उज्जैन/राजगढ़। देशभर के करीब 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई के 93 ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी. छापेमारी में करीब 106 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिनका सीधे तौर पर PFI से कनेक्शन है. जहां एक तरफ NIA की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है वहीं दूसरी ओर PFI संगठन ने राजगढ़ और उज्जैन में विरोध प्रदर्शन करते हुए रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया है.
केंद्र सरकार के दवाब में हो रही कार्रवाई: NIA और ED की कार्रवाई के विरोध में PFI सड़कों पर उतर आया है. राजगढ़ जिलाध्यक्ष शहजाद खान ने बताया कि PFI संगठन एक सामाजिक संगठन है. साथ ही आरोप लगाएं कि ये कार्रवाईयां केंद्र सरकार के दबाव में की जा रहीं हैं. बिना वजह कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां की गई हैं. हमारी मांग है कि गिरफ्तारियों पर रोक लगे और सभी हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए.
PFI किसी गतिविधि में शामिल नहीं: उज्जैन में PFI के तमाम सदस्य सक्रिय हो गए हैं. सभी सदस्य गिरफ्तार मोहम्मद जमील के पक्ष में परिवार के साथ कार्रवाई का विरोध जताने सीधा कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. कलेक्टर को आवेदन देते हुए रिहाई की मांग की. PFI के सदस्यों का कहना है कि यह कार्रवाई संविधान का उल्लंघन है, हमारे पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. PFI पदाधिकारी मोहम्मद जावेद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिस तरह से देश और राज्य में आधी रात को घर में घुसकर PFI सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, यह संवैधानिक तरीका नहीं है. हम किसी तरह के फंडिंग और आतंकी गतिविधि में सम्मिलित नहीं हैं. हमेशा PFI पर सवाल उठते हैं, लेकिन RSS जिसका आज तक रजिस्ट्रेशन नहीं है वह भी तो अपना प्रोपेगेंडा चला रहा है. उन्होंने कहा कि हमें शासन प्रशासन और न्यायालय पर विश्वास है, हमें न्याय जरुर मिलेगा.
NIA Action In MP: गिरफ्तार PFI लीडर्स को भोपाल कोर्ट में किया गया पेश, 7 दिन की रिमांड पर भेजा
यह है पूरा मामला: 22 सितम्बर बुधवार को देश भर में PFI के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी NIA ने ATS व ED के साथ संयुक्त रूप से जगह जगह दबिश दी थी. दबिश के दौरान करीब 100 से अधीक PFI के सदस्यों को गिरफ्तार किया. जिसमें मध्य प्रदेश के उज्जैन व इंदौर के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. सभी पर UAPA act लगाकर NIA ने शुक्रवार को भोपाल के कोर्ट में पेश किया था. जहां यह खुलासा हुआ कि ये सदस्य विदेशों से फण्ड जुटा रहे थे. PFI सदस्य बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे. युवाओं को ISIS में भर्ती करवाने की तैयारी कर रहे थे, साथ ही आतंकी हमले के प्लान जैसे कई मामलों को लेकर NIA ने खुलासा किया. चारों सदस्यों को पुछताछ के लिए 30 सितंबर तक 7 दिन की रिमांड पर ATS को सौंपा है.
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