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उज्जैन में बीपीएल राशन कार्ड घोटाला, 30 हजार फर्जी राशन कार्ड कैंसिल, समग्र आईडी भी बंद की गई

कलेक्टर की जांच के बाद 30 हजार फर्जी बीपीएल राशन(30 thousand fake bpl ration card)कार्ड को रद्द कर दिया गया है. साथ ही राशन कार्ड धारियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोक दिया गया है.

0 thousand fake bpl ration card
उज्जैन फर्जी बीपीएल राशन कार्ड घोटाला
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Published : Jan 21, 2022, 10:11 PM IST

उज्जैन। कलेक्टर की जांच के बाद 30 हजार फर्जी बीपीएल राशन(30 thousand fake bpl ration card)कार्ड को रद्द कर दिया गया है. साथ ही राशन कार्ड धारियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोक दिया गया है. इन बीपीएल राशन कार्ड से बड़ी संख्या में अपात्र लोग सभी सुविधाओं का लाभ ले रहे थे. कई बीपीएल कार्ड धारक तो ऐसे थे जिनके पास कार, बड़े घर सहित तमाम सुविधाएं मौजूद थीं. प्रशासन अब इनके नामों का प्रकाशन करवाकर दावे आपत्ति के बाद वेध नामों को इनमें जोड़ेगा.

उज्जैन फर्जी बीपीएल राशन कार्ड घोटाला

अमान्य करार दिए गए 30 हजार फर्जी बीपीएल कार्ड
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और एसडीएम संजय साहू को लंबे समय से यह शिकायत मिल रही थी कि कई अपात्र बीपीएल राशन कार्ड धारक सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. जिस पर एसडीएम, जिला खाद्य नियंत्रक को कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी किए थे. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि जिले में 30 हजार बीपीएल कार्ड फर्जी पाए गए. इन राशन कार्डों को अमान्य कर दिया गया है. नगर निगम को पत्र भेजकर सभी फर्जी कार्ड धारकों के समग्र आईडी भी बंद करने के भी निर्देश दिए गए ताकि वे समग्र आईडी से मिलने वाली सुविधा भी नहीं ले सकें.

गरीबों के हक पर डाला जा रहा था डाका
इस कार्रवाई को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि हमने सर्वे कराया था जिसमे बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. करीब 30 हजार फर्जी राशन कार्ड धारक पकडे गए हैं. इन बीपीएल कार्ड धारकों के पास घर , कार और कई पास तो दो मंजिला मकान और अन्य सुविधाएं भी मौजूद थीं. ऐसे सभी कार्ड धारियों पर कार्रवाई करते हुए सभी के समग्र आईडी बंद करने के निर्देश दिए हैं. गरीबों के हक पर डाका डाल रहे ये फर्जी बीपीएल कार्ड धारक शासन की तमाम योजनाओं का लाभ ले रहे थे. जिसमे केरोसिन, चावल, गेंहू सहित आयुष्मान कार्ड, पीएम आवास जैसी योजना का भी कई लोग लाभ ले चुके हैं. अब इन फर्जी नामों को काटने से शासन का करोड़ों रुपए का राशन बचेगा.

इनको मिलता है बीपीएल कार्ड
- बीपीएल राशन कार्ड धारी परिवार की वार्षिक आय 40,000 से अधिक नहीं होना चाहिए.

- उनका मकान पक्का नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कोई भी लग्जरी सामान जैसे टीवी, फ्रिज, चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए.

ऐसे हुई फर्जी राशन कार्डों की पहचान

उज्जैन जिले में ढाई लाख राशन कार्ड रजिस्टर्ड हैं. इनमें से एक लाख 30 हजार राशन कार्ड बीपीएल के हैं. जिनमें पता कहीं और का और निवास कहीं और मिला. सर्वे टीम जब सर्वे के लिए पहुंची तो अधिकतर जगहों पर टीम को राशन कार्ड में रजिस्टर्ड परिवार को कोई भी सदस्य उस पते पर नहीं मिला. जिसके बाद इन लोगों के असली और फर्जी पतों की पहचान कर 30 हजार ऐसे फर्जी बीपीएल कार्ड धारी पाए गए जो दूसरी जगहों पर तमाम लग्जरी सुविधाओं के साथ रह रहे थे. जांच के बाद इन फर्जी बीपीएल राशन कार्ड को रद्द कर दिया गया है. कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि जिन पात्र लोगों के नाम इसमें शामिल हुए हैं उन्हें जांच के बाद फिर से जोड़ दिया जाएगा.

