सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Sagar Bundelkhand Medical College) फिर एक बार डॉक्टरों के आपसी झगड़ों को लेकर सुर्खियों में है. बीएमसी के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स ने अपने ही विभाग के एचओडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं डॉक्टर्स ने बीएमसी के प्रशासक सागर कमिश्नर को पत्र लिखकर शिकायत में कहा कि, एचओडी डीन बनना चाहते हैं. इसके लिए वे 25 लाख की रिश्वत अपने अधीनस्थों से वसूलना चाहते हैं. उन्होंने कहा पिछले तीन साल से हम डॉक्टर्स लगातार प्रताड़ना से परेशान हैं. हम अब आत्महत्या जैसे कदम भी उठा सकते हैं, इसके लिए एचओडी जिम्मेदार होंगे.
एचओडी के मानसिक प्रताड़ना से तंग असिस्टेंट प्रोफेसर: BMC केफॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में पदस्थ एसो. प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र पटेल, असिस्टेंट प्रोफेसर गौरव तिवारी ने अपने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रवीण जयराम तायड़े के खिलाफ बीएमसी प्रशासक सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला को लिखित शिकायत दर्ज कराई है. शिकायतकर्ता प्रोफेसर ने सागर कमिश्नर को 33 बिंदुओं वाला पत्र भेजा है. इसमें अपने विभाग के एचओडी की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने की बात भी कही है. (Sagar BMC doctors complained commissioner of HOD)
एचयोडी ने डॉक्टर्स से मांगी रिश्वत: असिस्टेंट प्रोफेसर शैलेंद्र पटेल ने अपनी शिकायत में लिखा, विभागाध्यक्ष हमेशा अटेंडेंस रजिस्टर ताले में बंद रखते हैं. छोटी-छोटी बातों पर हम लोगों को नोटिस जारी कर दिए जाते हैं और जवाब देने के बाद भी असंतुष्ट रहते हैं. हम साथी डॉक्टर को सीआर (गोपनीय प्रतिवेदन) खराब करने का डर दिखाकर पैसों की मांग करते हैं. हमारे एचओडी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन बनना चाहते हैं, इसलिए हम डॉक्टरों से पांच-पांच लाख की मांग कर रहे हैं. शिकायत में ये भी कहा गया है कि डीन द्वारा हम शिक्षकों को अगर कोई अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है तो उस प्रभार के काम को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर ड्यूटी रोस्टर में बदलाव किया जाता है. ताकि हम डीन द्वारा दिया गया कार्य अच्छे से ना कर सकें और डीन हमारे खिलाफ कार्रवाई करें.
आत्महत्या के लिए मजबूर डॉक्टर्स: शिकायतकर्ता में कहा कि लगातार अभद्र व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना से हम लोग काफी परेशान हैं. हम लोगों को परेशान करने के लिए आउट सोर्स कर्मचारियों पर दबाव बनाकर हम लोगों की शिकायत कराते हैं. हमें लगातार एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर कराने का डर दिखाया जाता है. उन्होंने अपनी शिकायत के अंत में लिखा कि, लगातार मानसिक प्रताड़ना के चलते बीपी और शुगर जैसी बीमारियों का शिकार हम हो गए हैं और यही हाल रहा तो हम आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे. इसके जिम्मेदार हमारे फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष होंगे.(Sagar Bundelkhand Medical College Forensic Department)