ETV Bharat / city

सतना के 11 बच्चों ने नान स्टॉप 48 घंटे स्केटिंग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया अपना नाम - खिलाड़ी

कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित स्केटिंग प्रतियोगति में सतना के 11 बच्चों ने स्केटिंग में अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है. वहीं उनकी इस सफलता से कोच और बच्चों के परिजनो के अलावा पूरा सतना खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

बच्चों ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
author img

By

Published : Apr 1, 2019, 6:25 PM IST

सतना। "कौन कहता है असमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों" इन लाइनों को सतना के होनहार बच्चों ने सच साबित कर दिखाया. कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित स्केटिंग टूर्नामेंट में नान स्टॉप 48 घंटे स्केटिंग कर सतना के 11 बच्चों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने में बड़ी कामयाबी हासिल की है.

इस सफलता पर एक खिलाड़ी विशेषता सिंह ने कहा कि गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. टूर्नामेंट में देश भर के 600 चुनिंदा स्केटर्स ने भाग लिया था. बच्चों की यह उपलब्धि से न सिर्फ सतना बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है.बच्चों की इस खुशी में उनके माता-पिता भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

बच्चों ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

एक ओर जहां सभी इस सफलता से खुश हैं वहीं स्केटिंग के कोच ने कहा कि संसाधनों के अभाव और सरकार की बेरुखी होनहार प्रतिभागियों के आगे मुश्किलें खड़ी करती हैं, लेकिन बच्चों ने बिना स्केटिंग ट्रैक पर पैक्टिस के जो उपलब्धि हासिल की है वो उनकी लगन और मेहनत का नतीजा है.

सतना। "कौन कहता है असमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों" इन लाइनों को सतना के होनहार बच्चों ने सच साबित कर दिखाया. कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित स्केटिंग टूर्नामेंट में नान स्टॉप 48 घंटे स्केटिंग कर सतना के 11 बच्चों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने में बड़ी कामयाबी हासिल की है.

इस सफलता पर एक खिलाड़ी विशेषता सिंह ने कहा कि गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. टूर्नामेंट में देश भर के 600 चुनिंदा स्केटर्स ने भाग लिया था. बच्चों की यह उपलब्धि से न सिर्फ सतना बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है.बच्चों की इस खुशी में उनके माता-पिता भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

बच्चों ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

एक ओर जहां सभी इस सफलता से खुश हैं वहीं स्केटिंग के कोच ने कहा कि संसाधनों के अभाव और सरकार की बेरुखी होनहार प्रतिभागियों के आगे मुश्किलें खड़ी करती हैं, लेकिन बच्चों ने बिना स्केटिंग ट्रैक पर पैक्टिस के जो उपलब्धि हासिल की है वो उनकी लगन और मेहनत का नतीजा है.

Intro:एंकर इंट्रो ---
"कौन कहता है असमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों" इन लाइनों को सतना के होनहार बच्चों ने सच साबित कर दिया,,कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित स्केटिंग टूर्नामेंट में नान स्टॉप 48 घंटे स्केटिंग कर सतना के इन 11 बच्चों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने में बड़ी कामयाबी हासिल की हैं,, बच्चों की सफलता से सतना ही नहीं बल्कि पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है,,टूर्नामेंट में देश भर के 600 चुनिंदा स्केटर्स ने भाग लिया था,,अपनी जीत को विजेता खिलाड़ी आज मीडिया के सामने लेकर आये ।


Body:VO 1--
जब असमान छूने हौसला बुलंद हो तो उड़ान को भी पर लग जाते है,, यही वाक्य सतना के 11 स्केटर्स ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर साबित कर दिखाया,,कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित लार्जेस्ट रोलर स्केटिंग लेशन टूर्नामेंट में 16 मई और 09 नवम्बर -18 को लगातार 48 घंटे परफॉर्म किया था,,यह टूर्नामेंट में देश के सभी राज्यो से 600 से ज्यादा चुनिंदा खिलाड़ियों ने भाग लिया था,,इस टूर्नामेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम ने कवर किया था,,सभी पैमानों में खरे उतरने के बाद वैभव एकेडमी सतना के 11 स्केटर्स का नाम गिनीज बुक में दर्ज कर लिया गया,, बच्चों की यह उपलब्धि से न सिर्फ सतना बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है ।

Vo 2---
बच्चो की उड़ान को पंख लगाने वाले कोच इस उपलब्धि से बेहद खुश तो है,,वह बताते हैं कि बच्चों ने यह रिकॉर्ड पहली बार नहीं कई बार वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रेक किया है,, लेकिन भारी मन से कहते हैं कि संसाधनो के अभाव और सरकार की बेरुखी इन होनहार प्रतिभागियों को एक दिन खत्म कर देगी,,विश्व स्तरीय रिकॉर्ड बनाने वाले इन बच्चों को सतना में एक स्केटिंग ट्रैक नसीब नहीं है,, क्लास खत्म होने पर एक निजी कालेज ग्राउंड में बच्चे प्रैक्टिस करने को मजबूर है,,शर्मनाक हैं कि सतना की अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं को सरकार सुविधा मुहैया नहीं करा पा रही हैं,, बड़े बड़े मंत्री नेता बच्चों के हुनर का लोहा मानते हैं,, और सरकार से सारी सुविधा दिला पाने में अशमर्थ हैं । कोच और बच्चों के पैरेंट्स स्केटर्स की उपलब्धि से बेहद खुश हैं लेकिन वह अपनी टीस छिपा नहीं सके ।



Conclusion:byte ---
विशेषता सिंह -- गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर स्केटर्स -सतना ।

byte ---
वैभव अग्रवाल --- गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर कोच -सतना ।

byte ---
शिविंगी सिंह --- बच्चों के पैरेंट्स सतना ।

byte ---
अंजू सिंह --- बच्चों के पैरेंट्स सतना ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.