न्यूयार्क: सेवानिवृत्त भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत गुहा की नियुक्ति यमन में यूएन प्रमुख के रुप में हुई है.
इसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने की है. गुहा को यमन के होदेइदाह में संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रमुख के रूप में नियुक्ति हुई है.
दरअसल होदेइदाह समझौते के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र मिशन का नेतृत्व करने के अलावा, गुहा रिडेम्पस कोऑर्डिनेशन कमेटी (RCC) की भी अध्यक्षता करेंगे. उन्हें यमन में युद्धरत बलों के बीच समझौते का काम सौंपा गया है.
समाचार के अनुसार गुहा ने 31 जनवरी से 31 जुलाई 2019 तक पद पर रहे डेनिश लेफ्टिनेंट जनरल माइकल लॉलेसगार्ड की जगह लेंगे.
गुटेरेस के कार्यालय के एक बयान में कहा गया, 'महासचिव इस अवधि के दौरान जनरल लॉलेसगार्ड की समर्पित और अनुकरणीय सेवा के लिए आभारी हैं.'
गौरतलब है कि गुहा के पास करीब 39 साल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सैन्य अनुभव है.
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उन्होंने 2009-2013 में डिप्टी मिलिट्री और ऑपरेशंस ऑफ़ मिलिट्रीकीपिंग ऑपरेशंस में सैन्य मामलों के कार्यालय के भीतर डिप्टी मिलिटरी एडवाइजर और मिलिट्री एडवाइजर के रूप में कार्य किए है. वहीं 2013 में ऑफिस ऑफ़ पीसकीपिंग और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की स्थापना भी की.
इससे पहले उन्होंने सेना ब्रिगेड, सेना प्रभाग और मुंबई क्षेत्र के नेतृत्व सहित भारतीय सेना के भीतर कई महत्वपूर्ण कमान कर्मचारी और अनुदेशात्मक नियुक्ति मिली है.
उन्होंने इससे पहले 1992-93 के दौरान कंबोडिया में संयुक्त राष्ट्र प्राधिकरण के तरफ से सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया था.
2013 में भारतीय सेना से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद गुहा ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा (2014) में प्रौद्योगिकी तथा नवाचार में विशेषज्ञ पैनल और शांति संचालन (2015) के उच्च स्तरीय स्वतंत्र पैनल में सेवा की.
उन्होंने अफ्रीका और मध्य पूर्व में कई संयुक्त राष्ट्र की जांच और जांच बोर्ड का भी नेतृत्व किया है.
उल्लेखनीय है गुहा भारत के रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, कॉलेज ऑफ कॉम्बैट और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज से सभी से स्नातक किए है.