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कांडला बंदरगाह में अटका उज्जैन के व्यापारियों का हजारों क्विंटल गेहूं, व्यापारी संघ का 2 दिन तक बाजार बंद रखने का फैसला

गेंहू निर्यात पर रोक से हजारों क्विंटल गेंहू बंदरगाह पर अटका है. उज्जैन कृषि उपज मंडी (Agricultural Produce Market Committee ujjain) के व्यापारी संघ ने मंडी को दो दिन बंद रखने का निर्णय लिया है. (ujjain Market Closed For Two Days) व्यापारी संघ ने करोड़ों का नुकसान होने की आशंका जाहिर की है.

central government change export policy
गेंहू निर्यात पर रोक
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Published : May 18, 2022, 5:46 PM IST

उज्जैन। केंद्र सरकार द्वारा अचानक गेहूं निर्यात पर रोक लगा देने से व्यापारियों का हजारों क्विंटल गेहूं बंदरगाह पर अटका है. इसके कारण व्यापारियों का करोड़ों रुपये का नुकसान होने की संभावना है. उज्जैन कृषि उपज मंडी के व्यापारी संघ ने केंद्र व राज्य सरकार से निर्यात नीति में फेरबदल नहीं करने का अनुरोध किया था. सुनवाई नहीं होने से प्रदेश व्यापारी महासंघ के आह्वान पर 17 और 18 मई को मंडी में नीलामी नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से व्यापारियों की चिंता बढ़ने लगी है.

कांडला बंदरगाह में अटका उज्जैन के व्यापारियों का हजारों क्विंटल गेहूं

करोड़ों का कारोबार प्रभावित: निर्यात नीति में (central government change export policy) बदलाव करने के कारण व्यापारियों का गेहूं कांडला बंदरगाह (Kandla Port ) पर अटका है. मामले में निराकरण नहीं होने से करोड़ों रुपए का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है. उज्जैन कृषि उपज मंडी के मीडिया प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक,

गेहूं का निर्यात 2 माह से चल रहा था. सरकार द्वारा रोक लगा देने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है. अनाज कारोबारी केंद्र और राज्य सरकार से 15 दिन के भीतर निर्यात नीति में फेरबदल करने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन सरकार सुनवाई करने को तैयार नहीं है.

राजेंद्र राठौर, प्रभारी, कृषि उपज मंडी,उज्जैन

शिवराज की गेहूं निर्यात नीति को किसान संघ का समर्थन,शिवकुमार कक्का जी बोले-किसानों को होगा फायदा

अनिश्चित हड़ताल की चेतावनी: इधर प्रदेश व्यापारी महासंघ के आह्वान पर दो दिन तक मंडियों में नीलामी नहीं करने का निर्णय लिया है. व्यापारियों का कहना है कि, "गुजरात के कांडला में जो 5000 ट्रक खाली होने के इंतजार में खड़े हैं. इस लाइन में उज्जैन जिले के 100 से अधिक ट्रक शामिल है. सरकार द्वारा अचानक गेंहू निर्यात पर रोक लगाने से निर्यातक कंपनियों ने माल लेने से इनकार कर दिया. इससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा व्यापारियों का कहना है दो दिन की इस हड़ताल के बाद भी सरकार नीति में बदलाव नहीं करती तो अनिश्चित हड़ताल की जाएगी." व्यापारियों ने इस मामले में सांसद अनिल फिरोजिया (Anil Firojia) को ज्ञापन सौंप कर समस्या का निराकरण किए जाने की मांग की है. वहीं सांसद अनिल फिरोजिया ने व्यापारियों को जल्द समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया है. मंडी बंद रखने का पत्र भी सौंप दिया गया है.

उज्जैन। केंद्र सरकार द्वारा अचानक गेहूं निर्यात पर रोक लगा देने से व्यापारियों का हजारों क्विंटल गेहूं बंदरगाह पर अटका है. इसके कारण व्यापारियों का करोड़ों रुपये का नुकसान होने की संभावना है. उज्जैन कृषि उपज मंडी के व्यापारी संघ ने केंद्र व राज्य सरकार से निर्यात नीति में फेरबदल नहीं करने का अनुरोध किया था. सुनवाई नहीं होने से प्रदेश व्यापारी महासंघ के आह्वान पर 17 और 18 मई को मंडी में नीलामी नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से व्यापारियों की चिंता बढ़ने लगी है.

कांडला बंदरगाह में अटका उज्जैन के व्यापारियों का हजारों क्विंटल गेहूं

करोड़ों का कारोबार प्रभावित: निर्यात नीति में (central government change export policy) बदलाव करने के कारण व्यापारियों का गेहूं कांडला बंदरगाह (Kandla Port ) पर अटका है. मामले में निराकरण नहीं होने से करोड़ों रुपए का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है. उज्जैन कृषि उपज मंडी के मीडिया प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक,

गेहूं का निर्यात 2 माह से चल रहा था. सरकार द्वारा रोक लगा देने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है. अनाज कारोबारी केंद्र और राज्य सरकार से 15 दिन के भीतर निर्यात नीति में फेरबदल करने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन सरकार सुनवाई करने को तैयार नहीं है.

राजेंद्र राठौर, प्रभारी, कृषि उपज मंडी,उज्जैन

शिवराज की गेहूं निर्यात नीति को किसान संघ का समर्थन,शिवकुमार कक्का जी बोले-किसानों को होगा फायदा

अनिश्चित हड़ताल की चेतावनी: इधर प्रदेश व्यापारी महासंघ के आह्वान पर दो दिन तक मंडियों में नीलामी नहीं करने का निर्णय लिया है. व्यापारियों का कहना है कि, "गुजरात के कांडला में जो 5000 ट्रक खाली होने के इंतजार में खड़े हैं. इस लाइन में उज्जैन जिले के 100 से अधिक ट्रक शामिल है. सरकार द्वारा अचानक गेंहू निर्यात पर रोक लगाने से निर्यातक कंपनियों ने माल लेने से इनकार कर दिया. इससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा व्यापारियों का कहना है दो दिन की इस हड़ताल के बाद भी सरकार नीति में बदलाव नहीं करती तो अनिश्चित हड़ताल की जाएगी." व्यापारियों ने इस मामले में सांसद अनिल फिरोजिया (Anil Firojia) को ज्ञापन सौंप कर समस्या का निराकरण किए जाने की मांग की है. वहीं सांसद अनिल फिरोजिया ने व्यापारियों को जल्द समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया है. मंडी बंद रखने का पत्र भी सौंप दिया गया है.

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