सतना। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत गरीबों को मकान देने का दावा सतना में फेल होता नजर आ रहा है. 2018 में पूरा होने वाले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर के चिन्हित गरीब परिवारों को ये मकान दिये जाने थे. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते अभी तक एक भी गरीब को उनका आवास नहीं मिला है. ऐसे में झुग्गियों में रहने वाले गरीब निगम दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
दरअसल स्मार्ट सिटी योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शहर में लगभग 200 करोड़ की लागत से गरीबों के आवास बनाए जा रहे हैं. जिसमें 2018 तक शहर के चिन्हित गरीब परिवारों को यह मकान दिए जाने थे, लेकिन कछुए की गति से चल रहा प्रशासन एक भी आवास गरीबों को नहीं दे पाया. अधिकांश मकान खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन गरीबों का आशियाना दिलाने में कितना गंभीर है.
सतना बाईपास उतैली में 2,850 मकान बनाए जा रहे हैं. मगर सतना नगर निगम प्रशासन 4 वर्षों में यह काम पूरा नहीं कर पाया, कई बार इसकी एमआईसी में शिकायत भी की गई लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर नगरी निकाय मंत्रालय और मुख्यमंत्री से की मगर नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. नगर निगम पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है.
इस मामले पर नगर निगम सतना के संबंधित अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारी का कहना रहा कि इस योजना की कार्य अवधि समाप्त हो चुकी है, लेकिन जल्दी इसे पूरा कर लिया जाएगा. बहरहाल गरीबों के सपनों का आशियाना मिलने में अभी काफी वक्त लगेगा. सबसे ज्यादा वह गरीब परेशान है जो कर्ज लेकर ₹20,000 की मार्जिन मनी जमा कर चुके हैं, लेकिन इस बात से नगर निगम अनजान बना हुआ है.