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दुनिया भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही हैः राज्यपाल लालजी टंडन

रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में कुशाभाऊ स्मृति भाषण का आयोजन किया गया. इस आयोजन के मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन रहे.

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Published : Sep 16, 2019, 11:02 PM IST

राज्यपाल लालजी टंडन

रीवा। नई शिक्षा नीति को लेकर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में कुशाभाऊ स्मृति भाषण माला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ आशाभरी निगाहों से देख रही हैं.

राज्यपाल लालजी टंडन

राज्यपाल ने कहा कि जब शिक्षा नीति विवादों में फंस जाती है तो परिणाम सुखद नहीं होते. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों के मन में राष्ट्रवाद तथा स्वाभिमान की भावना नहीं जागृत होगी तब तक विद्यार्थी विचारक नहीं बन सकेंगे. राज्यपाल ने कहा कि आज के छात्र गुमामी की मानसिकता प्रवृति को प्रदर्शित करते हुए नौकरी के लिए हाथ में डिग्री लेकर घूम रहे हैं.

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि आजादी के बाद आज तक हमने अपनी शिक्षा नीति नहीं अपनाई. हम जिस शिक्षा नीति पर चल रहे हैं, वह मैकाले पर आधारित है, जिसका उद्देश्य अंग्रेज शासकों की सेवा करना था. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में हमारे अंदर स्वाभिमान की भावना झलकाएगी. कार्यक्रम में राज्यपाल के साथ केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, विचारक भगवतशरण माथुर, रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला, विश्वविद्यालय कुलपति पीयूष रंजन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

रीवा। नई शिक्षा नीति को लेकर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में कुशाभाऊ स्मृति भाषण माला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ आशाभरी निगाहों से देख रही हैं.

राज्यपाल लालजी टंडन

राज्यपाल ने कहा कि जब शिक्षा नीति विवादों में फंस जाती है तो परिणाम सुखद नहीं होते. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों के मन में राष्ट्रवाद तथा स्वाभिमान की भावना नहीं जागृत होगी तब तक विद्यार्थी विचारक नहीं बन सकेंगे. राज्यपाल ने कहा कि आज के छात्र गुमामी की मानसिकता प्रवृति को प्रदर्शित करते हुए नौकरी के लिए हाथ में डिग्री लेकर घूम रहे हैं.

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि आजादी के बाद आज तक हमने अपनी शिक्षा नीति नहीं अपनाई. हम जिस शिक्षा नीति पर चल रहे हैं, वह मैकाले पर आधारित है, जिसका उद्देश्य अंग्रेज शासकों की सेवा करना था. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में हमारे अंदर स्वाभिमान की भावना झलकाएगी. कार्यक्रम में राज्यपाल के साथ केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, विचारक भगवतशरण माथुर, रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला, विश्वविद्यालय कुलपति पीयूष रंजन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

Intro:अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में आज कुशाभाऊ स्मृति भाषण माला का आयोजन किया गया इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के राज्यपाल माननीय लाल जी टंडन विशेष रूप से मौजूद रहे।


Body:नई नीति और हमारी भूमिका विषय पर आज रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति भाषण माला का आयोजन किया गया इस मौके पर कार्यक्रम पर उपस्थित मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल लालजी टंडन, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सहित तमाम अतिथि नई शिक्षा नीति पर अपनी बात रखी ।

राज्यपाल ने कहा कि आज दुनिया भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है लेकिन जब शिक्षा नीति वादों में फंस जाती है तो परिणाम सुखद नहीं होते। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों के मन में राष्ट्रवाद तथा स्वाभिमान की भावना जागृत होगी तब तक विद्यार्थी की विचारक नहीं बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि नौकरी की प्रवृत्ति गुलामी की मानसिकता प्रदर्शित करते आज छात्र हाथ में डिग्री लेकर नौकरों के लिए घूम रहे हैं।

इसके अलावा छात्रों और वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ा ही दुर्भाग्य का विषय है कि आजादी के बाद आज तक हमने अपनी शिक्षा नीति नहीं अपनाई अंग्रेजों ने जो शिक्षा नीति अपनाई थी , वह मैकाले पर आधारित थी जिसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेज शासकों की सेवा करना था । हमें इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में हमारे अंदर स्वाभिमान की भावना झलकती है । इस कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल के साथ केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, विचारक भगवतशरण माथुर, रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला ,विश्वविद्यालय कुलपति पीयूष रंजन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे...



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