सागर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी और कांग्रेस के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने आखिरकार कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को एक चिट्ठी लिखते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और पार्टी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के साथ टीकमगढ़ जिला के प्रभार से इस्तीफा देने की बात की है. उन्होंने इस्तीफा देने की वजह पिछले साल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हुए बर्ताव से दुखी होने की बात बताई है. Sagar Political News
क्यों छोड़ा पार्टी का हाथ: अरुणोदय चौबे 2008 में मौजूदा नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को हराकर विधायक बने थे, लेकिन 2013 और 2018 के चुनाव में वह हार गए थे. 2021 में खुरई में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर बेवजह प्रकरण दर्ज किए जाने के मामले में एक प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और खुद अरुणोदय चौबे पर धारा 307 जैन से गंभीर प्रकरणों में मामले दर्ज किए गए थे और कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. तभी से अरुणोदय चौबे कांग्रेस के कार्यक्रमों से नदारद नजर आ रहे थे और उनकी भाजपा में जाने की अटकलें चल रही थीं, भाजपा में जाने की खबरों के बीच कांग्रेस ने भी उनसे दूरी बनाना शुरू कर दी थी, क्योंकि कांग्रेस को खबर लगी थी कि वह कांंग्रेस में रहकर भाजपा के लिए काम कर रहे हैं.
लाचारी और दबाव की राजनीति के चलते दिया इस्तीफा: अरुणोदय चौबे के इस्तीफे पर सागर जिले के प्रभारी अवनीश भार्गव ने कहा है कि, "डर और भय के कारण उन्होंने यह फैसला लिया है. खुरई में कार्यकर्ताओं पर जबरन प्रकरण बनाए गए थे, तब से कांग्रेस के कार्यकर्ता डर और भय में हैं. यह सामान्य स्थिति का निर्णय नहीं है, यह असामान्य स्थिति का निर्णय हैं."