलते बसों का संचालन बन्द कर रखा है, बस मालिकों ने सरकार से नियमों में छूट दिए जाने की मांग की है.

शुरू नहीं हुआ बसों का संचालन

सुसनेर के नवीन बस स्टैंड से करीब 50 से अधिक बसों का संचालन होता है. यहां से इंदौर, कोटा, उज्जैन, झालावाड़, पिडावा, आगर, नलखेडा, सांरगपुर, डग, जीरापुर, खिलचीपुर, राजगढ-ब्यावरा व भोपाल तक लोग सफर करते हैं. इन बसों पर करीब 150 से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं, जो पिछले 3 महीने में लाॅकडाउन के समय से ही बेरोजगार बैठे हैं. इनमें से अधिकांश लोगों ने तो अब अपना मजदूरी का काम ही बदल दिया है. घर चलाने के लिए कोई हम्माल बन गया है, तो कोई सब्जी बेचने लग गया है. बसों पर काम करने वाले कर्मचारियों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर कलेक्टर तक गुहार लगाई गई, लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिली.

बता दें कि सरकार ने देश में अनलॉक तो कर दिया, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में बिगड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कदम नहीं उठाए. इसमें परिवहन से जुड़ा यह मसला भी आता है कि बसों पर काम करने वाले लोगों का अब क्या होगा. क्योंकि अनलॉक में भी बसें बंद हैं. ऐसे में सैकडों लोग आज भी बेरोजगार घुम रहे हैं, तो वहीं सैकडों किलोमीटर का सफर करने के लिए मध्यमवर्गीय परिवार आज भी बसों की राह ताक रहे हैं.

Last Updated : Jun 22, 2020, 7:50 PM IST
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