आगर मालवा। गौ सेवा में संलग्न सभी प्रमुख समाजसेवी संगठनों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा संत समाज से चर्चा कर मध्यप्रदेश में नई नीति बनायी जाएगी. गौ अभयारण्य सालरिया को एक आदर्श स्वरूप में विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को आगर-मालवा जिले के गौ-अभयारण्य सालरिया में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और संत समाज से इस संबंध में चर्चा की और उनके सुझाव लिए. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गौ माता की सेवा और इससे आज की नयी पीढ़ी को जोड़ने के लिए गौ पर्यटन की नीति बनायी जाएंगी और सुविधाएं बढ़ायी जाएंगी.
नई गौ नीति के दिए संकेत
उन्होंने बैठक में उपस्थित देश के विभिन्न हिस्सों से आये संस्थाओं के प्रतिनिधियों और संत समाज के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि मध्यप्रदेश में स्थापित विभिन्न गौ शालाओं के संचालन के लिए क्या स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आना चाहिए. सीएम ने कहा कि आज गोपाष्टमी के पावन अवसर पर अंतर्मन से यह भाव आया है कि मध्यप्रदेश में गौ-सेवा के संबंध में एक नीति बनायी जाए.
गौ-सेवा में हो आस्था और समर्पण
उन्होंने कहा कि आज ही वह पावन दिन है जब भगवान श्रीकृष्ण और बलराम पहली बार गौ माता को चराने निकले थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में गौ-सेवा के लिए समेकित नीति बनाए जाने की शुरुआत की गई है. गौ-शालाओं का संचालन केवल सरकार अकेले करे इससे बेहतर है कि इसमें श्रद्धा, आस्था और समर्पण भाव रखने वाली विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए. मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जल्द ही इस संबंध में सभी संस्थाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग रखी जाएगी. ताकि सभी के सुझाव वृहद स्वरूप में प्राप्त हो सकें. इसी के आधार पर मध्यप्रदेश में नई गौ नीति बनायी जाएगी.
गौ शालाओं के संचालन के लिए आगे आए स्वयंसेवी संस्थाएं
मुख्यमंत्री ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गौ मूत्र से बने कीटनाशक हमें जहरीले केमिकल से मुक्ति दिला सकते हैं. वहीं गौ काष्ठ और अन्य उत्पाद आज अधिक प्रासंगिक है. सीएम शिवराज सिंह ने गौ कैबिनेट की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी उपस्थित संत समाज को दी. उन्होंने कहा कि हमारे सामने गौ शालाओं के संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे रखने और इन गौशालाओं में बेहतर संसाधन के लिए गौ ग्रास के रूप में न्यूनतम राशि प्राप्त करने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि हम केवल गौ ग्रास पर ही निर्भर नहीं रहेंगे. गौ शालाओं के संचालन और नवीन निर्माण के लिए पंच-परमेश्वर और अन्य संबंधित विभागों के विभिन्न योजनाओं का भी सहारा लिया जाएगा.
बीमार गायों के लिए अलग से बंदोबस्त
बैठक में क्षेत्रीय विधायक राणा विक्रम सिंह ने कहा कि सालरिया के गौ अभयारण्य का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है. इसके कारण सालरिया को एक पहचान मिली है लेकिन अब दुर्भाग्यवश यहां आसपास के जिलों से वृद्ध बीमार और ऐसे ही गायें जो पॉलीथीन खाने के कारण मौत हो चुकी है. उन्हें लाकर यहां छोड़ा जा रहा है. ऐसे में उनकी मृत्यु पर हमें अपयश का भागी भी बनना पड़ता है. शासन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह है कि ऐसी बीमार गायों को वे जहां पर है वहीं पर सेवा की जाए और उन्हें यहां नहीं लाया जाए.