ETV Bharat / city

धरती के देवताओं ने दिया न मिटने वाला दर्द, इंसाफ के लिए भटक रही 12 साल की बच्ची

जबलपुर जिले के रांझी थाना क्षेत्र में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. महिला की नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान हालत बिगड़ गई और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी जान चली गई, मृतका की बेटी ने कई बार पुलिस में डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत की लेकिन, उसकी सुनवाई नहीं हुई. अब बेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है ताकि उसकी मां को न्याय और उसे मुआवजा मिल सके.

मृतका और बेटी ( फाइल फोटो)
author img

By

Published : Feb 11, 2019, 12:45 AM IST

जबलपुर। डॉक्टरों को धरती का देवता कहा जाता है, ये देवता जिंदगी देते हैं. लेकिन, जिंदगी देने वाले ये देवता जिंदगी छीनने लग जाएं तो इसे क्या कहा जाएगा. जबलपुर डॉक्टर की लापरवाही ने दो बच्चियों से उनकी मां छीन ली. आलम ये है कि मृतका की 12 साल की बेटी, जिसके खेलने-कूदने, पढ़ने के दिन थे वह कोर्ट के चक्कर काट रही है.

10 दिसंबर 2018 को जिले के रांझी थाना क्षेत्र के मनी गांव की रहने वाली अनीता बाथरे का रांझी के सरकारी अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन हुआ था. लेकिन, नसबंदी का मामूली ऑपरेशन डॉक्टर आशीष और डॉक्टर विनीता की लापरवाही से जानलेवा साबित हुआ जिससे अनीता की मौत हो गई.

मां के लिये न्याय की गुहार लगाने वाली बेटी
undefined

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि नसबंदी के दौरान अनीता की कोई और नस कट गई और ज्यादा ब्लीडिंग होने से उसकी मौत हो गई. धरती के देवताओं ने तो अनीता के परिवार को दर्द दिया ही था, इसके बाद बारी थी पुलिस की. परिजनों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं की, जिसके बाद कोर्ट में याचिका दर्ज करते हुए बच्ची ने डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और मुआवजा दिलाने की अपील की है. हो सकता है कि बच्ची की शिकायत पर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई हो जाए, उसे मु्आवजा भी मिल जाए, लेकिन उसकी जिंदगी में अभिशाप बनकर आए धरती के देवता कहलाने वाले डॉक्टरों ने जो दर्द उसे दिया है वो शायद ही कभी मिट सके.

जबलपुर। डॉक्टरों को धरती का देवता कहा जाता है, ये देवता जिंदगी देते हैं. लेकिन, जिंदगी देने वाले ये देवता जिंदगी छीनने लग जाएं तो इसे क्या कहा जाएगा. जबलपुर डॉक्टर की लापरवाही ने दो बच्चियों से उनकी मां छीन ली. आलम ये है कि मृतका की 12 साल की बेटी, जिसके खेलने-कूदने, पढ़ने के दिन थे वह कोर्ट के चक्कर काट रही है.

10 दिसंबर 2018 को जिले के रांझी थाना क्षेत्र के मनी गांव की रहने वाली अनीता बाथरे का रांझी के सरकारी अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन हुआ था. लेकिन, नसबंदी का मामूली ऑपरेशन डॉक्टर आशीष और डॉक्टर विनीता की लापरवाही से जानलेवा साबित हुआ जिससे अनीता की मौत हो गई.

मां के लिये न्याय की गुहार लगाने वाली बेटी
undefined

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि नसबंदी के दौरान अनीता की कोई और नस कट गई और ज्यादा ब्लीडिंग होने से उसकी मौत हो गई. धरती के देवताओं ने तो अनीता के परिवार को दर्द दिया ही था, इसके बाद बारी थी पुलिस की. परिजनों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं की, जिसके बाद कोर्ट में याचिका दर्ज करते हुए बच्ची ने डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और मुआवजा दिलाने की अपील की है. हो सकता है कि बच्ची की शिकायत पर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई हो जाए, उसे मु्आवजा भी मिल जाए, लेकिन उसकी जिंदगी में अभिशाप बनकर आए धरती के देवता कहलाने वाले डॉक्टरों ने जो दर्द उसे दिया है वो शायद ही कभी मिट सके.

Intro:जबलपुर मै नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान गलती की वजह से एक महिला की जान गई 12 साल की बेटी ने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका लगाई डॉक्टरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की


Body:जबलपुर रांची के माने गांव में रहने वाली 12 साल की शिवानी ने हाईकोर्ट मैं अपनी मां के हत्यारों को सजा दिलवाने की मांग की है

दरअसल 10 दिसंबर 2018 को मनी गांव की रहने वाली अनीता बाथरे का नसबंदी का ऑपरेशन था अनीता कोर्ट रांझी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर विनीता उप्पल और डॉक्टर आशीष राज ने अनीता का ऑपरेशन शुरू किया नसबंदी का ऑपरेशन सामान्य तौर पर छोटा सा ऑपरेशन माना जाता है और नसबंदी के ऑपरेशन में किसी की जान चली जाए ऐसी संभावना भी नहीं होती अनीता का ऑपरेशन शुरू होने के तुरंत बाद अनीता की तेज आवाज आई डॉक्टरों ने साथ में आए भाई को जानकारी दी कि अनीता की तबीयत बिगड़ रही है और अनीता को जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा परिवार को लगा कि कोई समस्या बन गई है इसलिए अनीता को लेकर जिला अस्पताल भागे जिला अस्पताल में अनीता को भर्ती तो कर लिया लेकिन थोड़ी ही देर बाद मृत घोषित कर दिया नसबंदी के ऑपरेशन में मौत बात किसी की समझ में नहीं आई परिवार वालों ने इस मामले की शिकायत थाने में की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई हालांकि अनीता के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और पोस्टमार्टम में डॉक्टरों ने यह बात स्वीकार की किन नसबंदी की नस को काटने की वजह दांतों ने दूसरी नस काट दी थी जिससे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो गई जिस नस को काटा गया था वह शरीर में लगभग 2 इंच दूर थी लेकिन डॉक्टरों ने लापरवाही की वजह से गलत नस काट दी पीड़ित परिवार मैं एक 11 महीने की बच्ची है और दूसरी बच्ची 12 साल की है बड़ी लड़की ने अपने मां की मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ सजा करवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है

याचिका में डॉक्टर के खिलाफ गलत ऑपरेशन करने के जुर्म में डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और पीड़ित परिवार को ₹2000000 का मुआवजा दिया जाए


Conclusion:कोर्ट ने आरोपी डॉक्टरों को जबलपुर कलेक्टर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और थाना प्रभारी रांझी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.