उज्जैन। भगवान शिव एवं माता उमा के पुरूष एवं प्रकृति के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले उमा-सांझी महोत्सव की आज से शुरूआत हो गई. उमा-सांझी का पूजन लोक परंपरा व प्राचीन संस्कृति पर आधारित है और महाकाल मंदिर में प्रतिवर्ष इस महोत्सव को धूम धाम से मनाया जाता है. इस बार भी कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए श्रद्धालुओ को महोत्सव में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गयी है.
सुबह हुई उमा माता की घट स्थापना
उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने शनिवार को सुबह उमा माता की घट स्थापना की इस दौरान अखंड दीप प्रज्वलित कर परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना की गई. शाम को आरती के पश्चात चारों वेदों के ब्राहमणों द्वारा वसंत पूजा (वेद पाठ) किया गया. इस तरह से उत्सव की शुरूआत के साथ ही अब प्रतिदिन सभामंडप में मंदिर के पुजारी-पुरोहितों द्वारा श्री अन्नपूर्णा मंदिर के पास रखे प्राचीन पत्थर पर रंगोली से संझा बनाई जाएगी.
आज भी बनाई गई संझा
उज्जैन महाकाल मंदिर के सभामंडप में मंदिर के पुरोहितों के द्वारा श्री अन्नपूर्णा मंदिर के पास रंगोली से संझा बनायी गई. रंगोली में आज उमा माता का शीश महल बनाया गया. साथ ही सभामंडप में मनमोहक झांकी सजायी गई जिसमें उमा माता ने शेषनाग पर विराजित होकर दर्शन दिये. इसके अलावा मंदिर परिसर में स्थित कोटितीर्थ कुंड में भगवान शिव की नौका विहार कराया गया और शाम की आरती के पश्चात चारों वेदों के ब्राम्ह्णों द्वारा वसंत पूजा (वेद पाठ) की गई. इस दौरान मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने भी श्री उमा माता का पूजन किया गया.