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स्मार्ट सिटी संवार रही सागर की सूरत, कुछ ही महीनों में नए स्वरूप में नजर आएगी ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील

शहर की पहचान माने जाने वाली ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील की खूबसूरती को संवारने का काम सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने हाथों पर लिया है. इस प्रोजेक्ट को डेढ़ साल में पूरा हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ा दी गई है. अब सितंबर 2022 तक ये काम पूरा किया जाएगा.

Beautification of Sagar Lakha Banjara Lake
स्मार्ट सिटी संवार रही सागर की सूरत
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Published : Feb 20, 2022, 4:11 PM IST

Updated : Feb 20, 2022, 8:50 PM IST

सागर। शहर की पहचान माने जाने वाली ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील की खूबसूरती को संवारने का काम सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने हाथों पर लिया है. इस प्रोजेक्ट को डेढ़ साल में पूरा हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ा दी गई है. अब सितंबर 2022 तक ये काम पूरा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत झील के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है, जिसमें वॉकवे, सुंदर घाटों का निर्माण, म्यूजिकल फाउंटेन, पार्क एवं पार्किंग, लाखा बंजारा की विशाल मूर्ति प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा.

स्मार्ट सिटी संवार रही सागर की सूरत

यह है लाखा बंजारा का इतिहास
करीब 400 एकड़ में फैली सागर के बीचोंबीच बनी लाखा बंजारा झील शहर की पहचान कही जाती है. इस झील के निर्माण को लेकर कई धारणाएं हैं, कहा जाता है कि इस झील का निर्माण करीब 400 साल पहले लाखा बंजारा ने अपने बेटे और बहू का बलिदान देकर कराया था. लाखा बंजारा एक अमीर और मशहूर व्यापारी था, उसने झील का निर्माण तो कराया, लेकिन पानी नहीं निकलने के कारण काफी परेशान था. व्यापारी को किसी ने सलाह दी कि, नवविवाहित जोड़ा झील के बीच में बैठकर झूला झूलेगा, तो झील में पानी तो निकल आएगा लेकिन नवविवाहित जोड़े की मौत भी हो जाएगी. यह बात जानकर कोई भी ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हुआ. तब लाखा बंजारा ने अपने बेटे और नवविवाहित बहू को झील में बीचोंबीच बैठा कर झूला झुलाया. जिसके बाद झील में तो पानी आ गया, लेकिन उनके बहू और बेटे की जान चली गई.
एलिवेटेड कॉरिडोर से बदलेगी सागर की सूरत! दिसंबर 2022 में पूरा होगा निर्माण

जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण में ये हैं शामिल

  • सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ राहुल सिंह अनुसार, इस प्रोजेक्ट का काम सितंबर 2020 में शुरू किया गया था प्रोजेक्ट की लागत 92.26 करोड रुपए है. यह प्रोजेक्ट 18 महीने में पूरा हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी हुई और अब ये सितंबर 2022 तक पूरा होगा.
  • इस प्रोजेक्ट की सबसे महत्वपूर्ण बात झील में मिलने वाले गंदे नालों टैपिंग किया जाना है. लाखा बंजारा झील में करीब 41 गंदे नाले मिलते हैं, इस प्रोजेक्ट के तहत एक पाइप लाइन के जरिए सभी नालों की टैपिंग की जा रही है. ये काम लगभग पूरा हो चुका है अब इससे झील में गंदा पानी नहीं मिलेगा.
  • झील के 16 घाटों का निर्माण नए सिरे से किया जाएगा. अपनी ऐतिहासिक पहचान रखने वाले इन घाटों को खूबसूरत और शहर के इतिहास और संस्कृति की पहचान के अनुसार बनाया जाएगा.
  • झील किनारे लोगों को घूमने फिरने के लिए झील के चारों तरफ 5.5 किलोमीटर लंबा वॉक वे भी बनाया जा रहा है. इस वॉक वे में घूमने आने वाले लोगों के लिए कई सुविधाएं भी दी जाएंगी.
  • झील की खूबसूरती के लिए पार्क के अलावा म्यूजिकल फाउंटेन भी लगाया जा रहा है. इसके अलावा घूमने आने वाले लोगों को सुविधा अनुसार पार्किंग भी बनाई जा रही है.
  • झील का निर्माण करने वाले लाखा बंजारा की विशालकाय मूर्ति झील के बीचों बीच इस प्रोजेक्ट के तहत स्थापित की जाएगी.

