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किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल पहले दिन रही बेअसर, मंडी में सब्जी लेकर पहुंचे किसान

प्रदेश भर में भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार से तीन दिवसीय हड़ताल करने की बात कही थी. लेकिन भारतीय किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल पहले दिन ही बेअसर साबित हुई. धार जिले के साथ-साथ मंदसौर और नरसिंहगढ़ जिले में भी हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा.

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Published : May 29, 2019, 8:41 PM IST

किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल बेअसर

धार। प्रदेश भर में भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार से तीन दिवसीय हड़ताल करने की बात कही थी. जिसमें यूनियन ने सब्जी मंडियों में किसानों द्वारा दूध, फल नहीं बेचे जाने और जाएंगे, शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल किए जाने का दावा किया था. लेकिन भारतीय किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल पहले दिन ही बेअसर साबित हुई. धार जिले के साथ-साथ मंदसौर और नरसिंहगढ़ जिले में भी हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा.

दरअसल, भारतीय किसान यूनियन ने आज से तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था. इसके मद्देनजर यूनियन ने किसानों से मंडियों में अपनी कृषि उपज और फल सब्जियों के अलावा दूध बिक्री हेतु ना लाने की भी अपील की थी. लेकिन यूनियन की अपील के बाद भी मंडियों के साथ खेरची दुकानों पर भी फल, सब्जी के साथ दूध की बिक्री हुई. नौतपा के चलते गर्मी अधिक होने के चलते बाजारों में रौनक कम दिखी लेकिन हड़ताल का कोई भी असर जिले में कहीं भी देखने को नहीं मिला.

किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल बेअसर

किसान रवि ने बताया कि हड़ताल और आंदोलन करने से किसान को नुकसान होता है. यदि कोई समस्या है तो वह अपने क्षेत्र के सांसद विधायक और अधिकारियों से चर्चा कर किसानों की समस्याओं को दूर किया जाएगा. पहले भी किसानों ने हड़ताल और आंदोलन किए थे जिसमें किसानों का काफी नुकसान हुआ था इसलिए किसान हड़ताल पर नहीं है. मंदसौर के भारतीय किसान यूनियन जिलाअध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर वादा पूरा न करने की बात कही है. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो साल 2017 का तरह उग्र आंदोलन किया जाएगा.

वहीं नरसिंहगढ़ में भारतीय किसान यूनियन ने तहसील परिसर में पहुंचकर नारेबाजी कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. साथ ही किसान यूनियन के सदस्यों का कहना है कि 15 दिन के अंदर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

धार। प्रदेश भर में भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार से तीन दिवसीय हड़ताल करने की बात कही थी. जिसमें यूनियन ने सब्जी मंडियों में किसानों द्वारा दूध, फल नहीं बेचे जाने और जाएंगे, शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल किए जाने का दावा किया था. लेकिन भारतीय किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल पहले दिन ही बेअसर साबित हुई. धार जिले के साथ-साथ मंदसौर और नरसिंहगढ़ जिले में भी हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा.

दरअसल, भारतीय किसान यूनियन ने आज से तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था. इसके मद्देनजर यूनियन ने किसानों से मंडियों में अपनी कृषि उपज और फल सब्जियों के अलावा दूध बिक्री हेतु ना लाने की भी अपील की थी. लेकिन यूनियन की अपील के बाद भी मंडियों के साथ खेरची दुकानों पर भी फल, सब्जी के साथ दूध की बिक्री हुई. नौतपा के चलते गर्मी अधिक होने के चलते बाजारों में रौनक कम दिखी लेकिन हड़ताल का कोई भी असर जिले में कहीं भी देखने को नहीं मिला.

किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल बेअसर

किसान रवि ने बताया कि हड़ताल और आंदोलन करने से किसान को नुकसान होता है. यदि कोई समस्या है तो वह अपने क्षेत्र के सांसद विधायक और अधिकारियों से चर्चा कर किसानों की समस्याओं को दूर किया जाएगा. पहले भी किसानों ने हड़ताल और आंदोलन किए थे जिसमें किसानों का काफी नुकसान हुआ था इसलिए किसान हड़ताल पर नहीं है. मंदसौर के भारतीय किसान यूनियन जिलाअध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर वादा पूरा न करने की बात कही है. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो साल 2017 का तरह उग्र आंदोलन किया जाएगा.

वहीं नरसिंहगढ़ में भारतीय किसान यूनियन ने तहसील परिसर में पहुंचकर नारेबाजी कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. साथ ही किसान यूनियन के सदस्यों का कहना है कि 15 दिन के अंदर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Intro:प्रदेश भर में भारतीय किसान यूनियन ने आज से तीन दिवसीय हड़ताल करने की बात कही थी जिसमें यूनियन यह दावा किया था कि किसान दूध,फल,सब्जी मंडियों में बेचने नहीं जाएंगे और शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल करेंगे परंतु भारतीय किसान यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल पहले दिन ही बेअसर साबित हुई धार जिले में हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा मंडियों के साथ खेरची दुकानों पर भी फल,सब्जी के साथ दूध बिक्री हुई, नौतपा के चलते गर्मी अधिक थी जिससे बाजारों में रोनक कम दिखी परंतु हड़ताल का कोई भी असर जिले में कहीं भी देखने को नहीं मिला वही किसान रवि ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन की हड़ताल जरूर थी पर उसका किसानों पर कोई असर नहीं है किसानों ने उसमें कोई सहयोग नहीं करा है आखिर किसान हड़ताल क्यों करें हड़ताल और आंदोलन करने से किसान को नुकसान होता है यदि कोई समस्या है तो वह अपने क्षेत्र के सांसद विधायक और अधिकारियों से चर्चा करेंगे, वह सब मिलकर किसानों की समस्याओं को दूर करेंगे, पहले भी किसानों ने हड़ताल करी थी आंदोलन किए थे जिसमें किसानों का नुकसान हुआ था ,हड़ताल और आंदोलन करने से किसानो का फायदा नहीं होता है,उल्टा किसान का नुकसान होता है इसलिए किसान हड़ताल पर नहीं है।

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