रीवा। मध्यप्रदेश में गौवंशों के संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए (5000 cattle filled in 200 capacity cowshed) खर्च किए जा रहे हैं. गौशालाएं खोलने का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी आवारा मवेशियों से किसान और आम जनता परेशान है. रीवा में एक अजब नजारा देखने को मिला. त्यौंथर तहसील के सोनौरी के ग्रामीणों ने फसलें बर्बाद कर रहे 5 हजार मवेशियों को खदेड़कर महज 200 की क्षमता वाली गौशाला में भर दिया. जिसके बाद प्रशासन में हडकंप मच गया है.
चरमराई गौशाला की व्यवस्था
त्यौंथर में आवारा जानवरों को रखने के लिए गौशाला बनवाई गई है, जिसकी क्षमता 200 जानवरों को रखने की है. लेकिन फसल को नुकसान पहुंचा रहे, और गांव में आवारा घूम रहे जानवरों से परेशान होकर ग्रामीणों ने इस गौशाला में 5 हजार जानवरों को ठूंस—ठूंसकर भर दिया. जिससे गौशाला की व्यवस्था चरमरा गई है, भयंकर गंदगी का आलम है. जब यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया तो आनन—फानन में नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा, सोनौरी चौकी की पुलिस गांव पहुंची और मवेशियों को दूसरी जगह पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
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खुले आसमान के नीचे बैठे मवेशी
किसानों का कहना है कि हम अपनी फसल बचाने के लिए कड़ाके की सर्दी में रातभर टार्च के सहारे खेतों की रखवाली कर रहा हैं. उसके बावजूद आवारा जानवर उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. इसलिए उनको गौशाला में रखवा दिया. वे लोग मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन कितने दिन करेंगे यह कहा नहीं जा सकता. वहीं दूसरी तरफ गौशाला इतने मवेशियों के लिए पर्याप्त नहीं है, उनके लिए छाया भी नहीं है. ठंड में सभी खुले आसमान के नीचे बैठे हैं. सर्द मौसम में मवेशियों की मौत भी हो सकती है, जिसको लेकर प्रशासन परेशान है.