सागर। सागर स्थित डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव विश्वविद्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों और शिक्षकों को मीडिया से बात न करने का आदेश जारी किया है. इस आदेश में विश्वविद्यालय से संबंधित गोपनीय जानकारी मीडिया को देना और बिना सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के समाचारों प्रकाशित करने को लेकर कुलपति ने नाराजगी जाहिर की है. कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक की जाएगी. इस आदेश को लेकर विश्व विद्यालय के शैक्षणिक और कर्मचारी संगठन नाराज हैं. उनका कहना है कि इस तरह के फरमान से विश्व विद्यालय की विशेषताएं आम जनों तक पहुंचने से रोकी जा रही है.
क्यों नाराज है शिक्षक और कर्मचारी संघ
सागर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर ए पी दुबे का कहना है कि विश्वविद्यालय में शोध और छात्र हित की कई ऐसी जानकारियां होती हैं, जो समय समय पर शिक्षकों द्वारा मीडिया के माध्यम से प्रचारित और प्रसारित की जाती हैं. जिसका छात्रों को लाभ मिलता है. इस तरह की बाधाएं खड़ी किया जाना उचित नहीं है. सागर विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संदीप वाल्मीकि का कहना है कि हम कर्मचारियों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं और कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों को लेकर मीडिया के सामने जाते हैं. ताकि हमारी समस्याएं सक्षम अधिकारी और शासन तक पहुंच सके. कर्मचारी संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हम इस आदेश को नहीं मानेंगे और अपनी बात पहले की तरह ही कहते रहेंगे.
विश्वविद्यालय ने बताया सामान्य आदेश
सागर विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ विवेक जायसवाल का कहना है कि यह एक सामान्य आदेश है. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी की नई नियुक्त की गईं कुलपति विश्वविद्यालय में मीडिया को जानकारी देने के संबंध में एक कार्य प्रणाली विकसित करना चाहती हैं. उसे डेवलप करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है. जिसमें विश्वविद्यालय के आयोजन शोध और छात्र हित की जानकारी मीडिया के माध्यम से सबके लिए पहुंच सके,ऐसा प्रयास किया जा रहा है