रतलाम। 2019 चंद दिनों में अलविदा कह देगा. लेकिन जाता हुआ यह साल प्रदेश के किसानों को लिए शायद ही अच्छा कहा जाए. साल की शुरुआत में जोरदार पाला पड़ने से रबी की फसलों को भारी नुकसान हुआ. तो खरीफ की फसलों पर अतिवृष्टि की मार ने सबकुछ तबाह कर दिया.
बात अगर रतलाम जिले की जाए, तो प्रदेशभर में उन्नत खेती के लिए अपनी पहचान रखने वाला रतलाम जिले का किसान भी इस साल मुसीबतों से घिरा रहा. प्रदेशभर की तरह जिले में भी रबी और खरीब की फसलों को तो नुकसान हुआ ही. जबकि जिले की प्रमुख कपास की फसल भी इस साल बर्बाद हो गई.
प्रदेश में सत्ता बदलने से किसानों को कर्जमाफी की उम्मीद बंधी लेकिन वह भी आधी अधूरी रही. तो अतिवृष्टि की मुआवजा राशि अब तक नहीं मिली. साल के जाते-जाते जिले भर में यूरिया के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइने लगी रही. ईटीवी भारत ने जब इस मसले पर किसानों से बात कही तो उनका कहना था कि न तो पूरा कर्ज माफ हुआ और न मुआवजा मिला.
किसानों की बाते सुनकर तो यही लगता है कि 2019 ने किसानों के चहरे पर मुस्कान से ज्यादा परेशानी बनाए रखी. बहरहाल 2019 जाने वाले वाला है और नई उम्मीदों के साथ 2020 आने वाला है. जिससे किसानों को भी इस नूतनवर्ष से कई उम्मीदे बंधी हुई है.