मंदसौर। पांच साल पहले 2017 में मंदसौर जिले में भड़के किसान आंदोलन से जुड़ा एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में मल्हारगढ़ विधानसभा के कांग्रेसी नेताओं ने, सुर्खियां बटोरने के लिए खुद ही किसान आंदोलन को करवाने की बात कबूल की है. मल्हारगढ़ से विधानसभा के प्रत्याशी रहे श्यामलाल जोकचंद खुद इन दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान के रामदेवरा तक 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर हैं. रामदेवरा मंदिर पहुंचने के पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रास्ते में हुई मुलाकात के दौरान के इस वायरल वीडियो में श्यामलाल दोबारा उन्हें ही टिकट दिए जाने की मांग करते हुए मंदसौर में 5 साल पहले किसान आंदोलन शुरु कराने की बात कबूली है. इस आंदोलन में 6 किसानों की मौत हो गई थी.
कांग्रेसियों का कबूलनामा: साल 2017 की 6 जून को मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पिपलिया मंडी और बही चौपाटी पर हुए किसानों के उग्र आंदोलन को शुरु कराने का जिम्मा कांग्रेसियों ने लिया है. इसके संबंध में आखिरकार कांग्रेसी नेताओं ने खुद ही जिम्मा ले लिया है. शुक्रवार, दोपहर को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मल्हारगढ़ विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी श्यामलाल जोकचंद और उनके साथी नेता कमलेश पाटीदार दोनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बातचीत के दौरान इलाके में 5 साल पहले किसान आंदोलन कराने का जिम्मा लिया है.
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मोदी बचाओ, राहुल लाओ यात्रा पर हैं श्यामलाल: जोकचंद पिछले हफ्ते ही मल्हारगढ़ से राजस्थान के रामदेवरा तक की पैदल यात्रा पर निकले हैं" मोदी हटाओ राहुल गांधी को लाओ" का नारा लेकर इस यात्रा के जरिए श्यामलाल जोकचंद मालवा और मेवाड़ के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को आपस में जोड़ने का मिशन चला रहे हैं. इस यात्रा के अंतिम पड़ाव पर शुक्रवार को बीच रास्ते में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी मुलाकात हुई. थी इस दौरान कांग्रेसी नेता कमलेश पाटीदार और जोकचंद ने उन्हें मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन शुरु कराने का जिक्र किया था. वायरल वीडियो में उन्होंने साफ कबूल किया कि उनके द्वारा किए गए किसान आंदोलन के बाद प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार बनी थी.
सिंधिया की शिकायत भी की:वीडियो में श्यामलाल जोकचंद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की शिकायत करते हुए भी नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में सिंधिया ने ही उनका टिकट कटवाया था. उन्होंने अशोक गहलोत से अगले चुनाव में फिर से टिकट देने की भी मांग भी की है. आपको बता दें कि 2 जून 2017 में फसलों की वाजिब मांग को लेकर किसान सड़कों पर उतर आए थे. इस आंदोलन ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था. सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए कार्रवाई की थी. जिसमें पुलिस और किसानों के बीच मुठभेड़ में 5 किसानों की मौत हो गई थी. आंदोलन के दौरान ही दलोदा में पुलिस की पिटाई से एक अन्य किसान ने भी दम तोड़ दिया था. किसानों की मौत का ये मुद्दा 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा बना और सत्ता परिवर्तन की वजह बना था.