सागर। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बागी हुए शिवसेना विधायकों के कारण महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार संकट में आ गई है, ये सरकार एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से चल रही है. महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर कांग्रेस ने कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाया है और कमलनाथ महाराष्ट्र का दौरा भी कर चुके हैं, आज सागर पहुंचे कमलनाथ से महाराष्ट्र सरकार के भविष्य पर सवाल किया गया. तो उन्होंने कहा कि "कांग्रेस का महा विकास आघाडी सरकार को समर्थन है और आगे भी रहेगा, हमारे विधायक एकजुट हैं और बिकाऊ नही हैं. जहां तक शिवसेना की बात है और उद्धव ठाकरे कह रहे हैं कि मुंबई आकर विधायक दल की बैठक करके नेता चुन लो, तो फिर शिवसेना के विधायक असम में भाजपा सरकार के संरक्षण में क्या कर रहे हैं?." (Kamal Nath on Maharashtra crisis)
महाराष्ट्र सियासी संकट पर क्या बोले कमलनाथ: महाराष्ट्र संकट के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए कमलनाथ का कहना है कि "मैं महाराष्ट्र गया था, कांग्रेस एमव्हीए सरकार का समर्थन कर रही है और करती रहेगी. जो कांग्रेसी विधायक हैं, वह बिकाऊ नहीं हैं. कांग्रेस के 44 विधायक में से 41 विधायक मुझसे मिले, 3 विधायकों ने मेरे से फोन पर बात की, क्योंकि वह रास्ते में थे. मेरी बात उद्धव ठाकरे से भी हुई और शरद पवार से भी हुई, सब ने कहा कि असम क्यों गए, यहां क्यों नहीं आते. फैसला तो मुंबई में होगा, तो आ जाएं जिनको विधायक दल की बैठक कराना है, वह करा लें और वोटिंग करा कर जिसे चुनना है, उसको चुन लें. यह उद्धव ठाकरे कह रहे हैं तो वह वहां बीजेपी सरकार के संरक्षण में क्यों बैठे हैं ?."
असम में बैठकर नहीं हो सकती विधायक दल की बैठक: इसके साथ ही कमलनाथ ने कहा कि, "क्या असम में बैठकर महाराष्ट्र की सरकार का फैसला होगा? क्या गुजरात में बेचकर महाराष्ट्र की सरकार का फैसला होगा? विधायक मुंबई आए और विधायक दल की बैठक में भाग लें, शिवसेना अपना कार्य करेगी. हमें शिवसेना की विधायकों से कोई मतलब नहीं है, उद्धव ठाकरे ने कहा कि आ जाएं, किसी दूसरे को नेता चुनना है, तो चुन लें. असम में बैठकर विधायक दल की बैठक नहीं हो सकती.