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'महाकाल' की नगरी को मिलेगी नई पहचान, 2 साल में 15 करोड़ की लागत से तैयार होगी साइंस सिटी - mp news

महाकाल (Mahakal) की नगरी के अलावा अब उज्जैन (Ujjain) साइंस सिटी (Science City) के रूप में भी पहचाना जाएगा. यहां अगले दो सालों में करीब 15 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से थ्रीडी स्टूडियो (3D Studio), इनोवेशन हब (Innovation Hub) और लैब (Lab) बनकर तैयार होगा.

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Published : Sep 30, 2021, 8:26 PM IST

उज्जैन(Ujjain)। बाबा महाकाल (Mahakal) की नगरी उज्जैन अब जल्द ही साइंस सिटी (Science City) के रूप में भी पहचाना जाएगा. गुरुवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत (Governor Thawarchand Gehlot) की अध्यक्षता में बसंत विहार स्थित तारामंडल पर भूमि पूजन किया गया. यहां तीन फेज में अलग-अलग निर्माण होंगे. आगमी दो सालों में करीब 15 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से थ्रीडी स्टूडियो (3D Studio), इनोवेशन हब (Innovation Hub) और लैब (Lab) बनकर तैयार होगा.

उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र लेगा आकार

उज्जैन के बसंत विहार स्थित 21.75 एकड़ में फैले तारामंडल की जमीन पर उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र आकार लेगा. गुरुवार शाम तारामंडल पर एक भव्य समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा सहित विद्या भारती के जयंत सहस्त्र बुद्धि ने तारा मंडल की जमीन पर भूमि पूजन किया. पूजन के बाद कार्यक्रम में आम लोगों को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि अब उज्जैन को साइंस सिटी के रूप में नई पहचान मिलेगी. कई लोग यहां आकर विज्ञान को समझेंगे.

15 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनेगी साइंस सिटी

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि उज्जैन को अब साइंस सिटी के नाम से भी जाना जाएगा. 15 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले विज्ञान केंद्र में कई बड़े-छोटे उपकरण लगेंगे, जो की हाईटैक होंगे. इसके साथ-साथ ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस रूम, छात्रों के लिए पिकनिक एरिया, लाइब्रेरी, एक इनोवेशन हब, लैब, चिल्ड्रन एक्टिविटी हॉल, गैलरी, फन साइंस जिसके द्वारा खेल-खेल में छात्र विज्ञान को समझेंगे. इसके अलावा कई प्रकार के गेजेट्स, उपकरण पर विद्यार्थी शोध भी कर सकेंगे.

अब माइक लगाकर सब्जी बेचोगे तो लगेगा जुर्माना, इंदौर में पूरी तरह से प्रतिबंध, नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

2 साल में उज्जैन बनेगा साइंस हब

उज्जैन में यह सब अगले दो सालों में बनकर तैयार होगा. शहर में विद्यार्थियों को लैब में मृदा, जल एवं खादय पदार्थ के नमूनों का परीक्षण सिखाया जाएगा. विज्ञान केंद्र में राज्य शासन 8.65 करोड़ और शेष राशि 6.55 करोड़ राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कोलकाता और संस्कृति मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी. विज्ञान केंद्र में 15 करोड़ रुपए की लागत से हाईटैक थ्रीडी स्टूडियो भी बनेगा.

उज्जैन(Ujjain)। बाबा महाकाल (Mahakal) की नगरी उज्जैन अब जल्द ही साइंस सिटी (Science City) के रूप में भी पहचाना जाएगा. गुरुवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत (Governor Thawarchand Gehlot) की अध्यक्षता में बसंत विहार स्थित तारामंडल पर भूमि पूजन किया गया. यहां तीन फेज में अलग-अलग निर्माण होंगे. आगमी दो सालों में करीब 15 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से थ्रीडी स्टूडियो (3D Studio), इनोवेशन हब (Innovation Hub) और लैब (Lab) बनकर तैयार होगा.

उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र लेगा आकार

उज्जैन के बसंत विहार स्थित 21.75 एकड़ में फैले तारामंडल की जमीन पर उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र आकार लेगा. गुरुवार शाम तारामंडल पर एक भव्य समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा सहित विद्या भारती के जयंत सहस्त्र बुद्धि ने तारा मंडल की जमीन पर भूमि पूजन किया. पूजन के बाद कार्यक्रम में आम लोगों को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि अब उज्जैन को साइंस सिटी के रूप में नई पहचान मिलेगी. कई लोग यहां आकर विज्ञान को समझेंगे.

15 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनेगी साइंस सिटी

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि उज्जैन को अब साइंस सिटी के नाम से भी जाना जाएगा. 15 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले विज्ञान केंद्र में कई बड़े-छोटे उपकरण लगेंगे, जो की हाईटैक होंगे. इसके साथ-साथ ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस रूम, छात्रों के लिए पिकनिक एरिया, लाइब्रेरी, एक इनोवेशन हब, लैब, चिल्ड्रन एक्टिविटी हॉल, गैलरी, फन साइंस जिसके द्वारा खेल-खेल में छात्र विज्ञान को समझेंगे. इसके अलावा कई प्रकार के गेजेट्स, उपकरण पर विद्यार्थी शोध भी कर सकेंगे.

अब माइक लगाकर सब्जी बेचोगे तो लगेगा जुर्माना, इंदौर में पूरी तरह से प्रतिबंध, नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

2 साल में उज्जैन बनेगा साइंस हब

उज्जैन में यह सब अगले दो सालों में बनकर तैयार होगा. शहर में विद्यार्थियों को लैब में मृदा, जल एवं खादय पदार्थ के नमूनों का परीक्षण सिखाया जाएगा. विज्ञान केंद्र में राज्य शासन 8.65 करोड़ और शेष राशि 6.55 करोड़ राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कोलकाता और संस्कृति मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी. विज्ञान केंद्र में 15 करोड़ रुपए की लागत से हाईटैक थ्रीडी स्टूडियो भी बनेगा.

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