रीवा। कोरोना संकट काल में युवक बीमार अवस्था में जंगल में पड़ा था, जिसे पीपीई किट ना होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उठाने से इंकार कर दिया था. कई घंटे बीत जाने के बाद बीमार युवक को किसी तरह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. दो दिन बाद आज पुलिस की टीम ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे दफन किया.
पिछले दिनों रेलवे स्टेशन के पास जंगल में बीमार पाया गया था, उसको कोरोना संदिग्ध मरीज मानकर कोई भी एम्बुलेंस अस्पताल पहुंचाने को तैयार नहीं थी और इस ड्रामे में चार घंटे तक वह वहीं पड़ा रहा. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की उपेक्षा के कारण कई घंटे वह वहीं जंगल में पड़ा रहा. बाद में कोरोना किट के साथ कर्मचारी वहां आए और उसे अस्पताल पहुंचाया.
मृतक उमरिया का रहने वाला था और उसके घर में सिर्फ बूढ़ी मां है जो शव लेने रीवा नहीं आ सकती थी. फलस्वरूप शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया. नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की मदद से बंदरिया मुक्तिधाम में शव को दफन करवाया है.