आगर मालवा। दो व चार पहिया वाहनों की एक्सेसरीज बेचने व लगाने वाले व्यवसायियों पर परिवहन विभाग अंकुश लगाने वाला है. एक्सेसरीज बेचने व लगाने वालों को परिवहन विभाग से पहले अनुमति लेना पड़ेगी. उन्हें यह बताना होगा कि वे वही एक्सेसरीज बेचेंगे जो नियमों के मुताबिक होगी. नियम के विरुद्ध एक्सेसरीज बेचने पर उनके खिलाफ मोटरयान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी और वे अपना व्यवसाय भी नहीं कर पाएंगे. यह नियम इस महीने से लागू हो जाएगा.
परिवहन विभाग से व्यावसायिक प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी
इस नियम के अंतर्गत पहले सभी को परिवहन विभाग से व्यावसायिक प्रमाण पत्र (लाइसेंस) बनवाना होगा. प्रमाण पत्र में दिए गए नियमों के अनुसार ही वे काम कर पाएंगे. वाहनों से संबंधित कार्य करने वाले लगभग सभी लोगों को इस नए नियम का सख्ती से पालन करना होगा. इस नए नियम के अंतर्गत फाइनेंसर, ट्राली बनाने वाले तथा वाहनों की मरम्मत करने वाले मैकेनिक भी शामिल हैं.
फाइनेंसर से मैकेनिक, जीपीएस डिवाइस विक्रेता तक शामिल
नए आदेश के अनुसार जीपीएस डिवाइस विक्रेता, स्पीड लिमिट डिवाइस विक्रेता, टायर विक्रेता, कार डेकोरेटर, एक्सेसरीज विक्रेता, पुराने वाहनों का क्रय करने वाले व्यवसायी, वाहनों का विनिष्टिकरण करने वाले व्यवसायी, व्यावसायिक वाहनों में माल संग्रहण, भंडारण व वितरण करने वाले व्यवसायी, किराए पर वाहनों का संचालन करने वाले व्यवसायि सहित आदि को अब परिवहन विभाग से अनिवार्य रुप से व्यावसायिक प्रमाण पत्र लेना होगा.
नकली पार्ट्स व एक्सेसरीज बेचने वालों पर लगेगी लगाम
बता दें कि इस नए नियम से एक ओर जहां नकली पार्ट्स व एक्सेसरीज बेचने वालों पर लगाम लगेगी, वहीं लोगों को आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सकेगा. कई ऐसे विक्रेता है जो मुनाफा कमाने के चक्कर मे बिना किसी काम की एक्सेसरीज व नकली ऑटो पार्ट्स थमा देते है. कई ऐसी बेकार की एक्सेसरीज भी आती है जिससे दुर्घटनाएं होती है. इनमे सबसे ज्यादा तेज ध्वनि के हार्न व बाइक में लगने वाले साइलेंसर है.
जिला परिवहन अधिकारी अंबिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि यह नया नियम है मेकेनिक, फाइनेंसर, एक्सेसरीज विक्रेता सहित ऐसे लोग जो वाहनों का विक्रय करते हैं उन सभी को परिवहन विभाग से व्यावसायिक प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से बनवाना पड़ेगा. वहीं इस नियन को नहीं मानने वाले और व्यावसायिक प्रमाण पत्र नहीं बनवाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.