उज्जैन। पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ धूम-धाम से मनाया जा रहा है. भगवान शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन किसी महापर्व से कम नहीं होता. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में विशेष अभिषेक और श्रृंगार हुआ है. भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन शिव मय दिखाई दे रही है. महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल मंदिर में सबसे पहले अल सुबह 3 बजे मंदिर की पट खोले गए. इसके बाद सबसे पहले भस्म आरती की गयी, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
दूध, दही, घी से बाबा का हुआ जलाअभिषेक
महाशिवरात्रि के दिन बाबा महाकाल के दर्शन और उनका मंत्र जाप करने से विशेष फल मिलता है. इसी परंपरा के तहत आज मंदिर में विशेष तैयारियों के साथ पूजा-पाठ और आरती हो रही है. महाकाल की भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को पण्डे पुजारियों ने जल चढ़ाया, इसके बाद पंचामृत अभिषेक पूजन में दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से अभिषेक किया गया. इस दौरान महाकाल का भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्म चढ़ायी गयी. महाशिवरात्रि पर्व पर विधि विधान के साथ धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है.
महाशिवरात्रि पर उज्जैन में आज बाबा महाकाल हुआ भांग से विशेष श्रृंगार, करिए बाबा के भव्य रूप के दर्शन
महाकाल को 'कालों का काल' कहा जाता है
बारह ज्योतर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर दक्षिण मुखी होने के साथ-साथ यहां की भस्म आरती की परम्परा ने मंदिर का पूरे विश्व में महत्व बढ़ा दिया है. इसके साथ ही यह भी मान्यता है की महाकाल को कालों का काल कहा जाता है. महाशिवरात्रि का पर्व उज्जैन में अलग महत्व रखता है. देशभर से श्रद्धालु आज उज्जैन पंहुच रहे हैं. देर रात 2 बजे से मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लाइन लगनी शुरू हो गयी थी. आज रात 3 बजे से खोले गए पट अब करीब 43 घंटे बाद 2 फरवरी की रात्रि को शयन आरती के बाद बंद होंगे. आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और कई नेताओं के आने की संभावना है.