ज्जैन। एक दुल्हा-दुल्हन ने अपनी शादी की खुशियां दिव्यांगों के साथ बांटी. उन्होंने 50 से अधिक दिव्यांग और निशक्त बच्चों को बुलाकर भोजन कराया, उनके साथ फोटो खिंचवाई और जमकर मस्ती की. इस दौरान विवाह समारोह में मौजूद मेहमान भी अपने बीच दिव्यांग बच्चों को देखकर बेहद खुश नजर आए.
दिव्यांग बच्चों को स्पेशल दावत
यह अनोखा और सामाजिक संदेश देने वाला विवाह उज्जैन के एक होटल में संपन्न हुआ. दुल्हा अमन इंदौर के व्यवसायी कमलेश अग्रवाल के पुत्र हैं जबकि दुल्हन अवनी इंदौर के ही व्यवसायी घनश्याम मेडतवाल की पुत्री हैं. दोनों परिवारों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सिर्फ 50 मेहमानों को ही आमंत्रित किया. इस दौरान दूल्हा-दुल्हन और उनके अभिभावकों ने समाज सेवा का उदाहरण पेश करते हुए 50 दिव्यांग बच्चों को आमंत्रित किया.
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बच्चों ने हाथों से बनाए गिफ्ट दिए
दुल्हा-दुल्हन ने अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम जाकर उन्हें शादी का आमंत्रण दिया, आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल सपरिवार और 50 बच्चों व कुछ बुजुर्गों के साथ शादी समारोह में पहुंचे. बच्चों को मेहमानों ने अपने हाथों से भोजन परोसा. वह लोग 3 घंटे तक दुल्हा दुल्हन और मेहमानों के बीच रहे. मंच पर व्हील चेयर पर बैठकर दिव्यांग बच्चे जब दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने और अपने हाथों से बनाए गिफ्ट देने पहुंचे तो मौजूदा मेहमानों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.
समाज को दिया अच्छा संदेश
दूल्हे के दादा और इंदौर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. राजेंद्र अग्रवाल ने कहा मैंने अपने जीवन में सैकड़ों शादियां होते हुए देखी हैं ,लेकिन ऐसी शादी पहली बार देखी है जिसमें गरीब और दिव्यांग बच्चों को बुलाया गया हो. उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि ऐसी पहल और लोगों को भी करना चाहिए. वहीं दुल्हा-दुल्हन ने भी बच्चों के साथ बहुत इंजॉय किया, उन्होंने बच्चों से दोबारा मिलने का वादा भी किया है. सेवाधाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने कहा यह गौरव की बात है कि शादी समारोह में दिव्यांग बच्चों को बुलाया उन्हें खुश होने का मौका दिया. इससे समाज को भी अच्छा संदेश मिला है.