उज्जैन। महाकाल की सावन-भादौ की आखिरी सवारी सोमवार शाम को निकाली गई. महाकाल 6 स्वरूपों में नगर भ्रमण पर निकले थे. राम घाट स्थित पूजन के दौरान राजघराने से हमेशा की तरह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए. उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने भी महाकाल के दर्शन कर उनका पूजन किया. दोनों दत्त अखाड़े से बोट में बैठकर नदी पार कर भगवान महाकाल की सवारी में शामिल हुए थे. इस दौरान सिंधिया ने देश पर महाकाल की कृपा बनी रहने और देश की उन्नति की कामना की.
बाबा महाकाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर: सवारी में रजत पालकी में भगवान महाकाल चन्द्रमोलीश्वर स्वरूप में विराजित रहे. हाथी पर मनमहेश, गरूड रथ पर शिव तांडव प्रतिमा नंदी रथ पर उमा महेश जी के मुखारविंद, डोल रथ पर होलकर स्टेट का मुखारविंद व बैलगाड़ी में डोल रथ पर सप्तधान मुखारविंद में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले. इस दौरान भक्तों ने उनका हर जगह पर स्वागत किया. सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा आईजी और कमिश्नर ने सपत्नीक किया. भगवान महाकालेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन हुआ, इसके बाद भगवान की आरती की गई. पूजन के पश्चात पालकी को आईजी, कमिश्नर ने अपने कंधों पर उठा कर आगे बढ़ाया. मंदिर के मुख्य द्वार पर बाबा को पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. Guard of Honour Given Baba Mahakal
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बारिश के दौरान भी दिखा भक्तों का उत्साह: तेज बारिश के बावजूद भक्त बाबा की एक झलक पाने को नगरी में बड़ी संख्या में दूर-दूर से पहुंचे. इस दौरान आकर्षण का केंद्र रहा, मंदिर के मुख्य द्वार से क्षिप्रा तट तक सांस्कृतिक कला कही जाने वाली भव्य रंगोली जो के वि पंड्या द्वारा बनाई गई थी. क्षिप्रा नदी स्तिथ सवारी मार्ग पर रेड कारपेट बिछाया गया और भगवा ध्वज लगाए गए. आतिशबाजियां की गईं. शाही सवारी की शुरुआत तोप दागने की आवाज और केसरिया ध्वज लहराते हुए की गई. उसके पश्चात पुलिस बैण्ड द्वारा सुंदर धुन बजाकर बाबा का स्वागत किया गया. महाकालेश्वर मंदिर से सवारी, महाकाल घाटी, होते हुए क्षिप्रा नदी पहुंची जहां पुजारियों और सिंधिया स्टेट की परंपरा अनुसार पूजन के बाद भगवान तय मार्ग से भ्रमण करते हुए मंदिर लौटे. Baba Mahakal Shahi Sawari