सागर। कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन करने के लिए महा अभियान चल रहा है. मध्यप्रदेश भी एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन करके रिकॉर्ड बना चुका है. बावजूद इसके ग्रामीण इलाकों में सरकार को वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने में सफलता नहीं मिली है. यहां बड़े पैमाने पर ऐसे लोग देखने को मिले जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि जिन लोगों के वैक्सीन न लगवाने के पीछे की वजह क्या है.
देश के 18 शहरों में हो रहा है सर्वे
स्वास्थ्य मंत्रालय देश के 18 शहरों में स्थित अपने जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के जरिए एक सैंपल सर्वे करा रहा है. इसे लेकर सागर स्थित मप्र और छत्तीसगढ़ राज्य का जनसंख्या अनुसंधान केंद्र भी इस सर्वे में शामिल है. सर्वे में वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों से 28 सवाव पूछकर इस बात की वजह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर इन लोगों ने अभीतक वैक्सीन क्यों नहीं लगवाई है. सर्वे के जरिए सरकार द्वारा की गई वैक्सीनेशन की व्यवस्था, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और तमाम तरह के दूसरे पहलुओं को समझने की कोशिश की गई है. सर्वे के रिपोर्ट जल्दी ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर सरकार वैक्सीनेशन कार्यक्रम की कमियों और सुधार पर गौर करगी.
28 सवालों के जरिए जांची जाएगी सफलता
सर्वे में लोगों से पूछे जाने वाले 28 सवालों के जरिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम के हर पहलू को समझने की कोशिश की गई है. जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है और जो नहीं लगवा रहे हैं, उसकी वजहों को भी जानने की कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार कोरोना महामारी को लेकर चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को पर्याप्त सफलता न मिलने की वजहों को जानने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देशभर में स्थित अपने 18 जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के जरिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम का सर्वे करा रहा है. सर्वे के जरिए पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को कितनी सफलता मिली है और इसे पूरी तरह सफल बनाए जाने के लिए अभी क्या करना बाकी है इसका भी पता लगाया जाएगा.
ग्रामीण इलाकों पर फोकस
केंद्र के इस सर्वे में एमपी और छत्तीसगढ़ में सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय का जनसंख्या अनुसंधान केंद्र यह सर्वे कर रहा है. इस सैंपल सर्वे में 12 सौ लोगों से बातचीत कर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. हालांकि वैक्सीनेशन को लेकर जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर आरपी मिश्रा दावा करते हैं कि एमपी-छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन कार्यक्रम अच्छी गति से चल रहा है. सर्वे की रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंपी जाएगी जिसके बाद इसे सार्वजनिक किया जाएगा.
सर्वे में यह पूछा जाएगा
इस सैंपल सर्वे में कुल 28 सवाल पूछे जाएंगे जिनमें से शुरूआती 14 सवाल संबंधित व्यक्ति के परिचय के अलावा उसकी उम्र, पारिवारिक,सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति, व्यवसाय के अलावा यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उस व्यक्ति ने वैक्सीन लगवाई है कि नहीं ? अगर लगवाई है, तो एक डोज लगा है कि दोनों डोज लग चुके हैं. इसके अलावा 15 वें सवाल के जरिए ऐसे सवाल पूछें जा रहे हैं जिनमें वैक्सीन ना लगवाने का कारण का पता लगाया जाएगा. इनमें वैक्सीन की गुणवत्ता पर भरोसा, वैक्सीन के प्रभाव को लेकर तो आशंका, वैक्सीन की कंपनी पर विश्वास की कमी है या फिर दूसरी कंपनियों की वैक्सीन का इंतजार तो नहीं कर रहे हैं,वैक्सीन की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर जानकारी है या नहीं, आसपास ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है कि नहीं ,वैक्सीन लगवाने की जरूरत को लेकर सजग नहीं हैं,वैक्सीन ना लगवाने के पीछे स्वास्थ्य से संबंधित कारण तो नहीं, साइड इफेक्ट का डर तो नहीं, वैक्सीन की कीमत तो इसकी वजह है नहीं जैसे 14 अन्य सवाल पूछे जा रहे हैं. इस सर्वे की रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज जाने के बाद जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी.