उज्जैन। 2 अगस्त को नागपंचमी (Nag Panchami) के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga) के मुख्य शिखर में तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के मंदिर के पट (Nagchandreshwar Temple) आज सोमवार को रात 12 बजे बाद खुलेंगे. सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत की ओर से मध्य रात्रि में पूजन होगा. यह पूजन पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी द्वारा किया जाएगा. वहीं, शासकीय पूजन दूसरे दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजे प्रशासन की ओर से होगा. साथ ही मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा मंगलवार को महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात मंदिर के पुजारी और पुरोहितों द्वारा पूजा आरती की जाएगी. प्रशासन द्वारा इस बार सामान्य श्रद्धालुओं को आधा घंटे में दर्शन कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. मंदिर में पहुंचने के लिए जो ब्रिज बना है वहां से सहजता और शीघ्रता से दर्शन हो सकेंगे. नए ब्रिज को केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और लोक निर्माण की ओर से एनओसी भी मिल चुकी है.
नागचंद्रेश्वर मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना: उज्जैन महाकाल मंदिर के तीसरे माले पर शिव जी का पूरा परिवार विराजमान है. यह साल में एक बार भक्तों के लिए खुलता है. दो सालों कोरोना के कारण श्रद्धालुओं दर्शन नहीं कर सके थे. साल में एक बार 24 घंटे के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर का दरबार सोमवार को रात 12 बजे के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज और सहयोगियों द्वारा खोला जाएगा.
दर्शन के लिए ओवरब्रिज से मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्था: उज्जैन जिला प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि ''नए ब्रिज के माध्यम से सामान्य श्रद्धालुओं को भी सहजता और शीघ्रता से दर्शन कराने में सुविधा मिलेगी. जिससे अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे. शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धी मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही मंदिर तक पहुंचेगे. वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस हरसिद्धी चौराहे तक आएंगे. वही महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी शीघ्र दर्शन हो सकेंगे''.
ऐसी होगी श्रद्धालुओं के वाहन पार्क की व्यवस्था: नागपंचमी पर श्री नागचन्द्रेश्वर के सामान्य दर्शन के लिए आने वाले दर्शनार्थी भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर सकेंगे. दातार अखाड़े की गली से चारधाम मंदिर के झिकझेग से होकर हरसिद्धी मंदिर चौराहा पहुंचेंगे. फिर यहां से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार नबंर गेट और फिर विश्राम धाम पहुंचेगें. विश्राम धाम की रैलिंग से नए ब्रिज के माध्यम से नागचन्द्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट से बाहर निकल सकेंगे.
''महाकाल मंदिर समिति द्वारा नागपंचमी का त्योहार हर साल बड़ी हर्षोल्लास से मनाया जाता है. परंपरा के अनुसार श्री नागचन्द्रेश्वर के मंदिर के पट हर साल की तरह इस बार भी सोमवार को 24 घंटे के लिए खोले जाएंगे. श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें इसके लिए प्रशासन जुटा हुआ है. श्रद्धालु की सुविधा के लिए एक नये ब्रिज का भी निर्माण किया गया है.'' -विनीत गिरी महाराज, महंत
वीआईपी भी दर्शन करने आएंगे: नागपंचमी पर्व पर मंदिर आने वाले वीवीआईपी लोगों को निर्माल्य गेट से प्रवेश कराया जाएगा. जहां सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचेकर नए ब्रिज से दर्शन करेंगे. इसी मार्ग से वापसी भी हो सकेगी. इसके अलावा महाकाल मंदिर के नैवेद्य द्वार के समीप नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुराने चढ़ाव से भी मंदिर तक जा सकते हैं. वापसी में भी सहजता होगी. दर्शन का यह प्रारंभिक प्लान है. इसमें फेरबदल संभव है. अंतिम प्लान कलेक्टर द्वार तय होगा.
(Nag Panchami 2022) (Nagchandreshwar Temple Door Open) (Devotees Darshan New bridge)