ढाका : दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में एक निजी रायासनिक कंटेनर डिपो में शनिवार रात विस्फोट के कारण लगी भीषण आग में कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई और 450 से अधिक लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. चटगांव के सीताकुंड उपजिला में कदमरासुल क्षेत्र स्थित बीएम कंटेनर डिपो में शनिवार रात आग लग गई. 'ढाका ट्रिब्यून' समाचार ने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सीताकुंड शहादत हुसैन के हवाले से कहा, शवागार में अब तक 44 शव पहुंचाए जा चुके हैं.
'ढाका ट्रिब्यून' ने 'रेड क्रेसेंट यूथ चटगांव' में स्वास्थ्य एवं सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम के हवाले से कहा, 'इस घटना में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 350 लोग सीएमसीएच (चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भर्ती हैं.' इस्लाम ने मृतक संख्या के बढ़ने की आशंका जताई. 'द डेली स्टार' समाचार पत्र के अनुसार, चटगांव के मंडलायुक्त अशरफुद्दीन ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 560 डॉलर (50,000 टका) और घायलों को 224 डॉलर (20,000 टका) की सहायता दी जा रही है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है.
अधिकारियों ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है और उसे आगामी तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. सीएमसीएच पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक नूरुल आलम ने बताया कि कंटेनर डिपो में शनिवार रात करीब नौ बजे आग लगी. दमकल सेवा की इकाइयां इसे बुझाने की कोशिश कर रही थीं कि तभी वहां एक विस्फोट हुआ तथा आग और फैल गई. नूरुल ने कहा कि माना जा रहा है कि कंटेनर डिपो में रसायनों के कारण आग लगी.
उन्होंने बताया कि रात करीब पौने 12 बजे एक बड़ा विस्फोट हुआ और एक कंटेनर में रसायन होने के कारण आग एक कंटेनर से दूसरे कंटेनर में फैल गई. इस संबंध में एक प्रत्यक्षदर्शी ने फोन पर कहा, 'डिपो मुख्य रूप से खाली था. आग लगने के बाद दमकलकर्मी, पुलिसकर्मी और अन्य बचावकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद एक के बाद एक कंटेनर में हुए विस्फोटों के कारण उनकी मौत हो गई.' अखबार की खबर में बताया गया है कि विस्फोट के कारण घटनास्थल के आस-पास के घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए.
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चटगांव अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के सहायक निदेशक मोहम्मद फारुक हुसैन सिकदर ने कहा, 'लगभग 19 दमकल इकाइयां आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं और छह एम्बुलेंस भी मौके पर मौजूद हैं.' अग्निशमन सेवा के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद मैनुद्दीन ने सीताकुंड इलाके में घटनास्थल पर संवाददाताओं से कहा, 'डिपो में कंटेनर में हाइड्रोजन परॉक्साइड जैसे कई प्रकार के रसायन रखे थे और स्पष्ट रूप से रसायनों के कारण आग भीषण हो गई.'
अधिकतर घायलों को सीएमसीएच में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन दमकलकर्मियों समेत कई घायलों का एक सैन्य अस्पताल और कुछ निजी अस्पतालों में भी उपचार किया जा रहा है. बीएम कंटेनर डिपो के निदेशक मुजीबुर रहमान ने एक बयान में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि आग किस वजह से लगी, 'लेकिन मुझे लगता है कि आग कंटेनर से फैली.' 'द डेली स्टार' ने रहमान के हवाले से कहा, 'यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घायलों को अच्छा इलाज मिले. हम इलाज का पूरा खर्च वहन करेंगे. दुर्घटना में घायल हुए लोगों को अधिकतम मुआवजा दिया जाएगा.' उन्होंने कहा, 'हम सभी पीड़ित परिवारों की जिम्मेदारी लेंगे.'
(पीटीआई-भाषा)