रीवा/भिंड। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश की तरफ से आज शुक्रवार को मध्य प्रदेश बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा के परिणाम जारी कर दिए गए हैं. परिणाम आज दोपहर 1 बजे जारी किए गए. वहीं मेरिट लिस्ट में रीवा के आयुष मिश्रा और भिंड के आयुष तिवारी ने भी जगह बनाई है. आइए जानते हैं, किस तरह से दोनों छात्र ने पढ़ाई और ये मुकाम हासिल किया.
रीवा के आयुष ने 495 अंक प्राप्त किए: मऊगंज तहसील पर स्थित संस्कार वैली विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा दसवीं के छात्र आयुष मिश्रा ने प्रदेश की मेरिट लिस्ट में द्वितीय स्थान अर्जित किया. छात्र ने प्रदेश के साथ ही रीवा को गौरवान्वित किया है. आयुष ने 495 अंक प्राप्त किए हैं. जिसके बाद उसके परिवारजनों सहित जिले वासियों में खुशी का माहौल व्याप्त है. आयुष के पिता शिव शंकर मिश्रा पेशे से अधिवक्ता हैं, और उनकी माता गृहणी हैं.
अभी से कोटा में करने लगा कोचिंग: आयुष के पिता को शुरू से ही बेटे के परीक्षा परिणाम का इंतजार था. उन्होंने बच्चे को पढ़ाई में आगे बढ़ाने के लिए उसे कोटा राजस्थान से कोचिंग कराना भी शुरू कर दिया है. छात्र के शिक्षकों की माने तो शुरू से ही उसकी पढ़ाई में रुचि थी, और जो भी चीजें उसे पढ़ाई जाती थी वह उसके दिमाग में तुरंत बैठ जाती थी. जिसकी वजह से उसने प्रदेश में मेरिट लिस्ट में द्वितीय स्थान अर्जित किया. आयुष मिश्रा ने आईएएस बनने का सपना जाहिर किया है.
भिंड के आयुष तिवारी ने लाए 490 अंक: सिटी सेंटर स्कूल में 12वीं के छात्र आयुष तिवारी ने स्टेट मेरिट लिस्ट में 500 में से 490 अंक प्राप्त कर प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है. रिजल्ट आते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर है. छात्र ने बताया की उसने कभी सोचा नहीं था की उसे इस तरह सम्मान मिलेगा. छात्र महज अपनी पढ़ाई पर ध्यान देकर अच्छे से अपनी पढ़ाई कर भविष्य सुनिश्चित करना चाहता था. इस परिणाम से उसे एक अच्छे भविष्य की उम्मीद है.
छात्र बनना चाहता है लेफ्टिनेंट: आयुष की माता गृहणी हैं और पिता सीआरपीएफ जवान है. जो देश की सेवा करने के लिए जम्मू कश्मीर में तैनात हैं. छात्र के पिता शिव शंकर तिवारी ने बताया कि वे भी बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं. छात्र ने बताया की वह भी आगे अपने पिता की तरह देश सेवा करना चाहता है और एनडीए क्रेक कर लेफ्टिनेंट बनना चाहता है. आयुष ने बताया की 12वीं के लिए उसने पूर्व से ही तैयारी कर ली थी. कोरोना के दौरान पढ़ाई बहुत प्रभावित थी इसलिए उसने अपना सिलेबस रूटीन पहले ही शुरू कर दिया था.
मां ने कहा बच्चा पहले से है होशियार: आयुष ने टॉप करने का श्रेय माता पिता और शिक्षकों को दिया. उनकी इस उपलब्धि से उनकी माता भी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि वह एक होशियार बच्चा है. उसे कभी पढ़ाई के लिए टोकना नहीं पड़ा. उसके पिता भी चाहते हैं की वह उनकी तरह आर्मी में जाए देश की सेवा करे. आज उसने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है. आयुष के स्कूल प्रिंसिपल भी उसकी उपलब्धता से बेहद खुश हैं.