सतना। जिले के मझगवां तहसील के भट्टन टोला में 5 लोगों की डायरिया से मौत हो गई, जिसके बाद से ही जिले भर में मचा हड़कंप हुआ है. फिलहाल मौके पर पहुंचा जिला प्रशासन और मेडिकल की पूरी टीम ने गांव में कैंप लगाकर बीमारी की जांच और इलाज में जुटी. Satna Diarrhea Outbreak
5 की मौत कई बीमार: मध्यप्रदेश के सतना जिले के मझगवां तहसील के भट्टन टोला ग्राम में विगत 10 दिनों से उल्टी दस्त की बड़ी बीमारी का फैला प्रकोप है, जिसके चलते गांव में 5 लोगों की मौत हो गई. मृतकों के नाम सुनहला मवासी उम्र 8 वर्ष, छोटी बाई मवासी 11 वर्ष, रामगोपाल मवासी 52 वर्ष, जवाहर लाल मवासी उम्र 75 वर्ष सहित 3 माह के नवजात शिशु की मौत हो गई. पूरे गांव में डायरिया जैसी बड़ी बीमारी का प्रकोप बताया जा रहा है, अभी भी करीब दर्जन भर लोग इस डायरिया जैसी बड़ी बीमारी के चपेट में हैं.
इसलिए फैला डायरिया: अब डायरिया से पांच की मौत के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है, ग्रामीणों की मानें तो 11 तारीख से बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है. अब जब 5 लोगों की मौत होने के बाद जिला कलेक्टर सीईओ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर पहुंचे, इसके पहले कभी भी प्रशासन इस गांव में नहीं आया था. गांव की सबसे बड़ी मूलभूत समस्या पीने का पानी है, पूरा गांव दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं, इसके अलावा गांव में बिजली, पानी, सड़क की बड़ी समस्या है, अगर कोई बीमार हो जाता है तो समय पर ना तो एंबुलेंस मिलता है और ना ही कोई और सुविधा.
ग्रामीणों ने की अपील: मामले में जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 23 की सदस्य लक्ष्मी देवी ने बताया कि, "यहां पर जिस गांव में समस्याओं की बात करें तो बहुत समस्या है, इसके बारे में बयां नहीं किया जा सकता. लोग दूषित पानी पी रहे हैं. यहां के अस्पताल में ना तो कोई डॉक्टर रहते हैं ना ही लोगों को समय पर इलाज मिल पाता है, अगर मरीज अस्पताल पहुंच जाते हैं देर रात तो वहां कोई डॉक्टर नहीं होता. यहां 5 लोगों की मौत कॉलरा जैसी खतरनाक बीमारी से हो चुकी है, और करीब 4 लोग हॉस्पिटल में हैं.
डायरिया का डंक, दूषित पानी पीने से 1 बच्ची की मौत 4 की तबियत बिगड़ी, जिला अस्पताल भर्ती
डायरिया से मौत को लेकर संदेह: इसके अलावा जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि, "पिछले 10, 11 दिनों में यहां पर कुछ लोगों की मौत हुई है और सभी के कारण अलग-अलग बताये जा रहे हैं, फिर भी सावधानी के तौर पर यहां पर जो कुएं का पानी लोग पीते हैं उसमें दवा का छिड़काव करा कर उसका ट्रीटमेंट करा रहे हैं. पाइप लाइन के माध्यम से पानी की सप्लाई को व्यवस्थित कराई जा रही है. मेडिकल टीम का गांव में कैंप लगा दिया गया है जहां सभी लोगों की जांच की जा रही है. अन्य लोगों में अभी तक कोई भी गंभीर लक्षण नजर नहीं आए. कुछ पेशेंट अभी अस्पताल में भर्ती हैं. प्रशासनिक अधिकारी 5 लोगों की हैजा या डायरिया से मौत होने से इनकार कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि सभी की मौत अलग अलग वजह से हुई हैं.