उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन के संदीपनी आश्रम में कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी. उज्जैन भगवान श्री कृष्ण की शिक्षास्थली रही है. पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण, भाई बलराम व मित्र सुदामा ने शहर के मंगलनाथ मंदिर मार्ग स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम में गुरु सांदीपनि से कला व विद्या प्राप्त की थी. कोरोना के कारण 2 साल से भक्त और कृष्ण भगवान के बीच दूरी बनी हुई थी. लेकिन अब पाबंदियां हट चुकी हैं. इसलिए ये साल ऐतिहासिक होगा. आश्रम को आकर्षक विद्युत से रोशन व फूलों से सुसज्जित किया गया है. कृष्ण जन्मोत्सव से पहले एक अलग ही आनंद उमंग भक्तों में नजर आ रहा है. बड़ी संख्या में भक्त दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं. हालांकि शहर के प्राचीन गोपाल (द्वारकाधीश) मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर व अन्य मंदिरों में 19 अगस्त शुक्रवार की रात को भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा. (Janmashtami will be celebrated on August 18)
सांदीपनि आश्रम में आज रात 12 बजे होगा मनेगा जन्मोत्सव: आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के अनुसार आज गुरुवार रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. भगवान का पंचामृत से विशेष पूजन अभिषेक कर आरती की जाएगी. अगले दिन शुक्रवार को नंद उत्सव के आयोजन होंगे. इस दौरान 24 घण्टों के लिए भक्त मंदिर के गर्भ गृह से भगवान के दर्शन कर सकेंगे. नंद उत्सव के दौरान भी आश्रम में विशेष पूजन अभिषेक कर महाआरती की जाएगी.
अध्ययन के लिए सांदीपनि आश्रम आए थे कृष्ण भगवान: आश्रम के पुजारी ने बताया कि ''श्रीकृष्ण 11 वर्ष की उम्र में उज्जैन के ऋषि सांदीपनि के पास उनके आश्रम में अध्ययन के लिए आए थे. यहां वे 64 दिन रुके. जिसमें उन्होंने 64 कलाओं और 14 विद्याओं का ज्ञान प्राप्त किया. यही वजह है कि भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम देश-विदेश के भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. आश्रम में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उल्लास के साथ हर वर्ष मनाया जाता है''. (Lord Shri Krishna Education Place Sandipani Ashram)
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18 व 19 अगस्त को होंगे खास आयोजन: महाकाल की नगरी में 18 व 19 अगस्त दो दिन श्री कृष्ण के जन्मोत्सव हेतु खास होंगे. बात विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर की करें तो यहां पुजारी महेश शर्मा के अनुसार ''मंदिर में 19 अगस्त शुक्रवार शाम को मंदिर के नैवेद्य कक्ष में संध्या पूजन आरती होगी. उसके बाद भगवान लड्डू गोपाल का पूजन व श्रृंगार होगा और भोग लगाया जाएगा. इसी तरह प्राचीन द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में भी 19 अगस्त को पर्व मनाया जाएगा''. यहां के पुजारी राम पाठक ने बताया कि ''संध्या के समय पवमान पूजन होगा. मां यशोदा की झांकी सजाई जाएगी. रात्रि में पट खुलेंगे और भगवान का पूजन कर विशेष आरती की जाएगी''.
23 अगस्त को मटकी फोड़ आयोजन: पुजारी ने बताया कि ''जन्माष्टमी पर्व के बाद 23 अगस्त को ब्रज बारस के अवसर पर भगवान के दरबार में ही दोपहर 12:00 बजे मटकी फोड़ आयोजन किया जाएगा. वहीं शहर के इस्कॉन मंदिर व अन्य मंदिरों की बात करें तो यहां भी 19 अगस्त को ही जन्मोत्सव पर्व मनाया जाएगा. सिर्फ श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली में यह पर्व 18 अगस्त की रात 12:00 बजे मनाया जाना है और 19 अगस्त शुक्रवार को नंद उत्सव मनाया जाएगा''.
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