जबलपुर। कोरोना ने युवाओं के हार्ट को कमजोर कर दिया है. बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों से युवाओं की लाइफ कम हो गई. दुनिया में कोई भी हमेशा रहने के लिए नहीं आता. लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक युवाओं की मौत हो रही है, यह अपने आप में चिंता की बात है. बीते दो साल में कोरोना संक्रमण नें पूरी दुनिया को हिला दिया. इस संक्रमण ने हजारों लोगों की जान ले ली है. समझा जा रहा था कि अब कोरोना खत्म हो गया है और एक बार फिर जीवन सामान्य हो गया है. पर ऐसा नहीं है क्योंकि मेडिकल फॉरेन्सिक डिपार्टमेंट (medical forensic department) ने खुलासा किया है कोरोना संक्रमण ने युवाओं की लाइफ को कम कर दिया है.
फॉरेन्सिक विभाग का खुलासा: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) के फॉरेन्सिक विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कोरोना ने युवाओं के हार्ट को कमजोर किया है. इस संक्रमण के जकड़ में आने के बाद युवाओं का हार्ट बेहद ही कमजोर हो गया है. जिसके कारण वह दिल मे अधिक दवाब नहीं झेल पाता. लिहाजा अधिक दवाब पड़ने के कारण हार्ट फेल हो जाता है. फॉरेन्सिक विभाग के हेड डॉ. विवेक अग्रवाल बताते हैं कि जो ठीक ठाक हार्ट होता है वह सामान्य दिनचर्या के लिए ठीक होता है. ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत नही पड़ती है पर जब व्यक्ति दौड़ता है या उसे हार्ट से अधिक काम लेना होता है तब हार्ट को पम्पिंग एक्शन में ज्यादा मेहनत करनी होती है तो उस समय कमजोर हार्ट दवाब को सह नहीं पाता लिहाजा हार्ट फेल जाता है.
कोरोना के बाद लोगों के मसल्स पर काफी प्रॉब्लम आ रही हैं. जिसका असर दिल की मसल्स पर भी पड़ा है. नार्मली हार्ट का असर सामान्य दिनचर्या पर नहीं पड़ता. उसे ज्यादा ऑक्सीजन और ब्लड की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन जब हॉर्ट से ज्यादा काम लेना हो, दौड़ना हो तब हॉर्ट को पम्पिंग एक्शन में ज्यादा मेहनत करना पड़ती है. इस दौरान कमजोर हॉर्ट यह स्ट्रेस सह नहीं पाता और मौत होने की संभावना रहती है.
डॉ. विवेक अग्रवाल, हेड फॉरेन्सिक विभाग
20 से 30 की उम्र में हॉर्ट फेल: डॉ. विवेक अग्रवाल की माने तो पहले हार्ट अटैक के केस 40 से 50 साल की उम्र में होते थे पर कोरोना संक्रमण के बाद अब युवा जिनकी उम्र 20 से 30 साल की होती है उनमें केस संख्या ज्यादा देखे जा रहे है. डॉ अग्रवाल ने बताया हाल ही में पुलिस भर्ती में दौड़ के दौरान जिन दो युवाओं की मौत हुई थी उसकी वजह भी हार्ट फेल होना था जिसमें से की एक युवक की उम्र तो महज 21 साल थी. फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के इस खुलासे के बाद डॉ. विवेक अग्रवाल ने युवाओं से अपील की है अपने खानपान में बदलाव करने की अपील की है. साथ ही कहा कि समय-समय पर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह भी लेते रहें.
(Heart attack increased after Covid 19) (Youth also facing heart related problems) (Doctors advising to maintain good lifestyle)