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राजनीति की 'खाद' ! DAP पर प्रदेश में संग्राम, मंत्री बोले- किल्लत तो है, किसान देखें 'दूसरा रास्ता' - NANO URIYA ALTERNATIVE OF FERTILIZER

प्रदेश में खाद संकट गहराया हुआ है. इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने किसानों को डीएपी का विकल्प ढूंढने की समझाइश दी है. साथ ही नैनो यूरिया पर भी जोर दिया जा रहा है.

खाद पर 'संग्राम'!
खाद पर 'संग्राम'!
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Published : Oct 30, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 10:01 PM IST

सागर। रबी की फसल की बुवाई के बाद किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. इसके बाद भी उनके हाथ खाली हैं. प्रशासन व्यवस्था सुधारने और किसानों को खाद मुहैया कराने के लाख दावे कर रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. एक तरफ किसान परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ जगहों में खाद की कालाबाजारी देखने को मिली. किसानों के हिस्से की खाद कोई और ही अपने रुतबे की बदौलत डकार रहा है. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने की बात कही है. सीएम शिवराज ने किसानों को आश्वासन दिया है कि ऐसे आरोपियों को जेल भेजा जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर अब राजनीति शुरू हो गई है. पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री ने किसानों को डीएपी का विकल्प तलाशने की भी समझाइश दी है.

किसानों को डीएपी का विकल्प तलाशने चाहिए : केंद्रीय मंत्री
सागर में शनिवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की मौजूदगी में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (DISHA) की बैठक आयोजित की गई. जिसमें खाद की कमी का मुद्दा जमकर उठा. जिसपर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सलाह दी कि किसानों को डीएपी के दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए. डीएपी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होने के कारण हमें आपस में विचार-विमर्श कर उनके विकल्पों पर विचार करना चाहिए.

बैठक में जिला प्रशासन पर खाद वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया गया. जिसको लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी प्रशासन से नाराजगी जताई. उन्होंने जिला प्रशासन से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जिले की सभी विधानसभाओं में बिना भेदभाव के खाद की व्यवस्था की जाए.

किसानों को विकल्प ढूंढना चाहिए

वैज्ञानिकों ने नैनौ यूरिया की दी सलाह
नैनो यूरिया का मतलब यह है कि इसे बहुत छोटे आकार में ज्यादा क्षमता के साथ तैयार किया गया है. इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मिली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग यानी बोरी के बराबर है. इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी. नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है. जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी.

नैनो यूरिया तरल को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है. इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है. नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा. किसानों द्वारा नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी. इससे पैदावार भी बढ़ती है.

  • प्रदेश में खाद की व्यवस्था को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, मैंने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी खाद की कालाबाजारी करेगा, तो रासुका के तहत जेल भेज देंगे। किसान आश्वस्त रहें हम खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। किसान धैर्य रखें, हमें केंद्र का पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 29, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कालाबाजी करने वालों के खिलाफ NSA की कार्रवाई
खाद संकट के बीच इसकी कालाबाजारी की जानकारी सामने आ रही थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर नाराजगी जताई. साथ ही ट्विटर पर लिखा, 'प्रदेश में खाद की व्यवस्था को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, मैंने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी खाद की कालाबाजारी करेगा, तो रासुका के तहत जेल भेज देंगे. किसान आश्वस्त रहें हम खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे. किसान धैर्य रखें, हमें केंद्र का पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है'.

खाद की कालाबाजारी पर सख्त सीएम, BLACK MARKETING करने वाले रासुका में जाएंगे जेल

आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
खाद की कमी के कारण उपजी अव्यवस्थाओं के कारण सत्ता पक्ष के विधायकों की नाराजगी देखने मिल रही है. हालात ये हैं कि सत्ता पक्ष के ही विधायक प्रशासन पर भेदभाव और कम आपूर्ति का आरोप लगा रहे हैं. वहीं विपक्ष का कहना है कि उपचुनाव वाले क्षेत्र में सागर जिले के हिस्से की खाद भेजने के कारण ये हालात बने हैं. पूरे जिले में डीएपी खाद की कमी हो गई है, और प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं. प्रशासन किसानों से संयम बरतने की अपील कर रहा है, लेकिन व्यवस्था सुधारने में नाकाम रहा है.

सत्ता पक्ष के नेता भी खाद वितरण व्यवस्था से नाराज
खाद की किल्लत को देखते हुए अब सत्तापक्ष के विधायक भी प्रशासन पर भेदभाव और कम आपूर्ति का आरोप लगा रहे हैं. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और नरयावली विधानसभा के विधायक प्रदीप लारिया ने उनके विधानसभा क्षेत्र में खाद की कमी के चलते दो बार जिला कलेक्टर से मुलाकात की और नाराजगी जताई. उनका कहना है कि कुछ अधिकारियों द्वारा खाद के वितरण में भेदभाव किया जा रहा है. कलेकटर से मुलाकात के बाद विधायक ने कहा कि क्षेत्र के किसानों की परेशानी दूर करने का आश्वासन कलेक्टर द्वारा दिया गया है.

