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बड़ी लापरवाही : आरटीओ ऑफिस में पड़े रहे 50 ऑक्सीजन सिलेंडर, भटकते रहे मरीज - lying in RTO office

आगर मालवा में मरीजो की जान से किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है. इसकी एक बानगी रविवार को यहां के आरटीओ कार्यालय में देखने को मिली.सुबह से यहां रखे 50 ऑक्सीजन सिलेंडर रखे थे, दूसरी तरफ लोग अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए भटकते रहे. लेकिन प्रशासन कुंभकरण की नींद में सोता नजर आया.

50 oxygen cylinders lying in RTO office
आरटीओ ऑफिस में पड़े रहे 50 ऑक्सीजन सिलेंडर
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Published : Apr 26, 2021, 6:38 AM IST

आगर मालवा। ऑक्सीजन की किल्लत से पूरे देशभर के अस्पताल जूझ रहे हैं. वहीं आगर मालवा जिले में ऑक्सीजन की किल्लत अब सस्पेंस मोड़ में चली गई है. दिखाने के लिए यहां प्राण वायु की कोई कमी नहीं है. वहीं वास्तविक स्थिति यह है कि कोरोना के चलते लोग रोज मर रहे हैं. रविवार की सुबह से जिला अस्पताल में लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए एक टोकन नुमा पर्ची लेकर घूमते दिखाई दिए जब इनसे पूछा तो बताया कि घंटों से यहां ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर जिला परिवहन कार्यालय से आ रहे हैं. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम जिला परिवहन कार्यालय पहुंची तो देखा कि सिलेंडर से भरी गाड़ी खड़ी है और वहां मौजूद अधिकारी कुर्सी पर नींद ले रहे थे. वहां चालक से पूछा तो उसने बताया कि वह दो-ढाई घंटे से यहां खड़े होकर वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

  • आरटीओ ऑफिस पंहुचे एसडीएम

जब आरटीओ आफिस में तैनात पटवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब तक वरिष्ठ अधिकारी नही बोलेंगे, तब तक वाहन यहां से रवाना नही कर सकते है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव ने वाहन अस्पताल भेजने को लेकर अधिकारियों से मिन्नतें की, लेकिन तैनात अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का हवाला देते रहे,

ऐसे में एसडीएम राजेंद्र रघुवंशी वहां पहुंचे उन्होंने कहा कि यहां बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में ऑक्सीजन डालकर अस्पताल भेजे जाते हैं. जब अस्पताल में जरूरत होती है तो ही यहां से वाहन भेजते हैं. जब अधिकारी को ईटीवी भारत द्वारा अस्पताल की स्थिति से अवगत कराया गया, तब कही जाकर सिलेंडर से भरी गाड़ी को आरटीओ ऑफिस से जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया.

डॉक्टर्स से अभद्रता, पैसे लेकर ऑक्सीजन चढ़ाने का आरोप

  • अस्पताल पहुंचते ही सिलेंडर लेने की मची होड़

यहां जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन की गाड़ी पहुंचते ही मरीजों के अटेंडर गाड़ी के पीछे दौड़ लगाने लगे और वितरण केंद्र पर पहुंचकर लाइन में खड़े हो गए जहां बारी-बारी से टोकन लेकर उन्हें ड्यूटी कर्मचारी ने सिलेंडर दिए, यहां सिलेंडर लेने आए एक मरीज के अटेंडर ने बताया कि वार्ड में ऑक्सीजन की कमी से 6 मरीजों की मौत हो गई है हालांकि इस बात की पुष्टि किसी भी अधिकारी ने नहीं की. दरअसल मरीजों के वार्ड तक ऑक्सीजन सिलेंडर देने का काम अब तक अस्पताल प्रबंधन खुद करता आ रहा था लेकिन देशभर से आ रही ऑक्सीजन की किल्लत से मरीजों की मौत की खबरों के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का काम अस्पताल प्रबंधन से जिला प्रशासन ने अपने हाथ में ले लिया, जिसके लिए पटवारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है जो डॉक्टर की पर्ची पर सिलेंडर उपलब्ध कराते हैं.

