सागर। जिला अस्पताल से बुधवार की दोपहर चोरी हुए बच्चे को पुलिस ने बिनायका थाना क्षेत्र के राख गांव से बरामद कर लिया है. बच्चे का राख गांव की रहने वाली एक महिला ने अपहरण किया था. पुलिस से महिला ने बताया कि उसे कोई बच्चा नहीं है, जिस कारण लोग उसे ताने मारते थे. महिला ने लोकनिंदा से बचने और मां का सुख पाने के लिए बच्चे का अपहरण किया था.
राख गांव में मिला बच्चा
घटना के बाद बंडा पुलिस ने बिनायका थाना पुलिस को भी अलर्ट किया था. जिसके बाद पुलिस ने खोजबीन शुरू की, जहां राख गांव में पुलिस को बच्चा मिल गया. इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है, क्योंकि अस्पताल परिसर में लगे सभी सीसीटीवी बंद पाए गए थे.
चेकअप कराने आई थी महिला
महिला ने बताया कि वह बुधवार को जिला अस्पताल में अपना चेकअप कराने गई थी, जहां अकेली बच्ची के गोद में बच्चे को देख उसकी नीयत खराब हो गई और वह उसे लेकर गांव आ गई. महिला ने फिर अपना चेकअप भी नहीं कराया.
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पूछताछ में महिला ने बताया कि उसकी शादी को पांच साल हो गए हैं. लेकिन अब तक उसे यहां बच्चा नहीं हुआ है. वह इस बात को लेकर लगातार परेशान थी. आखिरकार उसने इस घटना को अंजाम देने का मन बनाया.
यह है पूरा मामला
सागर जिला अस्पताल में पालीतोड़ा गांव में रहने वाले मनोज अहिरवार की पत्नी रवीना का इलाज वार्ड नंबर-1 में चल रहा था. बुधवार दोपहर रवीना की 10 साल की भतीजी शिवानी उसके 6 माह के मासूम बच्चे को बाहर घुमा रही थी. तभी एक महिला आई और शिवानी को बहला-फुसलाकर धोखे से बच्चे को लेकर लापता हो गई.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
सागर जिला अस्पताल में पहले भी बच्चे चोरी हो चुके हैं. साल 2015 एसएनसीयू से चोरी हुआ बच्चा बहेरिया क्षेत्र में झाडियो में मिला था. उस घटना में भी आरोपी महिला ने मोहवश बच्चे को चोरी कर लिया था. खास बात ये कि तब भी सागर जिला अस्पताल के सीसीटीवा कैमरे बंद थे.