आगर-मालवा। सुसनेर जैन समाज ने दिगम्बर मुनी विद्यानंद महाराज के देवलोकगमन पर मौन जुलूस निकालकर भावांजली दी. जुलूस त्रिमूर्ति मंदिर पहुंचा जहां दर्शन सागरजी महाराज ने सभा को संबोधित किया, इस दौरान जैन समाज के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे.
मौन जुलूस की शुरूआत सराफा बाजार स्थित पार्श्वनाथ बड़ा जैन मंदिर से की गई. जो शुक्रवारीया बाजार, हाथी दरवाजा, सांई तिराहा, डाक बंगला रोड से होते हुएं इंदौर-कोटा राजमार्ग स्थित त्रिमूर्ति मंदिर पहुंचा, यहां पर आचार्य श्री विद्यानंदजी महाराज के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर दो मिनट का मौन रखकर भावांजलि अर्पित की गई.
दर्शन सागरजी महाराज ने कहा कि इस दुनिया में जो आया है, वो अमर नहीं रहेगा, वह किसी न किसी दिन इस दुनिया से जाएगा ही, लेकिन जो अच्छा काम कर रहा है. विद्यानंदजी महाराज ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया था. वह पहले संत थे जिन्होंने सबसे पहले राष्ट्रसंत की उपाधी प्राप्त की थी, इसके अलावा उन्होंने अष्टापद की यात्रा भी की थी. उन्होंने 75 दिक्षाएं दी, जिसमें 57 मुनि और18 छुल्लक शामिल हैं.