उज्जैन। कलेक्टर की जांच के बाद 30 हजार फर्जी बीपीएल राशन(30 thousand fake bpl ration card)कार्ड को रद्द कर दिया गया है. साथ ही राशन कार्ड धारियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोक दिया गया है. इन बीपीएल राशन कार्ड से बड़ी संख्या में अपात्र लोग सभी सुविधाओं का लाभ ले रहे थे. कई बीपीएल कार्ड धारक तो ऐसे थे जिनके पास कार, बड़े घर सहित तमाम सुविधाएं मौजूद थीं. प्रशासन अब इनके नामों का प्रकाशन करवाकर दावे आपत्ति के बाद वेध नामों को इनमें जोड़ेगा.

उज्जैन फर्जी बीपीएल राशन कार्ड घोटाला

अमान्य करार दिए गए 30 हजार फर्जी बीपीएल कार्ड
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और एसडीएम संजय साहू को लंबे समय से यह शिकायत मिल रही थी कि कई अपात्र बीपीएल राशन कार्ड धारक सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. जिस पर एसडीएम, जिला खाद्य नियंत्रक को कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी किए थे. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि जिले में 30 हजार बीपीएल कार्ड फर्जी पाए गए. इन राशन कार्डों को अमान्य कर दिया गया है. नगर निगम को पत्र भेजकर सभी फर्जी कार्ड धारकों के समग्र आईडी भी बंद करने के भी निर्देश दिए गए ताकि वे समग्र आईडी से मिलने वाली सुविधा भी नहीं ले सकें.

गरीबों के हक पर डाला जा रहा था डाका
इस कार्रवाई को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि हमने सर्वे कराया था जिसमे बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. करीब 30 हजार फर्जी राशन कार्ड धारक पकडे गए हैं. इन बीपीएल कार्ड धारकों के पास घर , कार और कई पास तो दो मंजिला मकान और अन्य सुविधाएं भी मौजूद थीं. ऐसे सभी कार्ड धारियों पर कार्रवाई करते हुए सभी के समग्र आईडी बंद करने के निर्देश दिए हैं. गरीबों के हक पर डाका डाल रहे ये फर्जी बीपीएल कार्ड धारक शासन की तमाम योजनाओं का लाभ ले रहे थे. जिसमे केरोसिन, चावल, गेंहू सहित आयुष्मान कार्ड, पीएम आवास जैसी योजना का भी कई लोग लाभ ले चुके हैं. अब इन फर्जी नामों को काटने से शासन का करोड़ों रुपए का राशन बचेगा.

इनको मिलता है बीपीएल कार्ड
- बीपीएल राशन कार्ड धारी परिवार की वार्षिक आय 40,000 से अधिक नहीं होना चाहिए.

- उनका मकान पक्का नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कोई भी लग्जरी सामान जैसे टीवी, फ्रिज, चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए.

ऐसे हुई फर्जी राशन कार्डों की पहचान

उज्जैन जिले में ढाई लाख राशन कार्ड रजिस्टर्ड हैं. इनमें से एक लाख 30 हजार राशन कार्ड बीपीएल के हैं. जिनमें पता कहीं और का और निवास कहीं और मिला. सर्वे टीम जब सर्वे के लिए पहुंची तो अधिकतर जगहों पर टीम को राशन कार्ड में रजिस्टर्ड परिवार को कोई भी सदस्य उस पते पर नहीं मिला. जिसके बाद इन लोगों के असली और फर्जी पतों की पहचान कर 30 हजार ऐसे फर्जी बीपीएल कार्ड धारी पाए गए जो दूसरी जगहों पर तमाम लग्जरी सुविधाओं के साथ रह रहे थे. जांच के बाद इन फर्जी बीपीएल राशन कार्ड को रद्द कर दिया गया है. कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि जिन पात्र लोगों के नाम इसमें शामिल हुए हैं उन्हें जांच के बाद फिर से जोड़ दिया जाएगा.

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