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लोकसभा चुनाव 2019 : रीवा के अन्नदाताओं के मन की बात

रीवा में 65 फीसदी आबादी सिर्फ किसान परिवारों की है और सत्ता पलटने के लिये ये आबादी काफी है. ईटीवी भारत ने लोकसभा चुवान के मद्देनजर किसानों से स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार के प्रति उनका रवैया जाना.

रीवा जिले का ग्रामीण इलाका
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Published : Apr 9, 2019, 6:07 PM IST

रीवा। चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का किसान मतदाता दोनों ही चुनावों में अहम भूमिका निभाता है. रीवा में तकरीबन 65 फीसदी आबादी किसान परिवारों की है, जो विधानसभा सीट पर राजनीतिक रूख पलटने के लिये काफी है. ऐसे में किसानों का स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार के प्रति क्या रवैया ये जानना भी जरूरी है.

किसानों से ईटीवी भारत की बातचीत के दौरान इस क्षेत्र से खास तौर पर दो ही मुद्दे सामने आये हैं. किसानों का कहना है कि सरकार को फसलों का समर्थन मूल्य बढा़ना चाहिये और आपदा के दौरान बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा मिले. एक किसान ने पीएम मोदी से कृषि यंत्रों में सब्सिडी, महंगे फर्टीलाइजर्स को सस्ता करने,भ्रष्टाचार खत्म करने और खाद के दाम कम करने की मांग की.

रीवा के किसानों की प्रतिक्रिया

किसानों का यह भी कहना रहा कि सरकार की किसान हितैषी योजनायें तो अच्छी हैं लेकिन उनका लाभ नहीं मिल पाया है. इसके अलावा इस इलाके के एक किसान का कहना रहा कि किसानों को फसल की सिंचाई के लिये बाण सागर बांध का पानी और बराबर मात्रा में खाद उपलब्ध हो रहा है, बिजली भी मिल रही है. वहीं एक किसान ने कहा कि केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान से गांव में स्वच्छता है और शौचालय बनने से भी बदलाव आया है.

रीवा। चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का किसान मतदाता दोनों ही चुनावों में अहम भूमिका निभाता है. रीवा में तकरीबन 65 फीसदी आबादी किसान परिवारों की है, जो विधानसभा सीट पर राजनीतिक रूख पलटने के लिये काफी है. ऐसे में किसानों का स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार के प्रति क्या रवैया ये जानना भी जरूरी है.

किसानों से ईटीवी भारत की बातचीत के दौरान इस क्षेत्र से खास तौर पर दो ही मुद्दे सामने आये हैं. किसानों का कहना है कि सरकार को फसलों का समर्थन मूल्य बढा़ना चाहिये और आपदा के दौरान बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा मिले. एक किसान ने पीएम मोदी से कृषि यंत्रों में सब्सिडी, महंगे फर्टीलाइजर्स को सस्ता करने,भ्रष्टाचार खत्म करने और खाद के दाम कम करने की मांग की.

रीवा के किसानों की प्रतिक्रिया

किसानों का यह भी कहना रहा कि सरकार की किसान हितैषी योजनायें तो अच्छी हैं लेकिन उनका लाभ नहीं मिल पाया है. इसके अलावा इस इलाके के एक किसान का कहना रहा कि किसानों को फसल की सिंचाई के लिये बाण सागर बांध का पानी और बराबर मात्रा में खाद उपलब्ध हो रहा है, बिजली भी मिल रही है. वहीं एक किसान ने कहा कि केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान से गांव में स्वच्छता है और शौचालय बनने से भी बदलाव आया है.

Intro:रीवा: कहते हैं कि किसान अगर खेती ना करें तो खाने तक के लाले पड़ जाते हैं।  इसी तरह अक्सर चुनावों में भी देखा जाता है।  अन्नदाता वर्ग चुनाव में एक अहम रोल अदा करता है।  रीवा में करीब 65% आबादी किसान परिवारों की है  जोकि सत्ता में उत्तल पुथल करने के लिए काफी है।  आइए जानते हैं कि स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार के प्रति क्या है रीवा के किसानों की सोच कितना हुआ विकास और इन विकास के कार्यों से कितना खुश है किसान।




Body:रीवा में चुनावी मुद्दे तो बहुत हैं वही उन मुद्दों के साथ इस बार किसान भी सत्ता में परिवर्तन कर सकता है।  किसान वर्ग केंद्र की योजनाओं और किसानों के प्रति सरकार के विकास कार्यों को लेकर कहा कि उन्हें केंद्र के द्वारा मिलने वाली योजनाओं का तथाकथित लाभ ही मिल पाता है।  किसानों ने कहा कि जो योजना केंद्र सरकार किसानों के लिए चला रही है उसका किसी प्रकार का भी फायदा उन तक नहीं पहुंच रहा है।  साथ ही मोदी सरकार के कार्यों को अच्छा बताते हुए कहा कि सरकार काम तो अच्छा कर रही है लेकिन उन कामों का फायदा मिल नहीं पा रहा है। सरकार के द्वारा चलाई गई योजना लोगों तक पहुंच तो रही है लेकिन उसका फायदा मिल नहीं रहा है।

इस बार के लोकसभा चुनाव में किसानों ने धान के समर्थन मूल्य और उच्च गुणवत्ता वाली खाद की बात की साथ ही कहा कि हम सरकार से इतना उम्मीद करते हैं कि किसान वर्ग को खेती में होने वाले नुकसान का पूरा और उचित मुआवजा मिल सके वहीं उन्होंने कहा कि हम ऐसी सरकार चाहते हैं जो किसान के प्रति संवेदनशील हो।  साथ ही किसानों ने सरकार से करप्शन को कम करने को लेकर अपील भी की और कहां की ऐसे लोगों की वजह से आम जनों तक योजनाओं का लाभ मिल नहीं पाता है ऐसे लोगों पर रोक लगाने की आवश्यकता काफी ज्यादा है।


बाईट1- किसान

बाइट2- किसान

बाइट3- किसान




Conclusion:...
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