बता दें, नरयावली विधानसभा क्षेत्र में मंडी और जिला विपणन कार्यालय आते हैं, जहां से सागर जिले के लिए खाद वितरण की जाती है. प्रशासन मंडी और जिला विपणन कार्यालय के लिए आवंटित खाद को भी नरयावली विधानसभा के कोटे में लेता है. जिसके कारण विधानसभा क्षेत्र की सोसायटी में खाद का संकट खड़ा हो गया है.

बीजेपी विधायक कलेक्टर से मिले

खाद की किल्लत: 2-3 दिन से कतारों में लगे पुरुष थके, अब महिलाओं ने संभाला मोर्चा

चुनावी क्षेत्रों में भेजी गई सागर के हिस्से की खाद : कांग्रेस
बंडा विधानसभा के कांग्रेस विधायक तरवर लोधी ने बीजेपी पर किसानों की फिक्र नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'सरकार विधायक खरीदने और सरकार गिराने में मस्त है, सरकार ने पहले सोचा ही नहीं कि रबी के सीजन में किसानों के लिए कितनी खाद की जरूरत पड़ेगी, इसलिए ये हालात बने हैं. प्रशासन कुछ भी कहे और सत्तापक्ष के विधायक कुछ भी कहें, लेकिन पूरे जिले में डीएपी की कमी हो गई है. किसान परेशान हैं, लेकिन डीएपी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. सागर जिले में खाद संकट जिले के हिस्से की खाद पृथ्वीपुर उपचुनाव वाले क्षेत्र में भेजे जाने के कारण हुई है'.

वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि बीजेपी विधायक किसानों के हितेषी बनने का ढोंग कर रहे हैं. अगर वह वाकई किसानों के पक्ष में खड़े हैं, तो उन्हें आज खाद संकट के समय वैसे ही आंदोलन करना चाहिए, जैसा आंदोलन उन्होंने कांग्रेस की सरकार के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बुलाकर किया था.

कांग्रेस ने साधा निशाना

किसानों को रबी की फसल की बुवाई के लिए खाद की जरूरत है. सभी किसान जल्द से जल्द बुवाई करना चाहते हैं. एकदम से मांग बढ़ने और आपूर्ति में देरी के कारण ऐसे हालात बने हैं, लेकिन अब राज्य शासन द्वारा खाद की पर्याप्त मात्रा भेजी जा रही है. जिले में सोसायटी के माध्यम से किसानों के लिए खाद का वितरण किया जा रहा है. किसान भाई संयम रखें और व्यवस्था में सहयोग रखें, सभी के लिए खाद उपलब्ध कराई जाएगी.
- दीपक आर्य, सागर कलेक्टर

सागर। रबी की फसल की बुवाई के बाद किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. इसके बाद भी उनके हाथ खाली हैं. प्रशासन व्यवस्था सुधारने और किसानों को खाद मुहैया कराने के लाख दावे कर रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. एक तरफ किसान परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ जगहों में खाद की कालाबाजारी देखने को मिली. किसानों के हिस्से की खाद कोई और ही अपने रुतबे की बदौलत डकार रहा है. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने की बात कही है. सीएम शिवराज ने किसानों को आश्वासन दिया है कि ऐसे आरोपियों को जेल भेजा जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर अब राजनीति शुरू हो गई है. पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री ने किसानों को डीएपी का विकल्प तलाशने की भी समझाइश दी है.

किसानों को डीएपी का विकल्प तलाशने चाहिए : केंद्रीय मंत्री
सागर में शनिवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की मौजूदगी में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (DISHA) की बैठक आयोजित की गई. जिसमें खाद की कमी का मुद्दा जमकर उठा. जिसपर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सलाह दी कि किसानों को डीएपी के दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए. डीएपी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होने के कारण हमें आपस में विचार-विमर्श कर उनके विकल्पों पर विचार करना चाहिए.

बैठक में जिला प्रशासन पर खाद वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया गया. जिसको लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी प्रशासन से नाराजगी जताई. उन्होंने जिला प्रशासन से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जिले की सभी विधानसभाओं में बिना भेदभाव के खाद की व्यवस्था की जाए.

किसानों को विकल्प ढूंढना चाहिए

वैज्ञानिकों ने नैनौ यूरिया की दी सलाह
नैनो यूरिया का मतलब यह है कि इसे बहुत छोटे आकार में ज्यादा क्षमता के साथ तैयार किया गया है. इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मिली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग यानी बोरी के बराबर है. इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी. नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है. जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी.

नैनो यूरिया तरल को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है. इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है. नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा. किसानों द्वारा नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी. इससे पैदावार भी बढ़ती है.

