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Dhanteras 2022: 1844 के बाद बन रहा अद्भुत संयोग, इस बार दो दिन मनेगी धनतेरस, दोनों दिन खरीदी के शुभाशुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, धनतेरस (Dhanteras 2022) का त्योहार कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है. त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत भी रखा जाता है. धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरी की जयंती मनाई जाती है. धनतेरस के दिन सोना, चांदी व अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना लाभकारी माना गया है. इस साल लोगों के बीच कंफ्यूजन है कि आखिर उदया तिथि में धनतेरस का त्योहार 22 या 23 अक्टूबर कब मनाया जाएगा. तो आप भी जानें आखिर धनतरेस की सही तारीख क्या है. (Dhanteras 2022) (Kab Hai Bhai Dooj 2022) (Shubh Muhurat Tithi Bhaiya Dooj) (Bhaiya Dooj Tilak Ki Vidhi And Mantra) (Bhai Dooj 2022 Date) (Dhanteras Kab Hai)(History Of Dhanteras)

Dhanteras 2022
धनतेरस का त्योहार
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Published : Oct 19, 2022, 9:34 AM IST

भोपाल। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. धनतेरस दिवाली के दो दिन पूर्व मनाया जाने वाला त्योहार है, लेकिन इस बार तिथियों के संयोग की वजह से धनतेरस के अगले दिन ही दिवाली मनाई जाएगी.(History Of Dhanteras) इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर और दिवाली 24 अक्टूबर को है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. इसलिए इसे धनतेरस के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है.(Bhai Dooj 2022 Date) त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी माना गया है (Dhanteras Kab Hai)

बन रहा शुभ संयोग: इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है. इस वजह से धनतेरस या धन त्रयोदशी का पावन पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस बार दीप पर्व का पहला दिन यानी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनने वाली धनतेरस दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनेगी. शुभ संयोग यह भी है कि, खरीदी के लिए दोनों दिन शुभ हैं. तेरस प्रदोषकाल में 22 की शाम को रहेगी. इसलिए दीपदान 22 को ही होगा. हालांकि धन्वंतरि पूजन 23 को किया जा सकेगा. 5 दिनी दीपावली पर्व इस बार 6 दिन का रहेगा. 25 को सूर्य ग्रहण के कारण कोई पर्व नहीं मनेगा.

खरीदी का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक तेरस 22 अक्टूबर की दोपहर 3.05 बजे से 23 की शाम 5.22 बजे तक रहेगी. इसके बाद चतुर्दशी शुरू हो जाएगी. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री का कहना है कि भगवान धन्वंतरि का जन्म मध्यान्ह में हुआ था, इसलिए धन्वंतरि पूजन 23 को होगा. धनतेरस पर दोनों दिन खरीदी शुभ है. इस दिन सोना, चांदी, वाहन, जमीन समेत अन्य खरीदी की जा सकती है.

Dhanteras 2022
धनतेरस का त्योहार

दिवाली मनाने का मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, अमावस्या और प्रदोषकाल 24 अक्टूबर को है. इसलिए महालक्ष्मी पूजन 24 तारीख की रात में किया जाएगा. 23 अक्टूबर की शाम 5.20 से चतुर्दशी शुरू होकर 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे तक रहेगा. इसके बाद अमावस्या शुरू होगी. यानी की दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन शाम 6 बजे के बाद हो सकेगा. दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है. इसका सूतक काल सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा. इस दिन कोई धार्मिक कर्म नहीं होंगे. ग्रहण सूर्यास्त के बाद समाप्त होगा, इसलिए सूतक काल 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक रहेगा. इसलिए गोवर्धन पूजा, अन्नकूट 26 अक्टूबर को होगा.

इस तारीख को मनाई जाएगी भाई दूज: 26 तारीख को ग्रहण का सूतक समाप्त होने के बाद 27 अक्टूबर को भाईदूज मनाई जाएगी. इस तरह दीपावली के पंच पर्व धनतेरस, रूप चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज 6 दिन में पूरे होंगे. धनतेरस पर धन के कारक गुरु और स्थायित्व के कारक शनि स्वयं की राशि क्रमश: मीन व मकर में गोचर हो रहे हैं. इससे पहले यह संयोग 178 साल पहले की धनतेरस यानी 8 नवंबर 1844 को बना था. (Bhaiya Dooj Tilak Ki Vidhi And Mantra)

भाई दूज का शुभ मुहूर्त: भाईदूज पर तिलक का समय 12:14 से 12:47 तक.

Dhanters 2022: धनतेरस पर खरीदें नया पर्स, होंगे ये फायदे, इन उपायों से घर में आएगी समृद्धि

तिलक लगाते समय इस मंत्र का करें जाप: गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को. सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें.

