सागर। सागर विश्वविद्यालय (Dr. Harisingh Gour University) के गर्ल्स हॉस्टल में रह रही छात्राओं की समस्याओं का निदान नहीं होने पर एबीवीपी के छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए. दरअसल, एबीवीपी ने एक ऑनलाइन सर्वे कराया था. इस सर्वे में समस्याओं को लेकर सवाल थे और समस्याओं के बारे में हॉस्टल की छात्राओं ने जानकारी दी थी. इन सभी समस्याओं को लेकर एबीवीपी ने कुलपति को शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन, शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस बात से नाराज होकर छात्राएं एबीवीपी के बैनर तले भूख हड़ताल पर बैठ गए.
क्या है मामला ? : डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन गर्ल्स हॉस्टल हैं. इन हॉस्टल की परेशानियों को लेकर एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) द्वारा एक सर्वे कराया गया था. सर्वे में छात्रावास में कई समस्याएं और अनियमितताएं मिलीं. समस्याओं को लेकर 30 मई को विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष छात्रों ने ज्ञापन सौंपा था. विश्वविद्यालय प्रशासन से एक हफ्ते में समस्याओं के निराकरण की मांग की थी, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. जब इस सिलसिले में छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने समय भी नहीं दिया. इस बात से छात्र नाराज थे.
अनिश्चित काल के लिए भूख हड़ताल पर छात्र: छात्रों के भूख हड़ताल पर बैठने की जानकारी लगते ही विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर प्रोफेसर चंदा बेन छात्रों से बात करने पहुंची. उन्होंने छात्रों की मांगों पर जल्द निराकरण का आश्वासन भी दिया. लेकिन छात्र कुलपति से मुलाकात की बात पर अड़े हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक कुलपति खुद छात्रों से बात नहीं करेंगे तब तक आंदोलन चलता रहेगा.
हमने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपा था. लेकिन समास्याओं का समाधान नहीं हुआ. इसलिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इस दौरान कोई भी हमसे मिलने नहीं आया. न ही कोई आश्वासन दिया गया. -युवराज तोमर, उपाध्यक्ष एबीवीपी
किन समस्याओं से जूझ रही हैं गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं-
- गर्ल्स हॉस्टल में शाम के समय प्रवेश की अवधि बढ़ाने की मांग की है. क्योंकि यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी रात 9 बजे बंद होती है. जबकि गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं को 7 बजे के बाद हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया जाता है. इसलिए वह लाइब्रेरी का फायदा नहीं उठा पाती हैं.
- अगर छात्राओं को बस या रेल के जरिए रात के समय बाहर जाना होता है तो छात्रावास उन्हें 7 बजे के पहले ही छोड़ना पड़ता है और अगर वह देर रात में वापस आ जाती हैं, तो उन्हें गर्ल्स हॉस्टल में सुबह 6 बजे के बाद ही प्रवेश मिलता है.
- गर्ल्स हॉस्टल की मैस में जो खाने की फीस पूरे महीने की लगती है. नियम यह होना चाहिए कि जितने दिन छात्राएं मेस में खाना ना खाएं, उनसे पैसे ना लिए जाए.
- छात्राओं की सुरक्षा के लिहाज से विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और खाली पड़े छात्रावास के कमरे जल्द आवंटित किए जाएं.
(Protest for Demands in sagar) (ABVP student on dharna in Sagar Central University) (Demonstration of students at Sagar University)