  • प्रदेश में खाद की व्यवस्था को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, मैंने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी खाद की कालाबाजारी करेगा, तो रासुका के तहत जेल भेज देंगे। किसान आश्वस्त रहें हम खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। किसान धैर्य रखें, हमें केंद्र का पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 29, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कालाबाजी करने वालों के खिलाफ NSA की कार्रवाई
खाद संकट के बीच इसकी कालाबाजारी की जानकारी सामने आ रही थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर नाराजगी जताई. साथ ही ट्विटर पर लिखा, 'प्रदेश में खाद की व्यवस्था को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, मैंने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी खाद की कालाबाजारी करेगा, तो रासुका के तहत जेल भेज देंगे. किसान आश्वस्त रहें हम खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे. किसान धैर्य रखें, हमें केंद्र का पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है'.

खाद की कालाबाजारी पर सख्त सीएम, BLACK MARKETING करने वाले रासुका में जाएंगे जेल

आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
खाद की कमी के कारण उपजी अव्यवस्थाओं के कारण सत्ता पक्ष के विधायकों की नाराजगी देखने मिल रही है. हालात ये हैं कि सत्ता पक्ष के ही विधायक प्रशासन पर भेदभाव और कम आपूर्ति का आरोप लगा रहे हैं. वहीं विपक्ष का कहना है कि उपचुनाव वाले क्षेत्र में सागर जिले के हिस्से की खाद भेजने के कारण ये हालात बने हैं. पूरे जिले में डीएपी खाद की कमी हो गई है, और प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं. प्रशासन किसानों से संयम बरतने की अपील कर रहा है, लेकिन व्यवस्था सुधारने में नाकाम रहा है.

सत्ता पक्ष के नेता भी खाद वितरण व्यवस्था से नाराज
खाद की किल्लत को देखते हुए अब सत्तापक्ष के विधायक भी प्रशासन पर भेदभाव और कम आपूर्ति का आरोप लगा रहे हैं. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और नरयावली विधानसभा के विधायक प्रदीप लारिया ने उनके विधानसभा क्षेत्र में खाद की कमी के चलते दो बार जिला कलेक्टर से मुलाकात की और नाराजगी जताई. उनका कहना है कि कुछ अधिकारियों द्वारा खाद के वितरण में भेदभाव किया जा रहा है. कलेकटर से मुलाकात के बाद विधायक ने कहा कि क्षेत्र के किसानों की परेशानी दूर करने का आश्वासन कलेक्टर द्वारा दिया गया है.

बता दें, नरयावली विधानसभा क्षेत्र में मंडी और जिला विपणन कार्यालय आते हैं, जहां से सागर जिले के लिए खाद वितरण की जाती है. प्रशासन मंडी और जिला विपणन कार्यालय के लिए आवंटित खाद को भी नरयावली विधानसभा के कोटे में लेता है. जिसके कारण विधानसभा क्षेत्र की सोसायटी में खाद का संकट खड़ा हो गया है.

बीजेपी विधायक कलेक्टर से मिले

खाद की किल्लत: 2-3 दिन से कतारों में लगे पुरुष थके, अब महिलाओं ने संभाला मोर्चा

चुनावी क्षेत्रों में भेजी गई सागर के हिस्से की खाद : कांग्रेस
बंडा विधानसभा के कांग्रेस विधायक तरवर लोधी ने बीजेपी पर किसानों की फिक्र नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'सरकार विधायक खरीदने और सरकार गिराने में मस्त है, सरकार ने पहले सोचा ही नहीं कि रबी के सीजन में किसानों के लिए कितनी खाद की जरूरत पड़ेगी, इसलिए ये हालात बने हैं. प्रशासन कुछ भी कहे और सत्तापक्ष के विधायक कुछ भी कहें, लेकिन पूरे जिले में डीएपी की कमी हो गई है. किसान परेशान हैं, लेकिन डीएपी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. सागर जिले में खाद संकट जिले के हिस्से की खाद पृथ्वीपुर उपचुनाव वाले क्षेत्र में भेजे जाने के कारण हुई है'.

वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि बीजेपी विधायक किसानों के हितेषी बनने का ढोंग कर रहे हैं. अगर वह वाकई किसानों के पक्ष में खड़े हैं, तो उन्हें आज खाद संकट के समय वैसे ही आंदोलन करना चाहिए, जैसा आंदोलन उन्होंने कांग्रेस की सरकार के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बुलाकर किया था.

कांग्रेस ने साधा निशाना

किसानों को रबी की फसल की बुवाई के लिए खाद की जरूरत है. सभी किसान जल्द से जल्द बुवाई करना चाहते हैं. एकदम से मांग बढ़ने और आपूर्ति में देरी के कारण ऐसे हालात बने हैं, लेकिन अब राज्य शासन द्वारा खाद की पर्याप्त मात्रा भेजी जा रही है. जिले में सोसायटी के माध्यम से किसानों के लिए खाद का वितरण किया जा रहा है. किसान भाई संयम रखें और व्यवस्था में सहयोग रखें, सभी के लिए खाद उपलब्ध कराई जाएगी.
- दीपक आर्य, सागर कलेक्टर

Last Updated : Oct 30, 2021, 10:01 PM IST
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