भाई को तिलक लगाने की सही विधि: सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें और भगवान का पूजन करें. मुहूर्त से पहले भाई के तिलक के लिए थाल सजा लें. थाली में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई, अक्षत और सुपारी रख लें. पिसे हुए चावल के आटे या घोल से चौक बनाएं और शुभ मुहूर्त में इस चौक पर भाई को बिठाएं. इसके बाद भाई को तिलक लगाएं. तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें.तिलक और आरती के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और अपने हाथों से बना भोजन कराएं..(Dhanteras 2022) (Kab Hai Bhai Dooj 2022) (Shubh Muhurat Tithi Bhaiya Dooj)

भोपाल। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. धनतेरस दिवाली के दो दिन पूर्व मनाया जाने वाला त्योहार है, लेकिन इस बार तिथियों के संयोग की वजह से धनतेरस के अगले दिन ही दिवाली मनाई जाएगी.(History Of Dhanteras) इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर और दिवाली 24 अक्टूबर को है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. इसलिए इसे धनतेरस के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है.(Bhai Dooj 2022 Date) त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी माना गया है (Dhanteras Kab Hai)

बन रहा शुभ संयोग: इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है. इस वजह से धनतेरस या धन त्रयोदशी का पावन पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस बार दीप पर्व का पहला दिन यानी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनने वाली धनतेरस दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनेगी. शुभ संयोग यह भी है कि, खरीदी के लिए दोनों दिन शुभ हैं. तेरस प्रदोषकाल में 22 की शाम को रहेगी. इसलिए दीपदान 22 को ही होगा. हालांकि धन्वंतरि पूजन 23 को किया जा सकेगा. 5 दिनी दीपावली पर्व इस बार 6 दिन का रहेगा. 25 को सूर्य ग्रहण के कारण कोई पर्व नहीं मनेगा.

खरीदी का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक तेरस 22 अक्टूबर की दोपहर 3.05 बजे से 23 की शाम 5.22 बजे तक रहेगी. इसके बाद चतुर्दशी शुरू हो जाएगी. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री का कहना है कि भगवान धन्वंतरि का जन्म मध्यान्ह में हुआ था, इसलिए धन्वंतरि पूजन 23 को होगा. धनतेरस पर दोनों दिन खरीदी शुभ है. इस दिन सोना, चांदी, वाहन, जमीन समेत अन्य खरीदी की जा सकती है.

Dhanteras 2022
धनतेरस का त्योहार

दिवाली मनाने का मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, अमावस्या और प्रदोषकाल 24 अक्टूबर को है. इसलिए महालक्ष्मी पूजन 24 तारीख की रात में किया जाएगा. 23 अक्टूबर की शाम 5.20 से चतुर्दशी शुरू होकर 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे तक रहेगा. इसके बाद अमावस्या शुरू होगी. यानी की दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन शाम 6 बजे के बाद हो सकेगा. दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है. इसका सूतक काल सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा. इस दिन कोई धार्मिक कर्म नहीं होंगे. ग्रहण सूर्यास्त के बाद समाप्त होगा, इसलिए सूतक काल 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक रहेगा. इसलिए गोवर्धन पूजा, अन्नकूट 26 अक्टूबर को होगा.

इस तारीख को मनाई जाएगी भाई दूज: 26 तारीख को ग्रहण का सूतक समाप्त होने के बाद 27 अक्टूबर को भाईदूज मनाई जाएगी. इस तरह दीपावली के पंच पर्व धनतेरस, रूप चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज 6 दिन में पूरे होंगे. धनतेरस पर धन के कारक गुरु और स्थायित्व के कारक शनि स्वयं की राशि क्रमश: मीन व मकर में गोचर हो रहे हैं. इससे पहले यह संयोग 178 साल पहले की धनतेरस यानी 8 नवंबर 1844 को बना था. (Bhaiya Dooj Tilak Ki Vidhi And Mantra)

भाई दूज का शुभ मुहूर्त: भाईदूज पर तिलक का समय 12:14 से 12:47 तक.

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तिलक लगाते समय इस मंत्र का करें जाप: गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को. सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें.

भाई को तिलक लगाने की सही विधि: सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें और भगवान का पूजन करें. मुहूर्त से पहले भाई के तिलक के लिए थाल सजा लें. थाली में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई, अक्षत और सुपारी रख लें. पिसे हुए चावल के आटे या घोल से चौक बनाएं और शुभ मुहूर्त में इस चौक पर भाई को बिठाएं. इसके बाद भाई को तिलक लगाएं. तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें.तिलक और आरती के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और अपने हाथों से बना भोजन कराएं..(Dhanteras 2022) (Kab Hai Bhai Dooj 2022) (Shubh Muhurat Tithi Bhaiya Dooj)

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