रीवा। रीवा (rewa)के मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते दिनों कचरे के ढेर (vaccine found in garbage )में मिली कोविशील्ड वैक्सीन (covishield vaccine) के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई की है. इस मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसपर कार्रवाई करते हुए 8 डॉक्टरों सहित 4 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. एक आयुष डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.
"Etv bharat" की खबर का हुआ असर
"Etv bharat" ने कोरोना से जान बचाने वाली वैक्सीन कोविशील्ड के कचरे के ढेर में फैंके जाने की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिस पर खबर का असर भी हुआ है. जानकारी मिलने के बाद जिला स्वास्थ विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. मामले में जांच टीम का गठन किया गया था जिसमें बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल केउल्लंघन मामला सामने आया है. इस मामले में संबंधित डॉक्टरों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है.
वैक्सीनेशन अभियान के दौरान दिखी लापरवाही
कोरोनावायरस के संक्रमण से निजात पाने को लेकर शासन और प्रशासन के द्वारा लगातार कोशिशें की जा रही हैं. प्रदेश और भारत सरकार महा वैक्सीनेशन अभियान चला रही हैं बावजूद इसके वैक्सीन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कर्मचारियों की लापरवाही के मामले भी सामने आ रहे हैं. ऐसा ही मामला मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया था जहां पर कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को बायोमेडिकल वेस्ट में फेंक दिया गया. जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा है कि कोरोना वैक्सीन की खराब शीशियों को कचरे के ढेर में फेंका गया है. बावजूद इसके बायो मेडिकल वेस्ट उल्लंघन के मामले के तहत जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई है. उनका कहना है की कोविशील्ड की सभी डोज इस्तेमाल की जा चुकी थी. एक वॉयल में 10 डोज थे. तीन से चार लोगों को लगाने के बाद उसमें कुछ लोगो का डोज बच जाता हैं जिसे दोबारा इस्तेमाल करने के बजाय इसे बेस्ट मानकर कचरे में डाल दिया जाता है.