सतना। जिले में सड़कों के हालात कितने खराब हैं, इसका एक उदाहरण है सतना-पन्ना हाईवे. जहां एक जर्जर पुल हर दिन हादसों को दावत दे रहा है. जिले में लगातार दो दिन से हो रही बारिश की वजह से पुल के दोनों तरफ वाहनों का लंबा जाम लगा रहता है. लेकिन इस तरफ न तो प्रशासन ध्यान दे रहा और न जनप्रतिनिधि.
सतना शहर से लगे नागौद-पन्ना मुख्य मार्ग पर बना यह पुल अंग्रेजों के जमाने का है, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. बारिश की वजह से यहां हर दिन जाम की स्थिति बन रही है. पुल में इस कदर गड्ढे हो चुके हैं कि उस पर से वाहनों का निकलना दूभर हो गया है. जाम की वजह से पैदल चलने वाले राहगीर जर्जर पुल के बाउंड्री से पैदल चलकर जाने को मजबूर हैं. जिससे किसी भी वक्त हादसा हो सकता है.
दो साल में भी नहीं बन पाया नया पुल
पुल के जर्जर होने की वजह से नदी पर नया पुल बनाया जा रहा है, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से नया पुल दो साल में भी नहीं बन पाया. हाईवे से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि पुल के दोनों तरफ लंबा जाम लगने से उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से परेशानियां और बढ़ गई हैं. लेकिन ना तो प्रशासन और ना ही कोई जनप्रतिनिधि इस तरफ ध्यान दे रहा है. वाहनों का लंबा जाम लगने से आस-पास के ग्रामीणों की भी परेशानियां बढ़ जाती हैं.
![सड़क पर लगा लंबा जाम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sat-01-sadak-jaam-pkg-10025_16062020171401_1606f_02111_84.jpg)
सतना सांसद ने कहा-जल्द बनेगा नया पुल
मामले में जब सतना सांसद गणेश सिंह सिंह बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुल के निर्माण की जिम्मेदारी जिस कंपनी को दी गई थी उसने काम पूरा नहीं किया. जिसकी वजह से उसे टर्मिनेट कर दिया गया है, अब यह काम श्रीजी इंट्रा कांट्रेक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है. कंपनी ने दिसंबर माह तक काम पूरा होने का आश्वासन दिया है.
![जान जोखिम में डालकर पुल पर से गुजरते लोग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7647645_lglg.png)
बहरहाल अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया यह पुल आवागमन का रोड़ा बना हुआ है, इसके पहले भी पूर्व कलेक्टर डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने मौके का निरीक्षण कर पुल के मरम्मत कार्य के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं. लेकिन अभी तक पुल की मरम्मत नहीं कराई गई, ऐसे में कहीं ना कहीं जिला प्रशासन साफ तौर पर सवालों के घेरे में नजर आ रहा है.