सागर। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अमृत महोत्सव में वैसे तो हर व्यक्ति अपना किसी न किसी तरह से योगदान दे रहा है, लेकिन कई लोग ऐसे हैं कि जो इस खास मौके को यादगार बना रहे हैं. आईपीएस विवेक राज सिंह कुकरेले आजादी के अमृत महोत्सव में जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. दरअसल, विवेक राज सिंह कुकरेले कभी अपने भारी-भरकम शरीर के कारण चर्चाओं में रहते थे, लेकिन इन दिनों वह अपनी साइकिलिंग के कारण चर्चाओं में हैं. उन्होंने साइकिलिंग के जरिए 50 किलो से ज्यादा वजन कम किया है और आज आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर अपने जन्मस्थान बंडा से आजादी से जुड़े ऐतिहासिक महत्व के स्थानों से होते हुए करीब 80 किलोमीटर साइकिल चलाकर आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को मना रहे हैं.
अपने जन्म स्थल से शुरू की 80 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा: आईपीएस विवेक राज सिंह कुकरेले इन दिनों छतरपुर रेंज में डीआईजी पद पर पदस्थ हैं. अपने साइकिलिंग के शौक के कारण सुर्खियां भी बटोरते रहते हैं. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उन्होंने तय किया कि वह अपने जन्म स्थान बंडा (सागर) से साइकिल से तिरंगा यात्रा शुरू करेंगे और ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर होते हुए सागर में डॉ. हरिसिंह गौर की मूर्ति पर यात्रा का समापन करेंगे. उन्होंने रविवार को अपने जन्म स्थान बंडा में गांधी मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद तिरंगा यात्रा साइकिल से शुरू की और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े धामोनी और गढ़पहरा होते हुए सागर में गौर मूर्ति पर माल्यार्पण कर यात्रा का समापन किया. इस तरह उन्होंने करीब 80 किलोमीटर साइकिल चलाकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया. विवेक राज सिंह ने बताया कि- " आज कि उनकी साइकिल यात्रा का उद्देश्य हर व्यक्ति को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए जागरूक करना और स्वाधीनता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को पुनर्स्थापित करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को और बच्चों को बेहतर शिक्षा के प्रति जागरूक करना है."
कभी 138 किलो पहुंच गया था आईपीएस का वजन : आईपीएस विवेक राज सिंह कुकरेले की बात करें तो बचपन से ही वह अपने भारी-भरकम शरीर और वजन के लिए जाने जाते हैं. विवेक राज सिंह जब बंडा के सरस्वती शिशु मंदिर में आठवीं कक्षा में पढ़ते थे तब उनका वजन 88 किलो पहुंच गया था. हालांकि, वह बचपन से ही मेधावी छात्र थे और परिवार की राजनीतिक विरासत के बावजूद भी अखिल भारतीय सेवा में जाने का सपना रखते थे. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर जब नेशनल पुलिस अकादमी में दाखिला लिया, तब उनका वजन 134 किलो था. ट्रेनिंग के दौरान वह करीब 30 किलो वजन कम करने में कामयाब रहे और उनका वजन 104 किलो पहुंच गया. इसके बाद उनकी बिहार में नक्सली एरिया में पोस्टिंग हुई और वहां पर खानपान के शौक के कारण फिर उनका वजन 138 किलो पहुंच गया. लेकिन, फिर उन्होंने एक्सरसाइज और साइकिलिंग के जरिए वजन कम करने की ठानी और महज 9 महीने में 43 किलो वजन कम करने में कामयाब रहे और उनका वजन 95 किलो पहुंच गया. आज उनका वजन 86 किलो है.
भारी भरकम राजनैतिक विरासत के धनी हैं आईपीएस विवेक राज सिंह: जहां तक विवेक राज सिंह की बात करें तो भले ही उन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं का रास्ता चुना, लेकिन उनके परिवार की विशाल राजनीतिक विरासत है. उनके फूफा जी वीरेंद्र खटीक केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री हैं, तो उनके मामा लखन घनघोरिया कमलनाथ सरकार में मंत्री थे. उनके पिता राजेंद्र सिंह कुकरेले बंडा जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं, तो वहीं उनके भाई वैभव राज सिंह कुकरेले बंडा नगर परिषद के अध्यक्ष हैं. (Har Ghar Tiranga)(Indian Independence Day)(Achievements75)(IPS Vivek Raj Singh 80 km Tiranga Yatra)(Azadi ka Amrit Mahotsav)