सागर। शहर की पहचान मानी जाने वाली लाखा बंजारा झील एक समय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही थी. झील में मिलने वाले 41 छोटे-बड़े गंदे नालों के कारण ये दूषित हो रही था. सागर स्मार्ट सिटी ने लाखा बंजारा झील कायाकल्प परियोजना के तहत इन सभी नालों को अब टैप कर दिया है. अब इनका गंदा पानी झील में मिलने के बजाय सीधा बाहर निकल जाएगा. अब ये नाले इस ऐतिहासिक झील को बदसूरत और गंदा नहीं बनाएंगे.
41 गंदे नालों का मिल जाता था पानी: पहले हालत ये थी कि झील के आसपास से गुजरने वाले लोगों को बदबू के कारण नाक पर रूमाल रखकर गुजरना होता था. लोग कहते थे कि इसका पानी इतना खराब हो चुका है कि अगर हाथ धोएंगे तो गल जाएगा. इस ऐतिहासिक झील के गुनहगार 41 नाले थे, जो पूरे शहर की गंदगी लाकर झील में पटक देते थे. इस कारण झील की ये दुर्दशा हो गई थी. लेकिन स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत झील का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.
नालों का पानी अब झील में नहीं मिलेगा: सागर स्मार्ट सिटी मिशन के सीईओ राहुल सिंह ने बताया कि लाखा बंजारा झील कायाकल्प परियोजना के तहत सभी 41 नामों को टैप कर दिया है. अब इनका गंदा पानी ग्रेविटी के माध्यम से बहता हुआ मोंगा प्रधान से बाहर चला जाएगा. लाखा बंजारा झील में नालों का टैपिंग का काम पूरा हो चुका है. नालों को टैप कर झील के बाहर करने के लिए पाइप लाइन से जोड़ा गया है. जिससे इन नालों के द्वारा बहकर आने वाले गंदे पानी को झील में मिलने से रोका जा सके और झील को स्वच्छ रखा जा सके.
पाइप लाइन की सफाई के लिए मेनहोल चेंबर बने: सीईओ राहुल सिंह ने बताया है कि झील के किनारे जरूरत के मुताबिक 700mm, 900mm और 1200 एमएम डाया के पाइपों की लाइन बिछाकर इन सभी नालों को टैप कर जोड़ा है. बिछाई गई पाइप लाइन की सफाई के लिए मैनहोल चेंबर और इनलेट चेंबर बनाए गये हैं. जिससे इस पाइपलाइन की साफ-सफाई सुगमता से की जा सकेगी. गंदा पानी बिना रुके पाइप लाइन से होकर बाहर निकलता रहेगा. इससे झील साफ सुथरी और प्रदूषण से बची रहेगी.
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