जबलपुर। मानवता की सेवा के कहने को तो कई पेशे हैं, लेकिन इसमें से खास पेशा है नर्स का. जो हमेशा बीमारी और मरीज के बीच एक ढाल बनकर खड़ी रहती है. आज वर्ल्ड नर्स डे पर, हम आपको ऐसी ही एक नर्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जो पिछले 16 सालों से लगातार अपना फर्ज निभा रही हैं. सफेद एप्रिन पहने, बच्चों और महिलाओं का इलाज करती ये हैं सुप्रभा, जो पिछले 16 सालों से लगातार मानवता की सेवा में जुटी है. लेकिन चेहरे पर जरा सी भी शिकन नहीं, बल्कि काम करने का उत्साह दिन ब दिन और भी बढ़ता जा रहा है. सुप्रभा एएनएम नर्स हैं जिनकी डयूटी डिलेवरी सेक्शन में रहती है. ये अब तक 1500 से भी ज्यादा डिलेवरी करा चुकी हैं.
16 सालों से कर रही हैं ड्यूटी
जिंदगी और मौत के बीच झूलती जिदंगी को बचाना हो या फिर दुनिया में आए नन्हे बच्चों को अपने स्पर्ष से नया जीवन देना, ये काम सुप्रभा पिछले 16 सालों से बखूबी करती आ रही हैं. जिसकी तारीफ जबलपुर के पूरे स्वास्थ्य विभाग में होती है. कटनी जिले से अपने करियर की शुरुआत करने वाली सुप्रभा ने गांव में महिलाओं की नॉर्मल डिलेवरी कराने की मुहिम छेड़ रखी है. ताकि महिलाओं को स्वास्थ्य और जागरुक किया जा सके.
सुप्रभा कहती है नर्स होने के नाते उनकी जिम्मेदारी होती है कि हर महिला का पूरा इलाज किया जाए. आजकल डर के चलते महिलाओं की ऑपरेशन के जरिए डिलेवरी कराई जाती है. लेकिन वो इस परिपाटी को बदलने में जुटी हैं. सुप्रभा उसी महिला को ऑपरेशन से डिलेवरी कराने की सलाह देती है, जिसकी हालात गंभीर होती है.
ग्रामीण महिलाओं को कर रही जागरूक
एक तरफ शहरी इलाको में प्राइवेट अस्पताल बंद पड़े हैं. ऐसे में सुप्रभा ग्रमीण इलाकों में बने स्वास्थ्य केन्द्रों को खोलकर लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं. ताकि संक्रमण के इस काल में गांव की गर्भवति महिलाओं की पूरी देखभाल हो. खास बात ये है कि शहरी माहौल में लगभग 100 में से 90 केस में ऑपरेशन के जरिए महिलाओं की डिलेवरी होती है. जबकि सुप्रभा ने ग्रामीण अंचल मे इसका उल्टा आंकड़ा मेंटेंन किया है. ताकि ग्रामीण महिलाओं को परेशानियों का सामना ना करना पड़े. सुप्रभा का ये काम वाकई काबिले तारीफ है.