सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही देश के विकास के लिए नई योजनाओं का दम भरते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि उनकी कई योजनाएं धरातल पर वैसी नहीं उतर पा रहीं जैसा सोचा गया था. केंद्र की एक योजना के तहत सांसदों ने गांव को गोद लेकर विकास के सपने दिखाए थे. ऐसा ही नरयावली विधानसभा के बदौना गांव के साथ हुआ जिसे सांसद राज बहादुर सिंह ने गोद लिया है, जिसमें जल संकट की समस्या है. इस मामले पर ईटीवी ने जांच कर इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. अब सांसद राज बहादुर सिंह और कलेक्टर दीपक आर्य ने खबर पर संज्ञान लेते हुए तत्काल पीएचई सागर जनपद की टीम को गांव का दौरा करने भेजा है.
कलेक्टर के आदेश पर निजी कुएं का अधिग्रहण: ईटीवी भारत की इस खबर का बड़ा असर हुआ है. हमने बताया था कि किस तरह से गांव में नल जल योजना होने के बावजूद भी लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है, और भीषण गर्मी में लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. इस मामले में कलेक्टर के आदेश से गांव के एक निजी कुएं का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में पानी है. इसके अलावा गांव में एक नए जल स्रोत के रूप में हैंडपंप तत्काल प्रभाव से खोदा जा रहा है. (Sagar water crisis)
पाइप लाइन क्षतिग्रस्त से गांव में पानी का अभाव: पीएचई की टीम ने गांव पहुंचकर जब जांच की तो कुछ लोगों द्वारा पाइप लाइन क्षतिग्रस्त किए जाने की बात सामने आई. इसी की वजह से पेयजल आपूर्ति में रुकावट हुई है. इसका सुधार कराया जाएगा. सांसद ने बताया कि,
पेयजल सप्लाई के लिए गांव से 4 किलोमीटर दूर कुएं के माध्यम से नल जल योजना की टंकी को भरकर पेयजल की सप्लाई की जाती है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा मेन लाइन को क्षतिग्रस्त किया गया है. ग्राम बदौना में आने वाले समय में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त नलकूप खनन भी कराया जाएगा. इसके साथ ही एक निजी कुएं का अधिग्रहण किया जा रहा है. -राज बहादुर सिंह
गांव का रियलिटी चेक: ईटीवी भारत की टीम ने सांसद आदर्श ग्राम बदौना का दौरा किया था. जहां स्थानीय ग्रामीण जल संकट की समस्या से जूझते नजर आए थे. सांसद द्वारा गांव को गोद लिए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि, उनकी बुनियादी समस्याओं का निराकरण होगा, लेकिन हालत यह है कि, 3200 की आबादी वाले इस गांव में भीषण गर्मी के समय पीने के लिए भी पानी भी उपलब्ध नहीं है. गांव में नल जल योजना है, लेकिन हफ्ते में एक बार भी अगर पानी आ जाता है तो ग्रामीण अपने आप को खुशनसीब समझते हैं. पाइप लाइन से जो पानी आता है उससे ग्रामीणों को भरपूर पानी नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में बदौना गांव के ग्रामीण पानी के इंतजाम के लिए भटकते नजर आ रहे हैं. (Sansad Adarsh Gram Yojana)
मुख्यमंत्री नल जल योजना ठप: ग्रामीण 100 रूपये प्रति माह नल जल योजना का शुल्क अदा करते हैं, फिर भी पानी नहीं मिलता. ग्रामीणों के मुताबिक एक टैंकर 400 रूपये में आता है. गांव के लोग चंदा कर लेते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि,
गांव में पानी के इंतजाम के लिए मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत व्यवस्था की गई थी. नल जल योजना के हालात यह है कि, गर्मी में योजना पूरी तरह से ठप है. हफ्ते भर तक पानी नहीं मिलता है. ऐसे में हम निजी खर्चे पर टैंकर बुलवाकर पानी का इंतजाम करते हैं. गांव के उन लोगों से पानी खरीदते हैं जिनके घर कुआं बोरिंग है. -ग्रामीण
वहीं पानी बेचने वाले लोगों का कहना है कि,
लोगों को समय पर पानी उपलब्ध कराने के लिए हमें मोटर का बिजली बिल भरना होता है. लोगों से नहीं सरकार को बिल भरने के लिए पैसे लेते हैं.