सागर। शहर की पहचान माने जाने वाली ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील की खूबसूरती को संवारने का काम सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने हाथों पर लिया है. इस प्रोजेक्ट को डेढ़ साल में पूरा हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ा दी गई है. अब सितंबर 2022 तक ये काम पूरा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत झील के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है, जिसमें वॉकवे, सुंदर घाटों का निर्माण, म्यूजिकल फाउंटेन, पार्क एवं पार्किंग, लाखा बंजारा की विशाल मूर्ति प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा.

स्मार्ट सिटी संवार रही सागर की सूरत

यह है लाखा बंजारा का इतिहास
करीब 400 एकड़ में फैली सागर के बीचोंबीच बनी लाखा बंजारा झील शहर की पहचान कही जाती है. इस झील के निर्माण को लेकर कई धारणाएं हैं, कहा जाता है कि इस झील का निर्माण करीब 400 साल पहले लाखा बंजारा ने अपने बेटे और बहू का बलिदान देकर कराया था. लाखा बंजारा एक अमीर और मशहूर व्यापारी था, उसने झील का निर्माण तो कराया, लेकिन पानी नहीं निकलने के कारण काफी परेशान था. व्यापारी को किसी ने सलाह दी कि, नवविवाहित जोड़ा झील के बीच में बैठकर झूला झूलेगा, तो झील में पानी तो निकल आएगा लेकिन नवविवाहित जोड़े की मौत भी हो जाएगी. यह बात जानकर कोई भी ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हुआ. तब लाखा बंजारा ने अपने बेटे और नवविवाहित बहू को झील में बीचोंबीच बैठा कर झूला झुलाया. जिसके बाद झील में तो पानी आ गया, लेकिन उनके बहू और बेटे की जान चली गई.
एलिवेटेड कॉरिडोर से बदलेगी सागर की सूरत! दिसंबर 2022 में पूरा होगा निर्माण

जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण में ये हैं शामिल

  • सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ राहुल सिंह अनुसार, इस प्रोजेक्ट का काम सितंबर 2020 में शुरू किया गया था प्रोजेक्ट की लागत 92.26 करोड रुपए है. यह प्रोजेक्ट 18 महीने में पूरा हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी हुई और अब ये सितंबर 2022 तक पूरा होगा.
  • इस प्रोजेक्ट की सबसे महत्वपूर्ण बात झील में मिलने वाले गंदे नालों टैपिंग किया जाना है. लाखा बंजारा झील में करीब 41 गंदे नाले मिलते हैं, इस प्रोजेक्ट के तहत एक पाइप लाइन के जरिए सभी नालों की टैपिंग की जा रही है. ये काम लगभग पूरा हो चुका है अब इससे झील में गंदा पानी नहीं मिलेगा.
  • झील के 16 घाटों का निर्माण नए सिरे से किया जाएगा. अपनी ऐतिहासिक पहचान रखने वाले इन घाटों को खूबसूरत और शहर के इतिहास और संस्कृति की पहचान के अनुसार बनाया जाएगा.
  • झील किनारे लोगों को घूमने फिरने के लिए झील के चारों तरफ 5.5 किलोमीटर लंबा वॉक वे भी बनाया जा रहा है. इस वॉक वे में घूमने आने वाले लोगों के लिए कई सुविधाएं भी दी जाएंगी.
  • झील की खूबसूरती के लिए पार्क के अलावा म्यूजिकल फाउंटेन भी लगाया जा रहा है. इसके अलावा घूमने आने वाले लोगों को सुविधा अनुसार पार्किंग भी बनाई जा रही है.
  • झील का निर्माण करने वाले लाखा बंजारा की विशालकाय मूर्ति झील के बीचों बीच इस प्रोजेक्ट के तहत स्थापित की जाएगी.
Last Updated : Feb 20, 2022, 8:50 PM IST
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