सागर। नियमितीकरण सहित आठ सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 28 दिनों से आंदोलनरत महिलाएं अब नवरात्रि के मौके पर मां शक्ति स्वरूपा के शरण में पहुंच गई हैं. सागर में आंदोलनरत 11 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाएं आज आंदोलन स्थल से सागर के प्रसिद्ध माता मंदिर बाघराज मंदिर तक साष्टांग प्रणाम करते हुए पहुंची. अपनी मांगों को लेकर माता का आशीर्वाद मांगा और शिवराज सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की. भीषण गर्मी के चलते इनमें से 3 महिलाएं बेहोश भी हो गईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. आंदोलनरत महिलाओं का कहना है कि अगर सरकार नहीं मानी, तो भोपाल में जाकर जल समाधि लेंगी और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगी.
माता के दरबार पहुंची आंदोलनरत महिलाएं: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की निरंतर 28 दिन से हड़ताल चल रही है. आज भीषण गर्मी में हड़ताल स्थल से 11 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों की मन्नत लेकर साष्टांग प्रणाम करते हुए बाघराज मातारानी मंदिर दरबार में पहुंचकर मातारानी से शासकीय वेतन भोगी घोषित किए जाने का वरदान मांगा. भीषण गर्मी के चलते तीन आंदोलनरत महिलाएं बेहोश भी हो गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उनकी हड़ताल को लेकर सरकार के रवैये से नाराज हैं. संघ की अध्यक्ष श्रीमती लीला शर्मा ने कहा कि प्रदेश भर में चिलचिलाती धूप में चल रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की जोरदार हड़ताल के बाबजूद सरकार के कानों में जू नहीं रेंग रही. प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वर्चुअल मीटिंग करते हुए राजधानी कूच करने का निर्णय लिया है.
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भोपाल पहुंचकर जलसमाधि की योजना: अपनी मांगो को लेकर पिछले 28 दिन से लगातार आंदोलनरत महिलाएं अब राजधानी भोपाल में जलसमाधि की तैयारी कर रही हैं. प्रदेश भर में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की वर्चुअल मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने सुझाव दिया कि यदि सरकार हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को नजर अंदाज करती रही, तो वो भोपाल पहुंचकर राजा भोज तालाब में जल समाधि लेने में भी पीछे नहीं हटेंगी.
नियमित नहीं हुईं तो बीजेपी के खिलाफ प्रचार: हड़ताल स्थल पर दिन भर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने देवी भजन गाकर मध्यप्रदेश सरकार की सदबुद्धि के लिए कामना की. मोर्चा की संभागीय अध्यक्ष लीला शर्मा का कहना है कि भाजपा सरकार कान खोलकर सुन ले, यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया. तो प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका घर-घर में बिगुल बजाएंगी.