दमोह। बुंदेलखंड अंचल की दमोह लोकसभा सीट पर मतदान का काउंडाउन शुरू हो चुका है. बीजेपी का मजबूत गढ़ माने जाने वाली दमोह लोकसभा सीट पर हर बार की तरह इस बार भी मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है. यहां कांग्रेस ने बीजेपी के कद्दावर नेता प्रहलाद पटेल के सामने कांग्रेस के प्रताप सिंह लोधी को मैदान में उतारा है.
दमोह लोकसभा सीट पर इस बार कुल 17लाख 69हजार 101 मतदाता अपने नए सांसद का चुनाव करेंगे. जिनमें 9 लाख 30हजार 964 पुरुष मतदाता तो 8 लाख 34हजार 266 महिला मतदाता शामिल है. जबकि थर्ड जेंडर की संख्या 26 है. दमोह संसदीय क्षेत्र में इस बार कुल 2295 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 285 पोलिंग बूथ संवेदनशील और 43 अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. निर्वाचन आयोग के अनुसार सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी से नजर रखी जाएगी.
दमोह लोकसभा सीट के तहत दमोह, पथरिया, जबेरा, हटा, बंडा, रहली, देवरी और बड़ामलहरा विधानसभा सीटें आती हैं. इन आठ सीटों में से चार सीटों पर कांग्रेस काबिज है, तो तीन सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. जबकि एक सीट बीएसपी के खाते में है. विधानसभा चुनाव के आधार पर इस बार दमोह में कांग्रेस ने बीजेपी से एक सीट ज्यादा जीतकर बढ़त बनाई है. 2014 के चुनाव में बीजेपी के प्रहलाद पटेल ने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को बड़े अंतर से हराया था.
खास बात यह कि दमोह के सियासी समीकरण जातिगत राजनीति के आधार पर ही तय होते हैं. लोधी बाहुल्य मतदाता सीट होने के चलते यहां दोनों पार्टियां इसी जाति से आने वाले प्रत्याशी पर दांव लगाती है. इस बार भी दोनों दलों ने लोधी जाति के प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा है. हालांकि बीएसपी द्वारा बुंदेलखंड अंचल के मशहूर लोकगीत गायक जित्तू खरे को मैदान में उतारे जाने से इस बार इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है.
शहरी और ग्रामीण आबादी में बंटी बुंदेलखंड अंचल के इस सीट पर जातिगत राजानीति के साथ-साथ अन्य मुद्दे भी हावी नजर आते हैं. जिनमें बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. साथ ही पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी परेशानियों से भी यहां का मतदाता परेशान नजर आता है. यहां देखना दिलचस्प होगा कि दमोह का मतदाता 6 मई को अपने मत से 23 मई को किसका भाग्य उदय करता है.