  • 8 किमी दूर रिफिल हो रही थी ऑक्सीजन

प्रशासन ने जिला अस्पताल से 8 किलोमीटर दूर जिला परिवहन कार्यालय में बाहर से रिफिल कर मंगवाए गए बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों को उतार लिया, इसके बाद इन बड़े सिलेंडरों से यहां छोटे सिलेंडरों को रिफिल किया. उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है. इस प्रकिया में काफी देरी हो रही है. जिससे मरीजों को भी ऑक्सीजन मिलने में देर होती है. और उनकी मौतें हो रही है.

आगर मालवा। ऑक्सीजन की किल्लत से पूरे देशभर के अस्पताल जूझ रहे हैं. वहीं आगर मालवा जिले में ऑक्सीजन की किल्लत अब सस्पेंस मोड़ में चली गई है. दिखाने के लिए यहां प्राण वायु की कोई कमी नहीं है. वहीं वास्तविक स्थिति यह है कि कोरोना के चलते लोग रोज मर रहे हैं. रविवार की सुबह से जिला अस्पताल में लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए एक टोकन नुमा पर्ची लेकर घूमते दिखाई दिए जब इनसे पूछा तो बताया कि घंटों से यहां ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर जिला परिवहन कार्यालय से आ रहे हैं. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम जिला परिवहन कार्यालय पहुंची तो देखा कि सिलेंडर से भरी गाड़ी खड़ी है और वहां मौजूद अधिकारी कुर्सी पर नींद ले रहे थे. वहां चालक से पूछा तो उसने बताया कि वह दो-ढाई घंटे से यहां खड़े होकर वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

  • आरटीओ ऑफिस पंहुचे एसडीएम

जब आरटीओ आफिस में तैनात पटवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब तक वरिष्ठ अधिकारी नही बोलेंगे, तब तक वाहन यहां से रवाना नही कर सकते है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव ने वाहन अस्पताल भेजने को लेकर अधिकारियों से मिन्नतें की, लेकिन तैनात अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का हवाला देते रहे,

ऐसे में एसडीएम राजेंद्र रघुवंशी वहां पहुंचे उन्होंने कहा कि यहां बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में ऑक्सीजन डालकर अस्पताल भेजे जाते हैं. जब अस्पताल में जरूरत होती है तो ही यहां से वाहन भेजते हैं. जब अधिकारी को ईटीवी भारत द्वारा अस्पताल की स्थिति से अवगत कराया गया, तब कही जाकर सिलेंडर से भरी गाड़ी को आरटीओ ऑफिस से जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया.

डॉक्टर्स से अभद्रता, पैसे लेकर ऑक्सीजन चढ़ाने का आरोप

  • अस्पताल पहुंचते ही सिलेंडर लेने की मची होड़

यहां जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन की गाड़ी पहुंचते ही मरीजों के अटेंडर गाड़ी के पीछे दौड़ लगाने लगे और वितरण केंद्र पर पहुंचकर लाइन में खड़े हो गए जहां बारी-बारी से टोकन लेकर उन्हें ड्यूटी कर्मचारी ने सिलेंडर दिए, यहां सिलेंडर लेने आए एक मरीज के अटेंडर ने बताया कि वार्ड में ऑक्सीजन की कमी से 6 मरीजों की मौत हो गई है हालांकि इस बात की पुष्टि किसी भी अधिकारी ने नहीं की. दरअसल मरीजों के वार्ड तक ऑक्सीजन सिलेंडर देने का काम अब तक अस्पताल प्रबंधन खुद करता आ रहा था लेकिन देशभर से आ रही ऑक्सीजन की किल्लत से मरीजों की मौत की खबरों के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का काम अस्पताल प्रबंधन से जिला प्रशासन ने अपने हाथ में ले लिया, जिसके लिए पटवारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है जो डॉक्टर की पर्ची पर सिलेंडर उपलब्ध कराते हैं.

  • 8 किमी दूर रिफिल हो रही थी ऑक्सीजन

प्रशासन ने जिला अस्पताल से 8 किलोमीटर दूर जिला परिवहन कार्यालय में बाहर से रिफिल कर मंगवाए गए बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों को उतार लिया, इसके बाद इन बड़े सिलेंडरों से यहां छोटे सिलेंडरों को रिफिल किया. उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है. इस प्रकिया में काफी देरी हो रही है. जिससे मरीजों को भी ऑक्सीजन मिलने में देर होती है. और उनकी मौतें हो रही है.

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