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सुसनेर के प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर का किया गया जीर्णोद्धार, युवाओं ने की पहल

सुसनेर के सबसे प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर का 60 साल बाद जीर्णोद्धार करवाया गया है. ये काम अखिल भारतीय सौंधिया क्षत्रिय समाज के युवाओं ने जनसहयोग से एकत्रित की गई 4 लाख रूपये की राशि से करवाया है.

प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर का किया गया जीर्णोद्धार
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Published : Sep 20, 2019, 5:59 PM IST

आगर-मालवा। सुसनेर के सबसे प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर का 60 साल बाद जीर्णोद्धार करवाया गया है. ये काम अखिल भारतीय सौंधिया क्षत्रिय समाज के युवाओं ने जनसहयोग से एकत्रित की गई 4 लाख रूपये की राशि से करवाया है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर साठ साल पहले विवाद हुआ था, जिसके चलते भगवान की मूर्तियां इतवारिया बाजार में स्थित चंवरे के मंदिर में रखी गईं थीं.

प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर का किया गया जीर्णोद्धार


यह मंदिर बहुत पुराना होने के कारण खंडहर में तब्दील होता जा रहा था, साठ वर्ष पहले इस मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा था, जिसके चलते राधा कृष्ण की प्रतिमाओं को इतवारिया बाजार के चंवरे के मंदिर में रखा गया था. लेकिन सौंधिया क्षत्रिय समाज के लोगों में आपसी विवाद के चलते भगवान चंवरे के मंदिर में ही रखे रह गए और मंदिर का निर्माण भी अधर में लटक गया था.


इस पहल की शुरूआत करने वाले महेन्द्र सिंह कांवल ने बताया कि सामाजिक लोगों से 4 लाख रूपये की राशि एकत्रित कर तीसरी बार मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया है. जिसके तहत मंदिर के गर्भगृह में मार्बल तो परिसर में कोटा स्टौन लगाए गए हैं. अब भगवान का मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है.

आगर-मालवा। सुसनेर के सबसे प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर का 60 साल बाद जीर्णोद्धार करवाया गया है. ये काम अखिल भारतीय सौंधिया क्षत्रिय समाज के युवाओं ने जनसहयोग से एकत्रित की गई 4 लाख रूपये की राशि से करवाया है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर साठ साल पहले विवाद हुआ था, जिसके चलते भगवान की मूर्तियां इतवारिया बाजार में स्थित चंवरे के मंदिर में रखी गईं थीं.

प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर का किया गया जीर्णोद्धार


यह मंदिर बहुत पुराना होने के कारण खंडहर में तब्दील होता जा रहा था, साठ वर्ष पहले इस मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा था, जिसके चलते राधा कृष्ण की प्रतिमाओं को इतवारिया बाजार के चंवरे के मंदिर में रखा गया था. लेकिन सौंधिया क्षत्रिय समाज के लोगों में आपसी विवाद के चलते भगवान चंवरे के मंदिर में ही रखे रह गए और मंदिर का निर्माण भी अधर में लटक गया था.


इस पहल की शुरूआत करने वाले महेन्द्र सिंह कांवल ने बताया कि सामाजिक लोगों से 4 लाख रूपये की राशि एकत्रित कर तीसरी बार मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया है. जिसके तहत मंदिर के गर्भगृह में मार्बल तो परिसर में कोटा स्टौन लगाए गए हैं. अब भगवान का मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है.

Intro:आगर-मालवा। अखिल भारतीय क्षत्रिय सौंधिया समाज के युवाओं ने जनसहयोग से 4 लाख रूपये की राशि से सुसनेर के सबसे प्राचीन 200 साल पुराने राधा कृष्ण मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया है। इससे उम्मीद जगी है कि सौंधिया समाज के इस मंदिर के राधा कृष्ण भगवान जो कि इतवारिया बाजार में स्थित चंवरे के मंदिर में विराजमान है अब 60 सालो बाद जल्द ही अपने पुराने मंदिर में ससम्मान विराजमान हो सकेंगे। इसके लिए सोंधिया समाज एक कार्यक्रम आयोजित उन्हे पुन: अपने स्थान पर स्थापित करेंगा।Body:निर्माण को लेकर हुआ था विवाद, 60 सालो से दूसरे मंदिर में रखी है मूर्तियां

सुसनेर के इतवारिया बाजार क्षेत्र में करीब 200 साल पुराने मंदिर के भगवान समाजजनों के बीच आपसी विवाद के चलते पिछले 60 सालों दूसरे मंदिर में रखे हुएं है। जब यह प्राचीन मंदिर जीर्णशीर्ण होने लगा तो 60 वर्षो पूर्व समाजजनों ने मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया। तब यहां के भगवान राधा कृष्णा की प्रतिमाओं को इतवारिया बाजार के चंवरे के मंदिर में रखा गया था। लेकिन उसके बाद समाजजनों में आपस में विवाद हुआ तो भगवान चंवरे के मंदिर में ही रखे रह गए और मंदिर का कार्य भी अधर में लटक गया। इस वजह से पिछले 60 सालो से सौंधिया समाज के श्रीराधा कृष्ण इतवारिया बाजार के चंवरे के मंदिर में राम दरबार के साथ ही विराजमान है। किन्तु अब समाज के युवाओ ने बिडा उठाकर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया है तो अब जल्द ही भगवान के पुन: अपने स्थान पर ससम्मान विराजमान होने की उम्मीद जगी है।Conclusion:जीर्णोद्धार के बाद रंग-रंगोन से चमक रहा है मंदिर

मंदिर के भगवान काे पुन: अपने मंदिर में विराजित करने के लिए सौंधिया समाज के युवाओं ने बीडा उठाया है। इस पहल की शुरूआत करने वाले समाज के युवा महेन्द्रसिंह कांवल ने बताया कि समाजजनो से 4 लाख रूपये की राशि एकत्रित कर तीसरी बार मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया है। जिसके तहत मंदिर के गर्भगृह में मार्बल तो परिसर में कोटा स्टौन लगाए जाकर मंदिर के शिखर से लेकर धरातल तक रंग-रंगोन किया गया है।

विज्युअल- मंदिर का युवाओं द्वारा कराया गया है जीर्णोद्धार।
चंवरे के मंदिर में 60 सालो से विराजित है मंदिर की राधाकृष्ण भगवान की प्रतिमाएं।

बाईट- पंडित कमलेश बैरागी, मंदिर पुजारी सुसनेर।
बाईट- महेन्द्रसिंह कांवल, मंदिर जीर्णोद्धार का बिडा उठाने वाले युवा।
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