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ह्वाइट हाउस ने हिंद-प्रशांत के लिए 1.5 अरब डॉलर प्रस्तावित किए

ह्वाइट हाउस ने एक अक्टूबर, 2020 से शुरू हो रहे 2021 वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट प्रस्ताव में कहा, 'हिंद-प्रशांत का भविष्य, जहां विश्व की करीब आधी आबादी और तेजी से विकसित हो रही ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं मौजूद हैं, वह अमेरिकी सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक हित के लिए महत्त्वपूर्ण हैं. बता दें, ट्रंप प्रशासन ने 2021 वित्तीय वर्ष के बजट आवंटन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रस्ताव किया है.

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डोनाल्ड ट्रंप
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Published : Feb 11, 2020, 11:40 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 1:03 AM IST

वॉशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने 2021 वित्तीय वर्ष के बजट आवंटन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रस्ताव किया है. प्रशासन ने कहा है कि चीन के बुरे प्रभावों से क्षेत्र के मुक्त एवं स्वतंत्र बने रहने को सुनिश्चित करने के लिए यह अमेरिका के प्रयासों का हिस्सा है.

उल्लेखनीय है कि चीन संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका चाहता है कि भारत रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी भूमिका बढ़ाए.

चीन, दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर दावा करता है और वहां सैन्य ठिकानें एवं कृत्रिम द्वीप बना रहा है. अमेरिका का आरोप है कि चीन दक्षिण चीन सागर पर दावेदारी को लेकर वियतनाम, ताइवान, फिलीपीन, मलेशिया और ब्रुनेई को धमका रहा है.

ह्वाइट हाउस ने एक अक्टूबर, 2020 से शुरू हो रहे 2021 वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट प्रस्ताव में कहा, 'हिंद-प्रशांत का भविष्य, जहां विश्व की करीब आधी आबादी और तेजी से विकसित हो रही ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं मौजूद हैं, वह अमेरिकी सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक हित के लिए महत्त्वपूर्ण हैं.'

इसने कहा, 'बजट में हिंद-प्रशांत के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया है जो क्षेत्र को चीन के बुरे प्रभाव से मुक्त एवं स्वतंत्र बनाने की (ट्रंप) प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'

व्हाइट हाउस ने बताया, 'इस धन से लोकतांत्रिक कार्यक्रमों, सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने, आर्थिक शासन में सुधार करने और निजी क्षेत्र नीत आर्थिक विकास में मदद की जाएगी.'

बजट में तीन करोड़ डॉलर वैश्विक कार्य केंद्र के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है जो चीन के सरकारी और गैर सरकारी प्रोपगेंडा एवं भ्रामक सूचना का मुकाबला करने के लिए समर्पित है.

पढे़ं : गूगल में कर्मचारियों के बढ़ते असंतोष के बीच एचआर प्रमुख ने दिया इस्तीफा

अमेरिका के संघीय बजट में 0.8 अरब डॉलर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निजी क्षेत्र के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त सहयोग (डीएफसी) को मुहैया कराने का प्रस्ताव किया गया है.

जिसके जरिये कम विकसित देशों के विकास में सहयोग के लिए पारदर्शी, उच्च गुणवत्ता का विकल्प चीन अंतरराष्ट्रीय ऋण का विकल्प मुहैया कराएगी.

पेंटागन के मुताबिक रक्षा विभाग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त और खुला माहौल बनाए रखने के लिए सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए अमेरिकी साझेदारी बढ़ा रहा है.

पेंटागन ने कहा, 'भारत के साथ रक्षा विभाग दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग का विस्तार कर रहा है और नयी त्री सेवा जल-थल अभ्यास 'टाइगर ट्राइअम्फ' के जरिये पारस्परिकता को बेहतर कर रहा है.'

उल्लेखनीय है कि अमेरिका, भारत और दुनिया की अन्य शक्तियां क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के मद्देनजर मुक्त, खुला और उन्नत हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए बात कर रही है. यह क्षेत्र अमेरिका के पश्चिमी तट से लेकर अफ्रीका के पूर्वी किनारे तक फैला हुआ है.

वॉशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने 2021 वित्तीय वर्ष के बजट आवंटन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रस्ताव किया है. प्रशासन ने कहा है कि चीन के बुरे प्रभावों से क्षेत्र के मुक्त एवं स्वतंत्र बने रहने को सुनिश्चित करने के लिए यह अमेरिका के प्रयासों का हिस्सा है.

उल्लेखनीय है कि चीन संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका चाहता है कि भारत रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी भूमिका बढ़ाए.

चीन, दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर दावा करता है और वहां सैन्य ठिकानें एवं कृत्रिम द्वीप बना रहा है. अमेरिका का आरोप है कि चीन दक्षिण चीन सागर पर दावेदारी को लेकर वियतनाम, ताइवान, फिलीपीन, मलेशिया और ब्रुनेई को धमका रहा है.

ह्वाइट हाउस ने एक अक्टूबर, 2020 से शुरू हो रहे 2021 वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट प्रस्ताव में कहा, 'हिंद-प्रशांत का भविष्य, जहां विश्व की करीब आधी आबादी और तेजी से विकसित हो रही ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं मौजूद हैं, वह अमेरिकी सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक हित के लिए महत्त्वपूर्ण हैं.'

इसने कहा, 'बजट में हिंद-प्रशांत के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया है जो क्षेत्र को चीन के बुरे प्रभाव से मुक्त एवं स्वतंत्र बनाने की (ट्रंप) प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'

व्हाइट हाउस ने बताया, 'इस धन से लोकतांत्रिक कार्यक्रमों, सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने, आर्थिक शासन में सुधार करने और निजी क्षेत्र नीत आर्थिक विकास में मदद की जाएगी.'

बजट में तीन करोड़ डॉलर वैश्विक कार्य केंद्र के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है जो चीन के सरकारी और गैर सरकारी प्रोपगेंडा एवं भ्रामक सूचना का मुकाबला करने के लिए समर्पित है.

पढे़ं : गूगल में कर्मचारियों के बढ़ते असंतोष के बीच एचआर प्रमुख ने दिया इस्तीफा

अमेरिका के संघीय बजट में 0.8 अरब डॉलर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निजी क्षेत्र के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त सहयोग (डीएफसी) को मुहैया कराने का प्रस्ताव किया गया है.

जिसके जरिये कम विकसित देशों के विकास में सहयोग के लिए पारदर्शी, उच्च गुणवत्ता का विकल्प चीन अंतरराष्ट्रीय ऋण का विकल्प मुहैया कराएगी.

पेंटागन के मुताबिक रक्षा विभाग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त और खुला माहौल बनाए रखने के लिए सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए अमेरिकी साझेदारी बढ़ा रहा है.

पेंटागन ने कहा, 'भारत के साथ रक्षा विभाग दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग का विस्तार कर रहा है और नयी त्री सेवा जल-थल अभ्यास 'टाइगर ट्राइअम्फ' के जरिये पारस्परिकता को बेहतर कर रहा है.'

उल्लेखनीय है कि अमेरिका, भारत और दुनिया की अन्य शक्तियां क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के मद्देनजर मुक्त, खुला और उन्नत हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए बात कर रही है. यह क्षेत्र अमेरिका के पश्चिमी तट से लेकर अफ्रीका के पूर्वी किनारे तक फैला हुआ है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 1:03 AM IST
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